MP शिक्षक भर्ती गुड न्यूज़ - 45% वाले नियुक्ति के लिए पात्र, हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश - NEWS TODAY

मध्य प्रदेश शासन, स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय द्वारा निर्धारित किए गए मध्य प्रदेश शिक्षक संवर्ग (सेवा भर्ती) नियम 2018 के उस विवादित बिंदु पर हाई कोर्ट द्वारा अंतरिम आदेश जारी कर ही दिया गया जिसे उम्मीदवारों द्वारा भोपाल समाचार डॉट कॉम के माध्यम से सरकार की संज्ञान में लाया गया था। सरकार ने न्याय नहीं किया तो हाई कोर्ट में याचिका क्रमांक 41358/2024 (रोशन लाल सिरसाम बनाम मध्य प्रदेश शासन एवं अन्य) दाखिल की गई। विद्वान न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति अनुराधा शुक्ला की खंडपीठ ने अन्तरिम आदेश पारित करके व्यवस्था दी है कि 45% से अधिक अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी को द्वितीय श्रेणी माना जाएगा। 

मध्य प्रदेश शिक्षक भर्ती में हाई कोर्ट द्वारा सेकंड डिवीजन के स्थान पर 45% का निर्धारण

उक्त याचिका में मध्य प्रदेश शिक्षक भर्ती नियम 2018 अनुसूची-III, नियम 8 की संवैधानिकता को चुनोती दी गई है। उक्त नियम में हाईस्कूल शिक्षक हेतु पात्रता संबंधित विषय में द्वितीय श्रेणी के साथ बीएड निर्धारित है एवं उक्त नियम में आरक्षित वर्ग को प्राप्तांकों मे 5% छूट का प्रावधान नही किया गया है। जबकि माध्यमिक शिक्षक एवं प्राथमिक शिक्षक की योग्यता मे 5% छूट का प्रावधान किया गया है। याचिकाकर्ता एसटी वर्ग का है, जिसने रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर से हिन्दी विषय मे 47% से स्नाकोत्तर उपाधि प्राप्त की लेकिन अंकसूची मे थर्ड डिवीजन लिखे होने के कारण नियुक्ति नही दी गई। जबकि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा सात सौ से अधिक अभ्यर्थियो को, जिनके प्राप्तांक 45% है लेकिन उनकी मार्कशीट में सेकंड डिवीजन लिखा है, इसलिए उन सभी को नियुक्ति दे दी गई है। इस बिन्दु पर हाईकोर्ट ने अन्तरिम आदेश पारित करते हुए निर्देशित किया है कि इस प्रकार भेदभाव नही किया जा सकता। वो सभी अभ्यर्थी पात्र है जिनकी अंकसूची 45% से अधिक अंक है। 

मध्य प्रदेश शिक्षक भर्ती में आरक्षण के मुद्दे पर नोटिस जारी

दूसरे मुद्दे पर हाईकोर्ट ने पाया की उक्त नियम मे आरक्षित वर्ग जिनमे SC/ST/ओबीसी तथा दिव्यंगों को शैक्षणिक योग्यता मे 5% छूट नही दी गई है, जो संविधान के अनुछेद 335 के विपरीत होने के साथ संविधान के अनुछेद 14 एवं 16 से भी असंगत है। याचिका स्वीकार करते हुए राज्य सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग, जनजातीय कार्यविभाग तथा डीपीआई कमिश्नर को नोटिस जारी कर जबाब तलब किया है तथा याचिका की आगामी सुनवाई दिनांक 24.02.2025 नियत की गई है। याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर एवं विनायक प्रसाद शाह ने की।

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