JAGRAN LAKECITY UNIVERSITY BHOPAL के Prof. (Dr.) Rajesh Singh Pawar Associate-Dean को सेंट्रल ब्यूरो आफ इन्वेस्टिगेशन नई दिल्ली की टीम द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है। CBI ने दावा किया है की इन्वेस्टीगेशन के दौरान NAAC RATING SCAM हो ना पाया गया है और इसमें राजेश सिंह पवार सहित 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में यूनिवर्सिटी के बड़े पदाधिकारी अथवा नेशनल असेसमेंट एंड एक्रेडिटेशन काउंसिल, निरीक्षण समिति के सदस्य शामिल हैं।
A+++ NAAC RATING रिश्वत के बदले मिल जाती थी
NAAC रेटिंग से यूनिवर्सिटी की प्रतिष्ठा बढ़ती है। माना जाता है कि, NAAC रेटिंग वाली यूनिवर्सिटी में अच्छी पढ़ाई होती है और विद्यार्थी रैगिंग इत्यादि किसी प्रकार की साजिश का शिकार नहीं होते हैं। सीबीआई ने एक शिकायत की जांच में पाया की रिश्वत के बदले NAAC रेटिंग दी जा रही थी। इस मामले में NAAC निरीक्षण टीम के चेयरमैन और कई सदस्य भी शामिल पाए गए। CBI ने मामले की जांच करते हुए देशभर में 20 जगहों पर छापेमारी की, जिसमें चेन्नई, बेंगलुरु, विजयवाड़ा, पलामू, संबलपुर, भोपाल, बिलासपुर, गौतम बुद्ध नगर और नई दिल्ली शामिल हैं। इस दौरान 37 लाख रुपये कैश, 6 लैपटॉप, iPhone 16 Pro, सोने का सिक्का और कई अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए।
गिरफ्तार किए गए शिक्षण संस्थान के पदाधिकारी:
1. जी.पी. सारधी वर्मा, कुलपति, KLEF, गुन्टूर
2. कोनेरु राजा हरीन, उपाध्यक्ष, KLEF
3. ए. रामकृष्ण, निदेशक, KL यूनिवर्सिटी, हैदराबाद
गिरफ्तार किए गए NAAC निरीक्षण समिति के सदस्य:
4. समरेन्द्र नाथ साहा, कुलपति, रामचंद्र चंद्रवंशी यूनिवर्सिटी (NAAC चेयरमैन)
5. राजीव सिजारिया, प्रोफेसर, JNU, दिल्ली (NAAC कोऑर्डिनेटर)
6. डी. गोपाल, डीन, भारत इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ
7. राजेश सिंह पवार, डीन, जागरण लेकसिटी यूनिवर्सिटी, भोपाल
8. मानस कुमार मिश्रा, निदेशक, जीएल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी
9. गायत्री देवराजा, प्रोफेसर, दावणगेरे यूनिवर्सिटी
10. बुलु महाराणा, प्रोफेसर, संबलपुर यूनिवर्सिटी
CBI ने आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम और IPC की धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। मामले में शामिल अन्य आरोपियों की भी जांच की जा रही है और जल्द ही और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।