MP NEWS - एक्सीलेंस कॉलेजों के लिए दूसरे सरकारी कॉलेजों का रिजल्ट बिगाड़ने वाला आदेश

मध्य प्रदेश शासन, उच्च शिक्षा विभाग के कमिश्नर श्री निशांत वरवड़े ने पीएम कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए, मध्य प्रदेश के दूसरे सरकारी कॉलेज में शिक्षा का संकट पैदा कर देने वाला आदेश जारी किया है। वह चाहते हैं कि दूसरे सरकारी कॉलेज में कंप्यूटर साइंस और बायोटेक्नोलॉजी पढ़ने वाले असिस्टेंट प्रोफेसर अपना कॉलेज छोड़कर पीएम कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस में आकर पढ़ाएं। 

मध्य प्रदेश के पीएम कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस में बायोटेक्नोलॉजी और कंप्यूटर साइंस टीचर की वैकेंसी

इलेक्ट्रिसिटी निशांत बरवाड़ा ने दिनांक 17 जनवरी 2025 को पत्र क्रमांक 155 में मध्य प्रदेश के सभी सरकारी कॉलेज के प्राचार्य को आदेशित किया है कि, आपके महाविद्यालय में कार्यरत ऐसे सहायक प्राध्यापकों को जिनका स्नातकोत्तर बायोटेक्नोलॉजी विषय में है, उन्हें प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेन्स में बायोटेक्नोलॉजी विषय हेतु एवं जिनका स्नातकोत्तर कम्प्यूटर विज्ञान / कंप्यूटर एप्लीकेशन/इलेक्ट्रोनिक विज्ञान विषय में है उन्हें प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेन्स में कम्प्यूटर विज्ञान विषय हेतु चिन्हांकित करें। उक्त चिन्हांकित पात्रता रखने वाले सहायक प्राध्यापकों को प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेन्स में सृजित बायोटेक्नोलॉजी एवं कम्प्यूटर विज्ञान विषय के अध्यापन के लिए आवेदन करने हेतु सूचित करें। 

यदि कोई आपत्ति उठाई तो उसे कनेक्टर करने के लिए इस पत्र में यह भी लिखा है कि पात्रता रखने वाले सहायक प्राध्यापक ऐच्छिक रूप से आवेदन करें। सवाल यह है कि यदि एक भी असिस्टेंट प्रोफेसर अपना कॉलेज छोड़कर दूसरे कॉलेज में पढ़ाने के लिए जाता है तो उसके कॉलेज में, उसकी क्लास को कौन पढ़ाएगा। एक कॉलेज में शिक्षा की व्यवस्था करने के लिए दूसरे कॉलेज में शिक्षा का संकट पैदा कर देना। ऐसे सिस्टम को कौन उचित कह सकता है।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!
$("#merobloggingtips-before-ad .widget").each(function () { var e = $(this); e.length && e.appendTo($("#before-ad")) }), $("#merobloggingtips-after-ad .widget").each(function () { var e = $(this); e.length && e.appendTo($("#after-ad")) });