मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक तहसीलदार को नियमों का पालन करवाना महंगा पड़ गया। भाजपा के एक पार्षद ने विधिवत अनुमति के बिना लिंक रोड नंबर 1 रेड क्रॉस अस्पताल के पास चौराहे पर टेंट और साउंड सिस्टम लगाकर कार्यक्रम शुरू कर दिया। इसके कारण ट्रैफिक डिस्टर्ब होने लगा। तहसीलदार ने साउंड सिस्टम बंद करवाया और कार्यक्रम की अनुमति दिखाने के लिए कहा तो नेतागिरी शुरू हो गई। पॉलीटिकल प्रेशर इतना था कि तहसीलदार को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी पड़ी।
शिवाजी महाराज को धरने पर बैठा दिया
लिंक रोड नंबर-1 स्थित रेडक्रॉस अस्पताल के पास चौराहे पर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापित है। यहां पिछले 20 साल से हर 19 फरवरी को जन्मोत्सव कार्यक्रम करते हैं। बुधवार को भी कार्यक्रम रखा गया था, लेकिन इस बार विधिवत अनुमति नहीं ली गई। बीजेपी पार्षद पप्पू विलास घाड़गे के नेतृत्व में बिना अनुमति के कार्यक्रम का आयोजन प्रारंभ कर दिया गया। जब लोगों ने इसकी शिकायत प्रशासन से की तो तहसीलदार कुणाल राउत आए। साउंड सिस्टम बंद करवा दिया और टेंट हटाने के लिए कहा। जवाब में पप्पू विलास के समर्थकों ने तहसीलदार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। धरना प्रदर्शन करने लगे। एक युवक को छत्रपति शिवाजी महाराज की वेशभूषा में लाकर धरने पर बिठा दिया।
तहसीलदार ने भी पॉलिटिक्स का सॉलिड जवाब दिया
साउंड सिस्टम और टेंट हटाने के बाद पार्षद पप्पू विलास के समर्थकों ने धरना प्रदर्शन किया। वे सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। इसके कारण पुलिस मौके पर पहुंची और ट्रैफिक डायवर्ट कर दिया। इस बात से प्रदर्शनकारी और ज्यादा भड़क गए। उन्होंने तहसीलदार कुणाल पर शिवाजी महाराज का अपमान करने का आरोप लगा दिया। स्थिति तनाव पूर्ण हो गई, लेकिन तहसीलदार कुणाल ने प्रशासनिक दक्षता का प्रदर्शन किया और शिवाजी महाराज की प्रतिमा से माफी मांग कर मामले का पटाक्षेप कर दिया। टेंट और साउंड तो पहले ही हटाया जा चुका था। धरना प्रदर्शन भी खत्म करवा दिया।
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