जबलपुर स्थित हाई कोर्ट ऑफ़ मध्य प्रदेश में भोपाल के भोपाल के पासपोर्ट प्राधिकरण अधिकारी को आदेश दिया है कि, किसी आपत्ती मात्र पर पासपोर्ट का नवीनीकरण करने से मन नहीं कर सकते हैं। विदेश यात्रा भारतीय नागरिक का मौलिक अधिकार है और इसके लिए पासपोर्ट की आवश्यकता होती है। इसलिए आदेश के 7 दिन के भीतर पासपोर्ट का नवीनीकरण करें।
नितीश भारद्वाज एक्टर और स्मिता भारद्वाज IAS का विवाद
मामला भारतीय प्रशासनिक सेवा की महिला अधिकारी श्रीमती स्मिता भारद्वाज और उनके पति एवं एक्टर नितीश भारद्वाज के बीच विवाद का है। श्रीमती स्मिता भारद्वाज ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी। उन्होंने बताया था कि उनकी दोनों बेटियों को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी लंदन जाना है। जहां एक कार्यक्रम में उनका सम्मान होना है। दोनों लड़कियों का पासपोर्ट 16 जनवरी को एक्सपायर हो जाएगा। नवीनीकरण के लिए आवेदन दिया तो पासपोर्ट अधिकारी ने यह कहते हुए नवीनीकरण करने से इनकार कर दिया की लड़कियों के पिता ने आपत्ति लगाई है।
पासपोर्ट के नवीनीकरण के लिए माता-पिता की सहमति अनिवार्य नहीं
सुनवाई में नीतीश भारद्वाज ने बेटियों के दस्तावेजों पर प्रश्नचिन्ह खड़े किए। बताया कि ये दस्तावेज सही नहीं है, इसलिए पासपोर्ट के नवीनीकरण पर रोक लगाई जाए। इस पर जस्टिस विनय सराफ ने कहा कि अगर किसी दस्तावेज को गलत बताया जा रहा है तो उस पर संबंधित कोर्ट में आपत्ति दायर की जा सकती है, जो कि मुंबई कोर्ट में चल रहा है। लेकिन, पासपोर्ट के नवीनीकरण के लिए माता-पिता की सहमति आवश्यक नहीं होती है। भोपाल के पासपोर्ट प्राधिकरण अधिकारी एक सप्ताह के भीतर दोनों बहनों का पासपोर्ट बनाए।
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