अधिकारी की मनमानी के खिलाफ क्या जनहित याचिका लगा सकते हैं - The Indian constitution,1950

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 32 के अंतर्गत उच्चतम न्यायालय में एवं अनुच्छेद 226 के अंतर्गत उच्च न्यायालय में कोई भी व्यक्ति संविधान में मिले मौलिक अधिकारों के उल्लंघन होने पर कोई भी व्यक्ति जनहित याचिका लगा सकता है। याचिका में न्यायालय पांच प्रकार की रिटो के अंतर्गत कार्यवाही करता है जिसमे प्रथम रिट बंदी-प्रत्यक्षीकरण अर्थात अवैध प्रकार से पुलिस अधिकारी या जेल अधिकारी किसी व्यक्ति बंद करके नही रख सकते हैं इसकी सम्पूर्ण जानकारी पिछले लेख में दे दी गई है। आज हम जानते हैं कि क्या है दूसरी रिट परमादेश रिट।

writ of mandamus - परमादेश रिट

परमादेश अर्थात हम इसे आदेश देना भी कह सकते हैं। जब कोई लोक अधिकारी अर्थात शासकीय अधिकारी विधि के अनुसार कार्य नहीं कर रहा है। तब ऐसे अधिकारी को विधि के अनुसार काम करवाने के लिए किसी भी व्यक्ति द्वारा न्यायालय में परमादेश रिट याचिका दायर की जा सकती है। न्यायालय ऐसे अधिकारी को आदेश देगा कि विधि के अनुसार कार्य करे।

हम इसको उधारानुसार समझाते हैं:-

अगर कोई व्यक्ति किसी RTO कार्यालय में लाइसेंस बनवाने के लिए आवेदन की हर शर्तो को पूरा कर लेता है और वहां का अधिकार उस व्यक्ति का लाइसेंस नहीं बनाता है तब ऐसे अधिकारी के खिलाफ न्यायालय में परमादेश रिट याचिका लगाई जा सकती है, क्योंकि अधिकारी विधि के अनुसार कार्य नहीं कर रहा है। 

अर्थात किसी भी लोक अधिकारी द्वारा विधि की अवमानना की जा रही है या वह सरकार द्वारा बनाई गई किसी भी विधि का पालन नहीं कर रहा है तब न्यायालय ऐसे लोक अधिकारी को आदेश देगा कि वह विधि को ध्यान में रखकर कार्य करे। 

कब परमादेश याचिका नहीं लगाई जा सकती है जानिए

1. सरकार के खिलाफ दबाव बनाकर कोई अन्य (विधि) कानून बनाने के लिए।
2.किसी अशासकीय संस्था के अधिकारी के खिलाफ।
3. किसी भी लोक अधिकारी या कलेक्टर पर कोई निर्माण कराने के लिए।
4. महगाई भत्ता या पैसो की बढ़ोतरी के लिए।

"उपर्युक्त नियमो से स्पष्ट है कि अगर किसी भी अधिनियम के नियमों या धाराओ का कोई अधिकारी पालन नहीं करता है तब व्यक्ति सीधे हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट मे परमादेश जनहित याचिका लगा सकता है। लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) 

डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें। 

विनम्र अनुरोध🙏कृपया हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। सबसे तेज अपडेट प्राप्त करने के लिए टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें एवं हमारे व्हाट्सएप कम्युनिटी ज्वॉइन करें। इन सबकी डायरेक्ट लिंक नीचे स्क्रॉल करने पर मिल जाएंगी। मध्य प्रदेश के महत्वपूर्ण समाचार पढ़ने के लिए कृपया स्क्रॉल करके सबसे नीचे POPULAR Category में Legal पर क्लिक करें।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!
$("#merobloggingtips-before-ad .widget").each(function () { var e = $(this); e.length && e.appendTo($("#before-ad")) }), $("#merobloggingtips-after-ad .widget").each(function () { var e = $(this); e.length && e.appendTo($("#after-ad")) });