Apple कंपनी ने पिछले कुछ समय में आम आदमी की तरफ कदम बढ़ाए थे। iPhone SE के माध्यम से एप्पल बजट फोंस की लिस्ट में शामिल होने लगा था। उम्मीद की जा रही थी कि Samsung को पीछे छोड़कर बाजार का बादशाह बन जाएगा परंतु iPhone 16E के साथ ही एप्पल ने बिना कुछ बोले, यह ऐलान कर दिया है कि वह प्रतिस्पर्धा से बाहर जा रहा है। उसे दुनिया भर में ग्राहकों की सबसे अधिक संख्या नहीं बल्कि सबसे अधिक मुनाफा चाहिए। इसके अलावा, यह भी कहा जा रहा है कि, Apple सस्ता भी हो जाता तो ग्राहकों को महंगा पड़ता, और अंत में यह प्रतिस्पर्धा एप्पल के लिए महंगी पड़ती।
iPhone इस फेस्टिवल सीजन में लोगों की पहली पसंद नहीं था
iPhone 16E की कीमत ₹60000 से शुरू होती है, जो iPhone 16E से लगभग 15000 रुपए अधिक है। इससे पहले दो बिजनेस रिपोर्ट एप्पल की रणनीति की समीक्षा करने के लिए प्रेरित कर रही थी। चीन में एप्पल के रेवेन्यू में 11% की कमी आई है और हॉलीडे क्वार्टर में जबकि अमेरिका सहित दुनिया की कई पश्चिमी देशों में उत्सव और आनंद का माहौल रहता है। लोग जमकर खरीदारी करते हैं। ऐसे फेस्टिवल सीजन में एप्पल आईफोन की बिक्री में एक प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। यह एक चिंता की बात थी। शायद एप्पल के मैनेजमेंट ने बाजार की इस प्रतिक्रिया को ध्यान में रखते हुए ही, स्वयं को सैमसंग की प्रतिस्पर्धा से बाहर कर लिया है।
Samsung से आगे निकाला Apple मैदान छोड़ गया
लंबे समय से एप्पल भली सबसे ज्यादा कमाई करने वाली कंपनी रही हो परंतु ग्राहकों की संख्या के मामले में हमेशा सैमसंग नंबर वन थी। 2024 में एप्पल ने सैमसंग से यह खिताब छीन लिया। एक समय ऐसा आया जब एप्पल, सैमसंग की तुलना में सबसे ज्यादा स्मार्टफोन बेचने वाली कंपनी बन गई। एप्पल ने अपना ध्यान बजट फोंस की तरफ लगाए। कीमतों को घटते हुए 45000 रुपए तक आ गई थी। उम्मीद की जा रही थी कि जल्द ही, एप्पल आम आदमी की पहुंच में आ जाएगा और पूरे बाजार का बेताज बादशाह बन जाएगा परंतु ताज रिपोर्ट्स में दिखाई दिया कि, एप्पल का मुनाफा कम होता जा रहा है। इसके बाद iPhone 16E की लॉन्चिंग ने यह स्पष्ट कर दिया कि सैमसंग से आगे निकल जाने के बावजूद, अधिक मुनाफा कमाने के लिए एप्पल ने मैदान छोड़ दिया है। प्रतिस्पर्धा से बाहर आ गया है।
Apple सस्ता भी हो जाता तो ग्राहकों को महंगा पड़ता
बात सिर्फ मुनाफा कि नहीं है। एप्पल जब प्रीमियम सेगमेंट से बजट फोंस की लिस्ट में शामिल हुआ तो उपभोक्ताओं की श्रेणी में बदल गई। नई श्रेणी के उपभोक्ताओं को उनके बजट में आया एप्पल पसंद तो आया परंतु उन्होंने आईफोन की तुलना एंड्रॉयड फोन से करना शुरू कर दिया। दुनिया भर में सोशल मीडिया पर ऐसे कई सारे फोटो और वीडियो मौजूद है जब लोगों ने बताया कि, कई सारी चीजों के लिए यदि एंड्रॉयड स्मार्टफोन से आर्डर करते हैं तो वह सस्ती पड़ती है, लेकिन यदि वही चीज एप्पल के आईफोन से आर्डर करते हैं तो महंगी पड़ती है। कई बार तो चीजों की कीमत दो गुनी हो जाती है।
यानी कि एप्पल यदि सस्ता भी हो जाता तो ग्राहकों को महंगा पड़ता है। एप्पल के कारण पूरा बाजार उनके लिए महंगा हो जाता है, और इस तरह के वीडियो जब लगातार पब्लिक के बीच में आने लगता तो यह प्रतिस्पर्धा, एप्पल के लिए महंगी पड़ती। जिन ग्राहकों के पीछे एप्पल दौड़ रहा था, वह ग्राहक एप्पल को खरीदना छोड़ देते। शायद यही कारण है कि एप्पल प्रीमियम कैटेगरी में वापस लौट गया।
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