दुनिया भर के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के सबसे फेमस टाइगर "छोटा भीम" की राजधानी भोपाल में इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। पिछले 2 महीने से उनका इलाज चल रहा था। डॉक्टर का कहना है की कंजरवेटिव हार्ट फेल्योर के कारण मृत्यु हो गई है।
छोटा भीम को गंभीर हालत में भोपाल लाया गया था
दरअसल, 26 नवंबर 2024 को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के खितौली कोर जोन में छोटा भीम घायल अवस्था में मिला था। उसके गले में क्लच वायर से बने फंदे की वजह से गंभीर चोटें आई थीं। बाघ को चार दिनों के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद पकड़कर 30 नवंबर 2024 को भोपाल के वन विहार रेस्क्यू सेंटर भेजा गया। डॉक्टरों ने उसकी चोटों का इलाज शुरू किया, लेकिन गले की गहरी चोट से संक्रमण फैल गया और वह सांस लेने में तकलीफ से जूझ रहा था।
वन विहार के डॉक्टर संक्रमण को फैलने से रोक नहीं पाए
रेस्क्यू के बाद खबर आई थी कि छोटा भीम की सेहत में सुधार हो रहा है। लेकिन लगातार बढ़ते संक्रमण और सांस लेने में परेशानी के कारण उसकी स्थिति बिगड़ गई। फंदे की चोट से जुड़ा संक्रमण और हार्ट फेलियर उसकी मौत का कारण बने। डॉक्टर उसकी गहरी चोट को ठीक करने में सफल नहीं हो सके।
NTCA (नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी) की गाइडलाइन के अनुसार, बाघ का अंतिम संस्कार भोपाल वन विहार में किया गया। वहीं इस घटना के कुछ दिन पहले छोटा भीम का डी वन बाघ से भी संघर्ष हुआ था, जिसमें उसके पैर में चोट लग गई थी।
छोटा भीम की मौत बांधों का टाइगर रिजर्व के लिए बड़ी क्षति है। बताया जा रहा है कि यह बाघ अपनी अलग पहचान के लिए जाना जाता था और पर्यटकों के बीच भी काफी लोकप्रिय था।