मध्य प्रदेश के इंदौर में राहुल गांधी द्वारा राजा महाराजाओं पर की गई टिप्पणी को लेकर गुना लोकसभा से सांसद एवं केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, भड़क उठे हैं। उन्होंने राहुल गांधी के बयान पर सख्त आपत्ति दर्ज करवाई है। उल्लेखनीय है कि, मध्य प्रदेश में "महाराजा" का मतलब सिंधिया राज परिवार होता है और पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह को "राजा साहब" कहा जाता है। हालांकि इस सभा में श्री दिग्विजय सिंह उपस्थित थे।
राहुल गांधी ने रैली में क्या कहा
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस पार्टी के सुपर हीरो राहुल गांधी ने आज महू, इंदौर में जय भारत जय भीम जय संविधान रैली को संबोधित करते हुए कहा कि, आजादी से पहले, इस देश में, गरीबों के कोई अधिकार नहीं थे। दलितों की कोई अधिकार नहीं थे, पिछड़ों के कोई अधिकार नहीं थे, आदिवासियों के कोई अधिकार नहीं थे। अधिकार सिर्फ महाराज और राजा के थे। वह बदलाव आजादी के दिन आया था। आपको जमीन दी गई, जमीन का हक दिया गया। अधिकार दिए गए।
ज्योतिरादित्य सिंधिया की दलील पढ़िए
संविधान को अपनी 'पॉकेट डायरी' समझने वाले नेता राहुल गांधी द्वारा आजादी से पूर्व भारत के राजपरिवारों की भूमिका को लेकर दिया गया बयान उनकी संकीर्ण सोच व समझ को उजागर करता है। सत्ता और कुर्सी की भूख में वह भूल गए हैं की इन राजपरिवारों ने वर्षों पहले भारत में समानता और समावेशी विकास की नींव रखी थी।
ये भूल गये हैं कि:
- बड़ौदा महाराज सयाजीराव गायकवाड़ ने हमारे संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर को शिक्षा प्राप्त करने के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई थी।
- छत्रपति साहूजी महाराज ने 1902 में पहली बार देश के बहुजनों को अपनी शासन व्यवस्था में 50 प्रतिशत आरक्षण देकर सामाजिक न्याय की बुनियाद रखी थी।
- पिछड़े वर्गों को शैक्षणिक रूप से सशक्त बनाने के लिए ग्वालियर के माधव महाराज प्रथम ने पूरे ग्वालियर- चंबल में शिक्षा और रोजगार के केंद्र खुलवाये थे।
वह तानाशाही विचारधारा को जन्म देने वाली कांग्रेस थी जिन्होंने दलितों, वंचितों और पिछड़े वर्ग के अधिकारों पर कुठाराघात करने का काम किया। राहुल गांधी, पहले इतिहास पढ़ें, फिर बयानबाजी करें!
संविधान को अपनी 'पॉकेट डायरी' समझने वाले नेता राहुल गांधी द्वारा आजादी से पूर्व भारत के राजपरिवारों की भूमिका को लेकर दिया गया बयान उनकी संकीर्ण सोच व समझ को उजागर करता है। सत्ता और कुर्सी की भूख में वह भूल गए हैं की इन राजपरिवारों ने वर्षों पहले भारत में समानता और समावेशी विकास… pic.twitter.com/bOsF5PA7EQ
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) January 27, 2025