मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के ऐशबाग थाने में पदस्थ असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर पवन रघुवंशी को लाइन अटैच कर दिया गया है। उन पर आरोप लगाया गया है कि, वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर की गई छापामार कार्रवाई में उन्होंने आरोपी के खिलाफ इतना कमजोर केस बनाया कि उसे तत्काल जमानत मिल गई। जबकि भारत के कई राज्यों में करोड़ों की ठगी की संभावना है और अब तक जांच शुरू भी नहीं हो पाई है।
Ideaology Advance कॉल सेंटर पर छापा मारा गया था
भोपाल में प्रभात चौराहा स्थित एक बिल्डिंग में संचालित ‘Ideaology Advance Stock Private Limited’ नामक कॉल सेंटर पर पुलिस ने 23 फरवरी को छापा मार कार्रवाई की थी। गुरुवार को पुलिस ने कॉल सेंटर को पूरी तरह से सील कर दिया। कार्रवाई एएसआई पवन रघुवंशी के नेतृत्व में की गई थी। सूत्रों की माने तो पवन और टीम ने कॉल सेंटर पर जिस समय दबिश दी। तब वहां कॉल सेंटर का संचालक अफजल खान मौजूद था। पुलिस रिकॉर्ड में बताया गया कि वह चकमा देकर भाग गया। उसके बेटे के खिलाफ कुछ इस प्रकार का कमजोरी कैसे बनाया कि उसे आसानी से जमानत मिल गई। जबकि कॉल सेंटर में कार्यरत युवक-युवतियों ने कार्रवाई के तत्काल बाद पूछताछ में खुलासा किया कि वे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर बाजार में निवेश से संबंधित विज्ञापन प्रसारित करते थे। इस प्रकार स्पष्ट तथा की ठगी का कारोबार करते थे। पूरा मामला आला अधिकारियों के संज्ञान में आने के बाद एएसआई को लाइन अटैच कर दिया गया।
अफजल खान के 100 से ज्यादा कांटेक्ट से पूछताछ होगी
कॉल सेंटर से 80 से अधिक कम्प्यूटर और 26 मोबाइल सिम जब्त की गई हैं। साइबर पुलिस की मदद से ऐशबाग पुलिस कम्प्यूटर से डिलीट डेटा रिकवर करने में जुटी है। पुलिस को कॉल सेंटर के सरगना की एक डायरी भी मिली है, जिसमें 100 से अधिक नाम और मोबाइल नंबर दर्ज हैं। इन सभी लोगों को थाने बुलाकर पूछताछ की जा रही है।
ठगी में इस्तेमाल हो चुकी है जब्त सिम
जांच में खुलासा हुआ है कि जब्त सिम कार्ड में से एक का इस्तेमाल उत्तर प्रदेश में साइबर ठगी के लिए किया गया था, जिसकी शिकायत लखनऊ में दर्ज है। उत्तर प्रदेश पुलिस से मिले इनपुट के आधार पर ही भोपाल में कार्रवाई की गई थी। पुलिस ने कॉल सेंटर से सीसीटीवी फुटेज और अन्य रिकॉर्ड भी जब्त किए हैं।
अशोका गार्डन का अफजल खान परिवार सहित गायब
कॉल सेंटर का संचालक अफजल खान, उसकी बेटी सायमा और परिवार के अन्य सदस्य ग्रीन पार्क कॉलोनी, अशोका गार्डन स्थित घर में ताला लगाकर फरार हो चुके हैं। पुलिस को अफजल के टीकमगढ़ का निवासी होने की जानकारी मिली है। हालांकि, अब तक आरोपियों पर एफआईआर दर्ज नहीं हुई है।
जांच में यह भी सामने आया है कि अफजल खान के बैंक खाते का इस्तेमाल कई साइबर ठगी की रकम के ट्रांजैक्शन में किया गया है। पुलिस को इस संबंध में पुख्ता प्रमाण मिले हैं। महाराष्ट्र में हुई एक साइबर ठगी की रकम अफजल के खाते में ट्रांसफर हुई थी। पुलिस ने केस के फरियादी से संपर्क कर लिया है। उसके भोपाल पहुंचने पर एफआईआर दर्ज करने के दावे किए जा रहे हैं।
ऐशबाग थाना - प्रधान आरक्षक प्रमोद गुर्जर, डिपार्टमेंटल इंक्वायरी में दोषी पाए गए
इधर, ऐशबाग थाने के पुलिस जवानों पर जुआरी को संरक्षण देने के आरोप सही निकले हैं। मंगलवार को एसीपी सुरभि मीणा ने आला अधिकारियों को सौंपी प्राथमिकी रिपोर्ट में इसकी पुष्टि कर दी है। यह जवान जुआरी से लंबे समय से संपर्क में थे और इनके बीच लेनदेन भी निकला है। रिपोर्ट के आधार पर प्रधान आरक्षक प्रमोद गुर्जर पर आरोप तय कर दिए गए हैं। वहीं जोगेंद्र सिंह यादव और सतीश यादव की रिपोर्ट आना बाकी है। जुए में नाम आने के बाद इन तीनों को पहले ही निलंबित किया जा चुका है। प्रमोद के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की जा रही है। जल्द ही आरोप पत्र जारी होगा। अन्य पुलिस कर्मियों की भूमिकाएं भी सामने आई हैं। इन सभी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस को जुआबंदी नहीं दी तो NDPC का मामला दर्ज
बता दें ऐशबाग पुलिस ने फरहान खान को चरस के साथ गिरफ्तार किया था। यह वही फरहान है जो क्षेत्र में लंबे समय तक जुआ खिलवाता रहा है। इसके बाद फरहान के साले ने जहर खा लिया था। फरहान की पत्नी ने वीडियो वायरल कर पुलिस जवानों के संरक्षण में जुआ खिलाने के आरोप लगाए थे। फरहान की पत्नी ने जुआ की बंदी समय पर नहीं देने से नाराज होकर पुलिस द्वारा एनडीपीएस की कार्रवाई की जाने के आरोप लगाए थे।
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