Kamalnath Sir, ओबीसी आरक्षण पर पॉलिटिक्स बंद करो, हम सब सक्षम है, लावारिस नहीं है - Khula Khat

कमलनाथ सर आप इतने सीनियर पॉलिटिशियन है, एक्सपीरियंस है और इंटेलेक्चुअल भी है, लेकिन आप हम ओबीसी वालों को लावारिस क्यों समझते हैं। हमने दबाव बनाया, जिसके परिणाम स्वरूप कल रात में मुख्यमंत्री का बयान आया और आज आप फिर से "कमलनाथ चालीसा" सुनाने लग गए। मध्य प्रदेश में ओबीसी के पास अपने नेता हैं, और सारे नेता सक्षम है। हमें किसी बाहरी नेतृत्व की जरूरत नहीं है। असली बात तो यह है कि आपने ऐसा कमजोर कानून बनाया, जिसके कारण हम आज तक परेशान हो रहे हैं। 27 प्रतिशत मिलना तो दूर की बात 13% HOLD हो गए हैं। 

कमलनाथ जी, 27% ओबीसी आरक्षण के लिए इतना कमजोर कानून क्यों बनाया

कमलनाथ सर आप बार-बार कहते हैं कि, अपने मध्य प्रदेश में ओबीसी को 27% आरक्षण देने के लिए कानून बनाया लेकिन भाजपा सरकार उस कानून को लागू नहीं कर रही है। एक छोटी सी बात बताइए, जब अपने कानून बनाया था तो लागू क्यों नहीं कर दिया। इतना कमजोर कानून क्यों बनाया कि, जिसका मनाया उसने आपके कानून को हाई कोर्ट में चैलेंज कर दिया और सर गुड, गोबर हो गया। जब कानून लागू किया था तो हाई कोर्ट में केविएट दाखिल क्यों नहीं की। इस कानून के प्रस्ताव पर दावे और आपत्तियों की सुनवाई क्यों नहीं की। यदि सारे विवाद, कानून को लागू करने से पहले सुलझा लिए जाते, तो कोई हाई कोर्ट में याचिका क्यों लगाता, लेकिन आप ओबीसी को 27% आरक्षण नहीं बल्कि मध्य प्रदेश को एक नया विवाद देना चाहते थे। ताकि वोटो का ध्रुवीकरण हो सके। आरक्षण के लालच में ओबीसी आपको एक तरफ वोट करें। इसलिए अपने विवाद को बढ़ने दिया। 

वकीलों की फौज खड़ी कर दीजिए, आपके पास कौन सी कमी है

कमलनाथ जी, आप तो कहते हैं कि आपका सारा जीवन जनता की सेवा के लिए है। बड़े-बड़े वकीलों से आपके संबंध है। यदि सचमुच आप ओबीसी को 27% आरक्षण चाहते हैं तो, सरकारी वकीलों पर डिपेंड क्यों करते हैं। अपनी तरफ से वकीलों की फौज खड़ी कर दीजिए। कोर्ट सरकार की मर्जी से नहीं बल्कि वकीलों की दलील पर चलती है। आपके वकीलों की दलील में दम होगी तो डिसीजन वही होगा जो आप चाहते हैं। हर बार X पर आकर छाती पीटने से क्या होगा। 

और यह क्या बार-बार "मेरी सरकार मेरी सरकार" करते हैं

कमलनाथ सर क्या आप अभी भी गलतफहमी में हैं। हमेशा "मेरी सरकार मेरी सरकार" किया करते हैं। आपको समझ लेना चाहिए की 2018 में जानता ने कमलनाथ को वोट नहीं दिया था। शिवराज सिंह चौहान सरकार के खिलाफ कांग्रेस पार्टी को वोट दिया था। उसे समय तो मध्य प्रदेश के मतदाता आपको जानते तक नहीं थे। आपको समझना चाहिए कि मध्य प्रदेश, छिंदवाड़ा से जबलपुर तक नहीं है। बल्कि इससे बहुत बड़ा है। 2023 के चुनाव में आप कांग्रेस पार्टी का चेहरा थे। यदि आज सरकार होती तो उसे "आपकी सरकार" कहते हैं। 2018 वाली कांग्रेस की सरकार थी। तो कृपया बार-बार "मेरी सरकार मेरी सरकार" मत किया कीजिए। 75 साल की उम्र वाले व्यक्ति के मुंह से ऐसी बातें अच्छी नहीं लगती। 
मुकेश बंदेवार (13% में HOLD, न्यायालय के निर्णय और नियुक्ति की प्रतीक्षा में, एक प्रशासनिक अधिकारी)
यह खुला-खत, जिस X पोस्ट की प्रतिक्रिया में लिखा गया है। वह नीचे सबसे अंत में संलग्न है।

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