MP OBC आरक्षण - सागर केंद्रीय विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को हाजिर होने के आदेश

ओबीसी आरक्षण संबंधी 87 प्रकरणों की सुनवाई माननीय उच्च न्यायालय के डिवीजन बेंच एक में किया गया। ओबीसी आरक्षण के पक्ष में वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर, विनायक प्रसाद शाह ने न्यायालय में तर्क दिया। राजनैतिक दल यूथ फॉर इक्वलिटी द्वारा ओबीसी आरक्षण के विरुद्ध दायर जनहित याचिका की सुनवाई मुख्य न्यायमूर्ति श्री सुरेश कुमार कैथ और न्यायमूर्ति विवेक जैन के बेंच में किया गया। 

सागर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ गिरीश कुमार का मामला

सागर केंद्रीय विश्वविद्यालय में कंप्यूटर साइंस विभाग के प्रोफेसर डॉ गिरीश कुमार ने यूथ फॉर इक्वलिटी नामक राजनैतिक पार्टी की ओर से WP 18105/2021 याचिका दायर किया है। याचिका में शपथ पत्र पर कथन किया है कि वह याचिकाकर्ता संस्था राजनैतिक दल यूथ फॉर इक्वलिटी के सचिव है। पिछली सुनवाई दिनांक 06/12/2024 को माननीय उच्च न्यायालय ने सागर विश्वविद्यालय के नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था कि प्रोफेसर पद पर रहते हुए एक राजनैतिक दल का सचिव होना कदाचरण की श्रेणी में आता है या नहीं? 

नोटिस तामील होने के बाद भी सागर यूनिवर्सिटी ने जवाब नहीं दिया

माननीय उच्च न्यायालय के रजिस्ट्री द्वारा विश्वविद्यालय को नोटिस भेजा गया। नोटिस की तामिली भी विश्वविद्यालय को हो चुकी हैं। इसके बावजूद भी विश्वविद्यालय की तरफ से कोई भी अधिवक्ता उपस्थित नहीं हुए। माननीय उच्च न्यायालय ने आदेश दिनांक 06/12/2024 के पालन नहीं करने पर सागर केंद्रीय विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को व्यक्तिगत उपस्थिति के लिए आदेश जारी किया है अगली सुनवाई दिनांक 28/1/2025 को नियत की गई है। उच्च न्यायालय के आदेश का पालन नहीं करना न्यायालय अवमानना की श्रेणी में आता है।

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