14 फरवरी 1997 को राजधानी भोपाल में हुआ सरला मिश्रा हत्याकांड, 28 साल बाद एक बार फिर सुर्खियों में है। हाई कोर्ट ऑफ़ मध्य प्रदेश की विवेक अग्रवाल सिंगल बेंच ने 7 नवंबर 2019 से 21 मई 2024 के बीच भोपाल में पदस्थ रहे सभी सीजेएम को स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। इस मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह और उनके भाई श्री लक्ष्मण सिंह कल लक्ष्य बनाया जाता है। सीबीआई जांच की मांग की जा रही है।
सरला मिश्रा हत्याकांड क्या है
सरला मिश्रा कांग्रेस पार्टी की महिला नेता थी, मूल रूप से होशंगाबाद की रहने वाली थी। उनके पिता स्वर्गीय अश्वनी कुमार मिश्रा, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। दिनांक 14 फरवरी 1997 को भोपाल में उन्हें गंभीर जली हुई अवस्था में अस्पताल में भर्ती किया गया। इसके बाद दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में रेफर कर दिया गया जहां 19 फरवरी को उनकी मृत्यु हो गई। उसे समय भारतीय जनता पार्टी ने पूरे प्रदेश में प्रदर्शन किया। विधानसभा में 10 दिन तक लगातार हंगामा चलता रहा। दिनांक 27 फरवरी 1997 को तत्कालीन गृहमंत्री श्री चरण दास महंत ने सरला मिश्रा की संदिग्ध मृत्यु के मामले की सीबीआई जांच की घोषणा कर दी थी, लेकिन उसके बाद कभी सीबीआई जांच का नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ।
डाइंग डिक्लेरेशन में दो ढक्कन घासलेट
इधर भोपाल पुलिस ने दिनांक 27 मार्च सन 2000 को इस मामले में क्लोजर रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी। पुलिस का कहना है कि, सरला ने डाइंग डिक्लेरेशन में अपनी मौत के लिए किसी को भी जिम्मेदार नहीं ठहराया था। सरला ने 15 फरवरी की सुबह 3.30 बजे दिए गए बयान में कहा था कि 'मैंने अपने ऊपर दो ढक्कन घासलेट डालकर आग लगा ली। हर काम में असफल होने के कारण तंग आकर खुदकुशी की। इसमें किसी का कोई दोष नहीं है। मुझे किसी ने नहीं जलाया मैं स्वयं जली हूं।"
भोपाल के पुलिस कमिश्नर की हाई कोर्ट में पेशी हो चुकी है
सरला मिश्रा के परिवार एवं भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने इस मामले में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए और एक बार फिर तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह एवं उनके भाई श्री लक्ष्मण सिंह को लक्ष्य करते हुए सीबीआई जांच की मांग की। 31 जनवरी सन 2006 को हाई कोर्ट द्वारा सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया गया था। सरला मिश्रा के भाई श्री अनुराग मिश्रा अभी भी कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। 2018 में कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि पुलिस ने सही से जांच नहीं की है, इसलिए सीबीआई जांच हो। हाई कोर्ट में पिछली सुनवाई में भोपाल के पुलिस कमिश्नर हरि नारायण चारी मिश्रा को तलब किया था। उन्होंने कोर्ट को बताया कि प्रकरण में खात्मा रिपोर्ट पेश की जा चुकी है।
सीजेएम कोर्ट में सुनवाई क्यों रुकी हुई है: हाई कोर्ट
इस दौरान स्पष्ट हुआ कि मामला भोपाल सीजेएम कोर्ट में पेंडिंग है। मप्र हाई कोर्ट ने स्टे नहीं होने के बावजूद मामले को अनावश्यक रूप से लंबित रखने पर नाराजगी जताई है। हाई कोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने सीजेएम भोपाल के खिलाफ नाराजगी जताते हुए 7 नवंबर 2019 से 21 मई 2024 के बीच भोपाल में पदस्थ रहे सभी सीजेएम को स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। यह मामला वर्ष 1997 में हुए कांग्रेस नेत्री सरला मिश्रा हत्याकांड से जुड़ा है।
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