मध्यप्रदेश शासन के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, मध्य प्रदेश द्वारा दिनांक 3 जनवरी 2025 को संपन्न की गई संविदा जिला कार्यक्रम प्रबंधक संविदा जिला लेखा प्रबंधक एवं संविदा कम्युनिटी मोबिलाइज की चयन एवं नियुक्ति प्रक्रिया में गड़बड़ी का आरोप लगाया गया है। शिकायत करने वाले उम्मीदवार ने अपना नाम गोपनीय रखने का निवेदन किया है परंतु संबंधित डॉक्यूमेंट संलग्न किए हैं।
यदि बेईमानी नहीं की तो फिर वेबसाइट से मेरिट लिस्ट क्यों हटाई
उम्मीदवार ने बताया कि पूरी भर्ती प्रक्रिया में, ऐसा कोई भी नहीं था जो भर्ती प्रक्रिया की मॉनीटरिंग कर रहा हो अथवा किसी भी उम्मीदवार की शिकायत या फिर समस्या को सुनने के लिए निर्धारित किया गया हो। जैन अभ्यर्थियों का चयन कॉमन मेरिट लिस्ट में किया गया था उन सभी कैंडिडेट्स का डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन नहीं करवाया गया। मेरिट लिस्ट के उम्मीदवारों को शामिल किए बिना ही फाइनल लिस्ट जारी कर दी गई। रूल बुक में जितने पद प्रदर्शित किए गए हैं, इस भर्ती प्रक्रिया में उन सभी पदों पर नियुक्ति नहीं की गई। दिनांक 25 नवंबर 2024 को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के दौरान शैक्षणिक योग्यता में बदलाव कर दिया गया और इसकी कोई सूचना नहीं दी गई। भर्ती प्रक्रिया के बीच में अचानक डिस्टेंस एजुकेशन को अमान्य घोषित कर दिया गया। कॉमन मेरिट लिस्ट को भी वेबसाइट से हटा दिया गया है।
एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट की भी गड़बड़ी हुई है
शिकायत करने वाले उम्मीदवार ने दावा किया है कि, जिन उम्मीदवारों को नियुक्ति प्रदान की गई है उनमें से कुछ ऐसे भी है जिनके पास किसी भी "शासकीय मान्यता-प्राप्त NGO" संस्था में काम करने का अनुभव नहीं है। केवल मध्यप्रदेश फर्म एवं सोसायटी से पंजीकृत संस्था का अनुभव प्रमाण पत्र लगा दिया गया है। इस प्रकार की एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट का कोई वैधानिक मूल्य नहीं होता है। उम्मीदवार ने यह भी बताया कि जो लोग NGO की मान्यता से तात्पर्य जानना चाहते हैं वह कृपया समाज कल्याण विभाग मंत्रालय के पत्र क्रमांक एफ-5-65/99/26-2 दिनांक 30 मार्च 99 का अवलोकन करें।