मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा के सदस्य श्री दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को बच्चा बताया है। इससे पहले उन्होंने मध्य प्रदेश के परिवहन विभाग में हुए सौरभ शर्मा कांड में श्री सिंधिया को दागी बताया था और जांच की मांग भी की थी। श्री दिग्विजय सिंह का नया बयान देकर मीडिया को एक नई हैडलाइन तो दे दी है परंतु श्री गोविंद सिंह राजपूत की परिवहन मंत्री के पद पर नियुक्ति के मामले को उन्होंने बड़ी ही चतुराई के साथ जनता की नजरों से दूर कर दिया।
मैं माधवराव सिंधिया को कांग्रेस में लिखकर आया था: दिग्विजय सिंह
भोपाल में सोमवार को श्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि, मैं और अर्जुन सिंह हम लोग ही माधवराव सिंधिया को सन 1979-80 में कांग्रेस में लाए थे। संजय गांधी, इंदिरा जी से मिलवाया था। माधवराव महाराज के समय उनको जो भी सम्मान मिला, केन्द्र में मंत्री बने, पार्टी में महामंत्री बने। उनको पूरी इज्जत दी, वो कांग्रेस ने दी। मेरा उनसे कोई विवाद न कभी था, न कभी रहा। क्योंकि मैं खुद ही उनको कांग्रेस में लाया था। ज्योतिरादित्य सिंधिया तो बच्चे हैं।
बात यहां से शुरू हुई थी - सौरभ शर्मा कांड में सिंधिया दागी
दिग्विजय सिंह ने परिवहन विभाग के पूर्व आरटीओ सौरभ शर्मा के ठिकानों से मिली बेहिसाब संपत्ति के मामले में सवाल उठाए थे। उन्होंने इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी। दिग्विजय सिंह ने कहा था कि 'जब प्रदेश में कमलनाथ सरकार थी तब ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरफ से गोविंद सिंह राजपूत को परिवहन और राजस्व विभाग देने का दबाव आया था। इसके बाद हमारी सरकार ने एक बोर्ड का गठन किया था, जो यह फैसला करता था कि कहां किसकी पोस्टिंग होगी। दिग्विजय सिंह ने कहा था कि मुझे जानकारी है कि जब शिवराज सिंह चौहान फिर से मुख्यमंत्री बने तो सिंधिया जी ने दबाव डालकर बोर्ड भंग करवा दिया। परिवहन विभाग गोविंद सिंह राजपूत को फिर सौंप दिया गया। इसके बाद एक नई प्रक्रिया शुरू हो गई। वसूली करने वाले व्यक्ति यानी कटर की नियुक्ति होने लगी।
दिग्विजय सिंह के आरोप का सिंधिया ने क्या जवाब दिया
ग्वालियर में बुधवार को मीडिया से बातचीत में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था, दिग्विजय सिंह मुझे कब टारगेट नहीं करते? ये कोई नई बात है क्या? दिग्विजय सिंह की जिंदगी चली गई है, मुझे और मेरे पूज्य पिताजी को टारगेट करते-करते। मैंने कभी राजा साहब को टारगेट नहीं किया। आज भी मिलता हूं तो मैं प्रणाम ही करता हूं। जिसकी विचारधारा जो हो, वह उसी आधार पर अपनी लाइन खींचे। मेरी विचारधारा जनता की सेवा करने की है। वो मेरा टारगेट है।
श्री सिंधिया के इस बयान के जवाब में श्री दिग्विजय सिंह ने "ज्योतिरादित्य सिंधिया तो बच्चे हैं"। वाला बयान दिया। श्री गोविंद सिंह राजपूत को परिवहन विभाग का दबाव वाला मामला दोनों नेताओं की तरफ से आया-गया कर दिया गया।
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