मध्य प्रदेश शासन, स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत लोक शिक्षण संचालनालय, भोपाल द्वारा मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल के माध्यम से आयोजित प्राथमिक शिक्षक वर्ग 3 एवं माध्यमिक शिक्षक वर्ग 2 चयन परीक्षा में आयु सीमा को लेकर जबलपुर स्थित हाई कोर्ट आफ मध्य प्रदेश में याचिका दाखिल की गई है। इस याचिका में, प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक चयन परीक्षा में आयु सीमा समाप्त करने का निवेदन किया गया है।
ग्वालियर वाले अवधेश और पन्ना वाले गौरव ने लगाई याचिका
याचिकाकर्ता श्री अवधेश बाजपेई, निवासी ग्वालियर एवं गौरव शर्मा निवासी जिला पन्ना, क्रमशः दोनों ही, प्राइवेट शिक्षक हैं। माध्यमिक शिक्षक पद पर, नियुक्ति हेतु आयोजित पात्रता परीक्षा 2023 में दोनों शामिल हुए थे और दोनों ने पात्रता परीक्षा को क्वालीफाई किया है। सन 2022 में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा कोरोना डिस्टरबेंस के कारण सभी सरकारी भर्तियों में, आयु सीमा में 3 वर्ष की छूट दी गई थी। इसके कारण पूर्व निर्धारित अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष से अधिक आयु की उम्मीदवारों ने भी पात्रता परीक्षा में पार्टिसिपेट किया था।
परीक्षा के प्रत्येक चरण में आयु सीमा का निर्धारण अन्यायपूर्ण
मध्य प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा 2023 के बाद शिक्षक चयन परीक्षा का आयोजन 2025 में किया जा रहा है। इसमें उम्मीदवारों की अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष एवं आरक्षित उम्मीदवारों के लिए अधिकतम आयु सीमा 45 वर्ष निर्धारित की गई है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि, पात्रता परीक्षा एवं चयन परीक्षा, एक ही परीक्षा प्रक्रिया के दो चरण हैं। इसलिए परीक्षा के प्रत्येक चरण में उम्मीदवार की आयु सीमा का निर्धारण नहीं किया जा सकता है। जितने भी उम्मीदवारों ने पात्रता परीक्षा में भाग लिया है, और क्वालीफाई किया है। वह सभी उम्मीदवार चयन परीक्षा के लिए पात्र होने चाहिए। चयन परीक्षा में आयु सीमा का निर्धारण करना, योग्य अभ्यर्थियों के साथ अन्याय है।
उदाहरण के लिए, लोक सेवा आयोग इंदौर द्वारा आयोजित राज्य सेवा परीक्षा में तीन भाग (प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार) होते हैं। परीक्षा के प्रत्येक चरण में उम्मीदवार की आयु सीमा का निर्धारण नहीं किया जाता है। यदि परीक्षा के दो चरणों में कुछ समय का अंतर है तो समय के इस अंतर के लिए परीक्षा की आयोजक जिम्मेदार हैं। व्यवस्था की त्रुटि के लिए उम्मीदवारों को दंडित नहीं किया जा सकता है।
याचिकाकर्ता के वकील की दलील
याचिकाकर्ता के वकील अमित चतुर्वेदी उच्च न्यायालय जबलपुर के अनुसार, वर्ष 2022 में भर्ती नियमों में बदलाव के बाद, पात्रता परीक्षा एवं चयन परीक्षा कंपोजिट चयन प्रक्रिया में एक चरण में आयु सीमा में छूट या 40 वर्ष पूर्ण होने के बाद, चयन परीक्षा में भी, अधिकतम आयु 40 और 45 रखा जाना, अन्याय एवं भेदभाव है। अधिवक्ता अमित चतुर्वेदी के अनुसार कोर्ट से याचिकाकर्ता न्याय प्राप्त होगा एवं एवं वे रोजगार प्राप्त कर सकेंगे।