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Madhya Pradesh Industrial Promotion Policy approved
मध्य प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में सम्पन्न हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश को विकसित एवं समृद्ध राज्य बनाने के लिए औद्योगिक संवर्धन नीति 2025 की स्वीकृति दी गयी है। इसके अंतर्गत 10 सेक्टर विशिष्ट नीतियों यथा कृषि, डेयरी एवं खाद्य प्रसंस्करण नीति, टेक्सटाइल नीति, परिधान, फुटवियर, खिलौने और सहायक उपकरण नीति, एयरोस्पेस और रक्षा उत्पादन प्रोत्साहन नीति, फार्मास्यूटिकल्स नीति, बायोटेक्नोलॉजी नीति, मेडिकल डिवाईसेस नीति, ईव्ही विनिर्माण नीति, नवकरणीय ऊर्जा उपकरण विनिर्माण नीति और हाई वेल्यू-एड विनिर्माता नीति को स्वीकृति दी गयी है।
Madhya Pradesh's GDP target is 6 lakh crore in 2030
औद्योगिक संवर्धन नीति 2025 का उदेश्य मध्य प्रदेश में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने और राज्य की वर्तमान जीडीपी को 2.9 लाख करोड़ रूपये से बढ़ाकर वर्ष 2030 तक लगभग 6 लाख करोड़ रूपये करने में उद्योगों का योगदान बढ़ाना है। निवेशकों को एक समग्र औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करने के लिए विश्व स्तरीय औद्योगिक अधोसंरचना का विकास करना, एनवायरनमेंटली सस्टेनेबल इंडस्ट्रियल ग्रोथ और संतुलित क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देना, राज्य में रोजगार के अवसरों को बढ़ाना, विशेष रूप से रोजगार-गहन क्षेत्रों पर जोर देते हुए अगले पाँच वर्षों में लगभग 20 लाख नवीन रोजगार के अवसर सृजित करना, निवेशक सुविधा में सुधार करना और राज्य में व्यापार करने की प्रक्रिया को सरल बनाना और प्रदेश की योजनाओं को उद्योगों की आवश्यकताओं के साथ संरेखित कर भविष्य के लिए प्रशिक्षित कार्यबल तैयार करना है। इसके अंतर्गत वृहद और मेगा स्तर की औद्योगिक इकाई को निवेश प्रोत्साहन सहायता, सामान्य सहायता और अतिरिक्त सहायता के प्रावधान शामिल किये गये है।
Madhya Pradesh Agriculture, Dairy and Food Processing Policy approved
कृषि, डेयरी एवं खाद्य प्रसंस्करण नीति में विद्युत टैरिफ प्रतिपूर्ति 1 रूपये प्रति यूनिट 5 वर्षों के लिए प्रदाय की जायेगी। गुणवत्ता प्रमाणन के लिए प्रोत्साहन, 50% अथवा 5 लाख जो भी कम हो 5 वर्षों के लिए प्रदाय किया जायेगा। इसके साथ ही 75 करोड़ से अधिक का निवेश करने वाले खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां सीसीआईपी अंतर्गत कस्टामाईज्ड पैकेज के लिए पात्र होंगी।
Madhya Pradesh textile policy approved
टैक्सटाइल नीति के अंतर्गत संयंत्र और मशीनरी के लिए गए टर्मलोन पर 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान सुविधा 5 वर्षों के लिए अधिकतम, 50 करोड़ रूपये प्रदाय की जायेगी। अपेरल प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना पर 25 प्रतिशत सहायता अधिकतम 50 लाख रूपये वित्तीय सहायता प्रदाय की जायेगी। साथ ही 500 करोड़ रूपये से अधिक का निवेश करने वाली मेगा श्रेणी की इकाईयां सीसीआईपी अंतर्गत कस्टमाईज्ड पैकेज के लिए पात्र होंगी।
Madhya Pradesh Apparel, Footwear, Toys and Accessories Policy
परिधान, फुटवियर, खिलौने और सहायक उपकरण नीति में रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करने के लिए प्रति कर्मचारी 5 हजार रूपये प्रति माह 5 वर्षों तक, कुल 10 वर्षों की अवधि में प्रदान किये जायेंगे। प्रशिक्षण और कौशल विकास के लिए 13 हजार रूपये प्रति नए कर्मचारी के लिए 5 वर्षों तक प्रदान किया जायेगा। टर्मलोन पर 5% ब्याज अनुदान, अधिकतम 50 करोड़ रूपये दिया जायेगा। विकास शुल्क में 25% की रियायत देने के साथ स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क सहायता में 100 प्रतिशत की छूट दी जायेगी। विद्युत टैरिफ रियायत के रूप में 1 रूपये प्रति यूनिट, अधिकतम 5 वर्षों के लिए प्रदान की जायेगी। अपेरल प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना पर 25 प्रतिशत सहायता अधिकतम 50 लाख रूपये प्रदाय की वित्तीय सहायता प्रदाय की जायेगी। इसके साथ ही 75 करोड़ रूपये से अधिक का निवेश करने वाली मेगा श्रेणी इकाइयां कस्टामाईज्ड पैकज के लिए पात्र होंगी।
Madhya Pradesh Aerospace and Defence Production Promotion Policy
एयरोस्पेस और रक्षा उत्पादन प्रोत्साहन नीति में विकास शुल्क में 25% की रियायत दी जायेगी। गुणवत्ता प्रमाणन के रूप मे 50% या 10 लाख रूपये की प्रतिपूर्ति, जो भी कम हो की जायेगी। साथ ही 500 करोड़ रूपये से अधिक का निवेश करने वाली मेगा श्रेणी इकाइयां कस्टामाईज्ड पैकज के लिए पात्र होंगी।
Madhya Pradesh Renewable Energy Equipment Manufacturing Policy
नवकरणीय ऊर्जा उपकरण विनिर्माण नीति में विकास शुल्क में 50% की रियायत दी जायेगी गुणवत्ता प्रमाणन लागत का 50% या 1 लाख रूपये जो भी कम हो, की प्रतिपूर्ति की जायेगी। 250 करोड़ से अधिक का निवेश करने वाली मेगा श्रेणी की इकाइयां सीसीआईपी अंतर्गत कस्टामाईज्ड पैकज के लिए पात्र होंगी।
Madhya Pradesh Pharmaceutical Policy
फार्मास्यूटिकल्स नीति के अंतर्गत गुणवत्ता प्रमाणन लागत का 50% या 1 करोड़ रूपये 5 वर्षों के लिए प्रदान किया जायेगा। अतिरिक्त निवेश पर 2 वर्षों का स्लैक अवधि प्रोत्साहन के रूप में दिया जायेगा। परीक्षण सुविधा की स्थापना में हुए व्यय का 50% पूंजी अनुदान अधिकतम 1 करोड़ रूपये प्रदान किया जायेगा। साथ ही 250 करोड़ रूपये से अधिक का निवेश करने वाली मेगा श्रेणी की इकाइयां सीसीआईपी अंतर्गत कस्टामाईज्ड पैकज के लिए पात्र होंगी।
Madhya Pradesh Biotechnology Policy
बायोटेक्नोलॉजी नीति में इन-हाउस आर एंड डी के लिए यंत्र-संयंत्र एवं भवन का 50 प्रतिशत ईएफसीआई में सम्मिलित होगा। परीक्षण सुविधा की स्थापना में हुए व्यय का 50% पूंजी अनुदान अधिकतम 1 करोड़ रूपये प्रदान किया जायेगा। बायोटेक्नोलॉजी पार्क निजी औद्योगिक पार्क के समान सुविधा के लिए पात्र होंगे। 250 करोड़ रूपये से अधिक का निवेश करने वाली मेगा श्रेणी की इकाईयां सीसीआईपी अंतर्गत कस्टामाईज्ड पैकज के लिए पात्र होंगी।
Madhya Pradesh Medical Devices Policy
मेडिकल डिवाइसेस नीति में आर एंड डी सुविधाएं विकसित करने के लिए 50 प्रतिशत ईएफसीआई में सम्मिलित होगा। परीक्षण सुविधा की स्थापना पर 50% पूंजी अनुदान अधिकतम 1 करोड़ रूपये प्रदान किया जायेगा। 500 करोड़ रूपये से अधिक का निवेश करने वाली मेगा श्रेणी इकाईयां सीसीआईपी अंतर्गत कस्टामाईज्ड पैकज के लिए पात्र होंगी।
Madhya Pradesh EV Manufacturing Policy
ईव्ही विनिर्माण नीति के बैटरी परीक्षण सहित को ईएफसीआई अंतर्गत मान्य किया जायेगा। गुणवत्ता प्रमाणन के लिए 50 प्रतिशत प्रतिपूर्ति या 1 लाख रूपये प्रति मॉडल जो भी कम हो, अधिकतम 10 लाख रूपये प्रदान किये जायेंगे। एमपीआईडीसी द्वारा लगाए गए विकास शुल्क में 25% की रियायत दी जायेगी। 500 करोड़ रूपये से अधिक का निवेश करने वाली मेगा श्रेणी इकाइयां सीसीआईपी अंतर्गत कस्टामाईज्ड पैकज के लिए पात्र होंगी।
Madhya Pradesh High Value-Add Manufacturing Policy
हाई वेल्यू-एड विनिर्माता नीति के अतंर्गत प्रशिक्षण और कौशल विकास के लिए सहायता के रूप में 13 हजार रूपये प्रति नए कर्मचारी 5 वर्षों तक प्रदान किया जायेगा। गुणवत्ता प्रमाणन लागत का 50% या 1 लाख रूपये की प्रतिपूर्ति, जो भी कम हो प्रदान की जायेगी। 75 करोड़ रूपये से अधिक का निवेश करने वाली मेगा श्रेणी की इकाईयां सीसीआईपी अंतर्गत कस्टमाईज्ड पैकज के लिए पात्र होंगी।
Made in Madhya Pradesh - Madhya Pradesh Export Policy-2025 approved
प्रदेश के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए "मध्य प्रदेश निर्यात नीति-2025" लागू करने की स्वीकृति दी गयी। यह नीति निर्यात अधोसंरचना में निजी डेवलपर्स की भागीदारी बढ़ाने के लिए, निर्यात क्षेत्रों के डेवलपर्स को प्रोत्साहित करती है। नीति अतर्गत प्रावधानित अन्य गैर-वित्तीय सहायता एवं आईसीडी को सुगम बनाने के निर्णयों से प्रदेश के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। नीति का उद्देश्य राज्य में बड़े निर्यातकों की भागीदारी में वृद्धि करना, निर्यात विविधीकरण को बढ़ावा देना, निर्यात मात्रा और निर्यात दक्षता बढ़ाना, प्रदेश में निर्यातोन्मुखी इकाइयों को उनके निर्यात मूल्य को बढ़ाने में सहायता करना, विश्व स्तर पर 'मेड इन मध्यप्रदेश बाजार को विकसित करना और प्रदेश में रोजगार के अवसर को बढ़ाना है।
वृहद श्रेणी की विनिर्माता इकाइयों द्वारा अपने उत्पादन का 25% से अधिक निर्यात करने पर निर्यात प्रोत्साहन सहायता उपलब्ध करायी जायेगी। इसमें पहली बार निर्यात करने वाली इकाइयों के लिए पंजीकरण सह-सदस्यता प्रमाणन की प्रतिपूर्ति अधिकतम 10 लाख रूपये तक और निर्यात बीमा प्रीमियम की प्रतिपूर्ति अधिकतम 25 लाख रूपये तक की जायेगी।
निर्यात भाड़ा सहायता के रूप में फैक्टरी परिसर से बंदरगाह/ एयर कार्गों/ अंतरराष्ट्रीय सड़क मार्ग तक माल ले जाने के लिए किए गए व्यय की 50% तक प्रतिपूर्ति अधिकतम 2 करोड़ रूपये की जायेगी। निर्यात अधोसंरचना सहायता के अंतर्गत् परीक्षण प्रयोगशालाएं, अनुसंधान और विकास केंद्र, निर्यात इनक्यूबेशन केन्द्र आदि निर्यातोन्मुखी अधोसंरचना पर किये गये व्यय का 25% अधिकतम 1 करोड़ रूपये प्रदान किया जायेगा।
प्रदेश से निर्यात करने वाली इकाई के लिए इन्क्रीमेंटल फ्री ऑनबोर्ड वेल्यू पर 10% की सहायता 5 वर्षों तक अधिकतम 2 करोड़ रूपये निर्यात टर्नओवर सहायता के रूप में प्रदान की जायेगी। निर्यात विपणन सहायता मे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेलों प्रदर्शनियों और केता-विक्रेता बैठकों में भाग लेने के लिए किये गये व्यय का 75% प्रतिपूर्ति अधिकतम 5 लाख रूपये प्रतिवर्ष प्रदान किया जायेगा।
निर्यात ग्रीन दस्तावेज सहायता के रूप में निर्यात प्रलेखन लागत (सीबीएएम नेट-जीरो उत्सर्जन कार्बन ऑफसेटिंग आदि) पर किये गये व्यय का 50% प्रतिपूर्ति अधिकतम 20 लाख रूपये प्रतिवर्ष प्रति इकाई 5 वर्षों की अवधि के लिए किया जायेगा। निर्यात वित्तीय सहायता मे लिये गये ऋण पर 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान 5 वर्षों के लिए अधिकतम 50 लाख रूपये प्रदान किया जायेगा। एचजीवी सेक्टर्स (फर्नीचर ट्रांसपोर्ट, आदि) एवं वैश्विक बाजार स्तर पर निर्यात की गई वस्तुओं (एलेक्ट्रॉनिक्स मशीनरी, अप्लाइन्स आदि) के लिए Free Onboard Value का 5% की अतिरिक्त सहायता, अधिकतम 30 लाख रूपये प्रति वर्ष 5 वर्ष की अवधि में निर्यात विकास संवर्धन प्रोत्साहन सहायता के रूप मे प्रदान की जायेगी।
न्यूनतम 25 एकड़ तथा 70% से अधिक निर्यात उन्मुखी इकाइयां जिनके द्वारा पिछले 3 वर्षों में 25% से अधिक उत्पादन निर्यात किया गया हो वह डेडीकेटेड एक्सपोर्ट पार्क्स (DEP) डेव्हलपर्स के लिए सहायता के लिए पात्र होंगी। इसमें स्टांप शुल्क एवं पंजीकरण शुल्क पर 100% प्रतिपूर्ति, स्थाई अधोसंरचना (भूमि एवं आवासीय इकाइयों को छोड़कर) पर 50% प्रतिपूर्ति या 20 लाख रूपये प्रति एकड़, जो भी कम हो, अधिकतम 40 करोड रूपये तक प्रदान किया जायेगा। कॉमन प्रोसेसिंग फेसिलिटी पर 25% पूंजीगत सहायता, अधिकतम 25 करोड़ रूपये प्रदान कि जायेगी। हरित औद्योगीकरण मे अपशिष्ट प्रबंधन के लिए 50% पूंजीगत अनुदान, अधिकतम 5 करोड़ रूपये और जीरो लिक्विड डिस्चार्ज के लिए अधिकतम 10 करोड़ रूपये का पूंजीगत अनुदान सहायता दी जायेगी।
नीति अंतर्गत निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए स्टार्टअप और नए निर्यातकों के लिए समर्पित निर्यात इनक्यूबेशन हब तैयार किए जायेगें। व्यावसायिक संस्थानों में उद्योग-संस्थान इंटरफेस में वृद्धि के साथ तकनीकी पाठ्यक्रमों का उन्नयन किया जाएगा। प्रदेश के छात्रों के लिए ऑन जाब ट्रेनिंग प्रदान करने के लिए संस्थानों के साथ भागीदारी की जायेगी। प्रदेश में व्यापार सहायता सुविधा स्थापित किया जाएगा।। निर्यात के लिए प्राथमिकता क्षेत्र केंद्रित विशेष आर्थिक क्षेत्र विकसित किया जाएगा। केंद्र सरकार के सहयोग से 20+ गति शक्ति कार्गो टर्मिनलों का विकास किए जाने का प्रयास किया जाएगा। भंडारण और परिवहन अधोसंरचना को बढ़ाने के लिए अतिरिक्त एमएमएलपी, एयर कार्गो हब और हवाई अड्डों का विकास किया जाएगा। साथ ही जिला स्तर पर ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। पर्यावरण अनुपालन प्राप्त करने और जेडईडी (जीरो डिफेक्ट जीरो इफेक्ट) प्रमाणन प्राप्त करने में एमएसएमई की सहायता के लिए एक लक्षित कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। स्थापित उद्यमियों और क्षेत्रीय विशेषज्ञों के सहयोग से एक राज्यव्यापी परामर्श कार्यक्रम शुरू किए जाएगें। Minimum inspection and speedy clearance हेतु ग्रीन कार्ड स्कीम स्थापित की जायेगी। निर्यातक आयातक इकाईयों के डेटाबेस को स्टेट पोर्टल पर अपडेट किया जायेगा। प्रदेश के गतिशक्ति पोर्टल को नेशनल मास्टर प्लान से संरेखित किया जायेगा।
Madhya Pradesh Logistics Policy 2025 approved
मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश में लॉजिस्टिक अधोसंरचना विकसित करने और समग्र विकास के लिए मध्यप्रदेश लॉजिस्टिक नीति 2025 की स्वीकृति दी हैं। नीति का उद्देश्य प्रदेश में दक्ष धारणीय, विश्वसनीय एवं अनुकूल लॉजिस्टिक अधोसंरचना का विकास करना और वर्ष 2030 तक वैश्विक बेंचमार्क के अनुरूप लॉजिस्टिक लागत को कम करना एवं डेटा संचालित निर्णय समर्थन तंत्र स्थापित करना हैं।
लॉजिस्टिक एवं वेयरहाउस अधोसरंचना अंतर्गत लॉजिस्टिक पार्क, मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क, इन्लैंड कंटेनर डिपो और ड्राय पोर्टस् की स्थापना के लिए निवेश सहायता प्रदान की जायेगी। इसके अंतर्गत लॉजिस्टिक पार्क की सुविधा 25 एकड़ से 75 एकड़ क्षेत्र मे विकसित करने पर अधिकतम 50 करोड़ रूपये और 75 एकड़ से अधिक क्षेत्र पर विकसित करने पर अधिकतम 75 करोड़ रूपये की सहायता राशि दी जायेगी। आईजीबीसी ग्रीन लॉजिस्टिक्स पार्क और गोल्ड एवं प्लैटिनम प्रमाणन के लिए वेयरहाउस सर्टिफिकेशन के लिए 50% तक की सहायता, अधिकतम 20 लाख रुपये तक प्रदाय की जायेगी। परियोजना अंतर्गत् बाह्य सड़क/रेल अधोसंरचना विकास (परियोजना स्थल तक पहुंचने हेतु) के लिए व्यय की गई राशि की 50% प्रतिपूर्ति, अधिकतम 5 करोड़ रूपये की सीमा तक प्रदान की जायेगी।
प्रायवेट फ्रीट टर्मीनल,गति शक्ति कार्गो टर्मिनल,कंटेनर फ्रीट स्टेशन और एयर कार्गों कॉम्पलेक्स के निर्माण पर भी वित्तीय सहायता प्रदान की जायेगी। 5 से 10 एकड़ तक के क्षेत्र पर निर्माण पर अधिकतम 5 करोड़ रूपये, 10 से 50 एकड़ के क्षेत्र पर निर्माण पर अधिकतम 15 करोड़ रूपये और 50 एकड़ से अधिक क्षेत्र पर निर्माण पर अधिकतम 25 करोड़ रूपये की सहायता राशि प्रदाय की जायेगी।
कृषि वेयरहाउस से औद्योगिक वेयरहाउस में उन्नयन करने पर किये गये व्यय की 40% प्रतिपूर्ति, अधिकतम 1 करोड़ रूपये प्रदान किये जायेंगे। साथ ही परियोजना अंतर्गत बाह्य सड़क/रेल अधोसंरचना विकास (परियोजना स्थल तक पहुंचने हेतु) के लिए व्यय की गई राशि की 50% प्रतिपूर्ति, अधिकतम 3 करोड़ रूपये की सहायता प्रदान की जायेगी।
सामान्य प्रोत्साहन में वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक गतिविधियों को कलेक्टर गाइड लाइन दर अनुसार अविकसित भूमि आवंटित करने के लिए प्रचलित भूमि प्रबंधन नियम में प्रावधान किया जायेगा। लॉजिस्टिक हब/पार्क की स्थापना के लिए भूमि के क्रय पर 100 प्रतिशत स्टाम्प शुल्क और पंजीकरण शुल्क (अधिकतम 5 करोड़ रूपये) की प्रतिपूर्ति की जाएगी। साथ ही अन्य गैर वित्तीय सहायता जैसे एक्जिम कार्गो के लिए ग्रीन चैनल का विकास, फास्ट-ट्रैक भवन अनुमति, सिंगल विडो सिस्टम, 24x7 निरंतर संचालन की अनुमति ग्राउंड कवरेज में रियायत लॉजिस्टिक और वेयरहाउसिंग अधोसंरचना को 70% तक के उच्च ग्राउंड कवरेज की अनुमति प्रदान की जायेगी।
Madhya Pradesh City Gas Distribution - CGD Policy Network Development and Expansion Policy, 2025 approved
मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश में सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी) पॉलिसी नेटवर्क के विस्तार के लिए म.प्र. सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी) पॉलिसी नेटवर्क विकास एवं विस्तार नीति, 2025 लागू किए जाने का निर्णय लिया गया। मध्यप्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में सम्मिलित है जहां सीजीडी पॉलिसी लागू की जा रही है। मध्यप्रदेश में सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी) पॉलिसी नेटवर्क के अंतर्गत् घरेलू उपयोग के लिए, वाणिज्यक एवं औद्यौगिक इकाइयों में पाईपलाईन के माध्यम से पाईप्ड नेचुरल गैस की आपूर्ति की जायेगी। सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी) पॉलिसी नेटवर्क का उदेश्य घरों और उद्योगों के लिये स्वच्छ और किफायती ईंधन की उपलब्धता सुनिश्चित कराना है। सीएनजी गैस स्टेशन के माध्यम से वाहनों में ईधन के रूप में सीएनजी की आपूर्ति की जायेगी। यह ईंधन पेट्रोल एवं डीजल की अपेक्षा सस्ता होता है और इसमें प्रदूषण का स्तर कम होता है। इस पॉलिसी का उदेश्य राज्य में सीजीडी बुनियादी ढांचे का विकास एवं क्रियान्वयन शीघ्रतापूर्वक किया जाना है। इसके लिये सभी आवश्यक अनुमतियां समय-सीमा में उपलब्ध करा दिये जाने और भूमि आवंटन की प्रक्रिया का निर्धारण स्पष्ट किया गया है।
नीति के माध्यम से घरों में स्वच्छ ईधन का उपयोग होने से महिलाओं का स्वास्थ्य बेहतर होगा साथ ही घरों में गैस सिलेण्डर के स्थान पर पाईप के माध्यम से घरेलू गैस उपलब्धता में सुविधा होगी। यह गैस सिलेण्डर में उपलब्ध गैस की अपेक्षाकृत सस्ती होगी, जिससे प्रदेश के विभिन्न परिवारों को आर्थिक लाभ के साथ ही जीवन स्तर में सुधार होगा। नीति के अंतर्गत् विभिन्न अनुमतियां सिंगल विण्डो सिस्टम के माध्यम से डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट से प्राप्त करने के लिए अधिकतम कार्य दिवस 60 दिन एवं पाईप लाईन विछाने की अनुमति के लिए अधिकतम कार्य दिवस 77 दिन निर्धारित किये गये हैं। प्रावधान ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के अंतर्गत् कारोबार करने में आसानी के लिए किये गये हैं। साथ ही पॉलिसी में सीएनजी वाहनों को बढावा देने के उद्देश्य से एक प्रतिशत जीवनकाल मोटरयान कर में छूट दी जायेगी। वाहनों का पंजीयन शुल्क यथावत् रहेगा। यह छूट पॉलिसी लागू होने के एक वर्ष तक लागू रहेगी।
Madhya Pradesh Film Tourism Policy 2025 approved
मंत्रि-परिषद ने प्रदेश को फिल्म पर्यटन अनुकूल राज्य बनाने और राज्य में फिल्म उद्योग के माध्यम से अधिकाधिक निवेश एवं रोजगार के अवसर उत्पन्न करने के उद्धेश्य से मध्यप्रदेश फिल्म पर्यटन नीति 2025 की स्वीकृति दी। मध्यप्रदेश फिल्म पर्यटन नीति 2025 के तहत समग्र सिनेमा उद्यो ग का विकास, स्थानीय प्रतिभाओं, क्षेत्रीय भाषाओं, महिलाओं के सशक्तिकरण और बुनियादी ढांचे के विकास को प्राथमिकता दी गयी है। नीति अंतर्गत फिल्म शूटिंग अनुमतियों को सिंगल विण्डो सिस्टम अंतर्गत किया जाकर पब्लिक सर्विस गारंटी एक्ट के तहत शामिल किया गया है। स्थानीय और जनजातीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए मालवी, बुंदेलखंडी, बघेलखंडी, निमाडी, गोंडी, भीली, कोरकू जैसी स्थानीय भाषाओं पर आधारित फिल्मों के लिए 10% अतिरिक्त अनुदान का प्रावधान किया गया है। बच्चों के सिनेमा को बढ़ावा देने के लिए बच्चों के विषयों पर आधारित फिल्मों के लिए विशेष अनुदान 10% दिया जायेगा। महिला केंद्रित फिल्मों के लिए 10% अतिरिक्त अनुदान की व्यवस्था की गयी हैं। क्षेत्रीय भाषाओं को प्रोत्साहन देने के लिए मराठी, बंगाली, आदि क्षेत्रीय भाषाओं मे फिल्म निर्माण पर 10% अतिरिक्त अनुदान प्रदान किया जायेगा। साथ ही ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक व्यक्तित्वों पर आधारित फिल्मों के लिए अतिरिक्त अनुदान, शॉर्ट फिल्मों के लिए वित्तीय सहायता, नवीन एकल सिनेमाघरों के निर्माण और मौजूदा सिनेमाघरों के उन्नयन के लिए विशेष अनुदान प्रावधान और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त डॉक्यूमेंट्री फिल्मों के लिए अनुदान प्रदान किया जायेगा।
राज्य में फिल्म निर्माण को बढ़ावा देने तथा रोजगार एवं आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि एवं फिल्म निर्माण संबंधी अधोसंरचना निवेश को आकर्षित करने के लिए विशेष वित्तीय अनुदान प्रदान किये जायेंगे। फीचर फिल्म के लिए अनुदान अधिकतम रु. 2 करोड़ रूपये तक, वेब सीरीज के लिए अनुदान अधिकतम 1 करोड़ 50 लाख रूपये तक, टीवी-शो/सीरियल्स के लिए अनुदान अधिकतम 1 करोड़ रूपये तक, डॉक्युमेंट्री के लिए अनुदान अधिकतम 40 लाख रूपये तक, अंतर्राष्ट्रीय फिल्म के लिए अनुदान अधिकतम 1.3 मिलियन USD (INR 10 करोड़ रूपये तक) और शॉर्ट फिल्मों के लिए अधिकतम अनुदान 15 लाख रुपये तक प्रदान किया जायेगा। वित्तीय अनुदान तब दिया जायेगा जब कुल शूटिंग दिवसों में 75% शूटिंग दिवस मध्य प्रदेश में किया गया हो।
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश को 2022 में 'मोस्ट फिल्म-फ्रेंडली स्टेट का पुरस्कार प्राप्त हुआ है। पिछले 5 वर्षों में राज्य में 350 से अधिक फिल्म परियोजनाए सफलतापूर्वक पूर्ण हो चुकी हैं। अब तक 10 हिंदी फीचर फिल्मे 1 तेलुगु फीचर फिल्म और 4 वेबसीरीज को लगभग 21 करोड़ रुपये की वित्तीय अनुदान सहायता दी गई है। विगत वर्षों में प्रदेश में फिल्मांकित विभिन्न फिल्म परियोजनाओं दवारा राज्य में अनुमानित रूप से 700 करोड़ रुपये व्यय गये है और एक लाख पचास हजार से अधिक अस्थायी रोजगार दिवसो का सृजन हुआ है। भूल भुलैया-3. सिक्सर, लव की अरेंज मैरेज, गुल्लक, धड़क-2, स्त्री, पंचायत, कोटा फैक्ट्री, पोन्नियिन सेल्वन, सिटीडेल (हनी बन्नी), औरों में कहा दम था, डंकी, पटना शुक्ला, तिवारी, फुकरे 3, द रेलवे मेन, सेल्फी, लापता लेडीज, युद्ध, एवं जरा हटके जरा बचके जैसी प्रसिद्ध एवं लोकप्रिय फिल्म परियोजनाएं प्रदेश में फिल्मांकित हुई है।
Madhya Pradesh Tourism Policy 2025 approved
मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गंतव्य के रूप मे स्थापित करने के लिए पर्यटन नीति 2025 की स्वीकृति दी है। इसका उद्धेश्य प्रदेश की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक एवं प्राकृतिक विरासत को वैश्विक पहचान दिलाना है। साथ ही पर्यटन स्थलों में विश्व स्तरीय अधोसरंचना का निर्माण कर पर्यटकों को अविस्मरणीय अनुभव प्रदान कराना हैं। नीति के अंतर्गत् गोल्फ, कन्वेंशन सेंटर, वेलनेस रिसोर्ट, क्रूज, अंर्तप्रदेशीय वायु सेवा, हेरिटेज होटल, रोप-वे, म्यूजियम, लाइट एंड साउंड शो आदि के निर्माण को प्रोत्साहन दिया जायेगा।
नीति अंतर्गत अल्ट्रा मेगा परियोजनाओं (निवेश 100 करोड़ रूपये से अधिक) को कलेक्टर गाइडलाइन दर पर 90 वर्षों के लिए उपलब्ध विभागीय भूमि का सीधा आवंटन किया जायेगा। राज्य में किसी भी स्थान पर पर्यटन परियोजनाओं के लिए 15% से 30% अधिकतम रुपये 90 करोड़ तक का पूंजी अनुदान प्रदाय किया जायेगा। इलेक्ट्रिक कूज को प्रोत्साहित करने के लिए 5% का अतिरिक्त अनुदान दिया जायेगा। दुर्गम दूरस्थ नवीन क्षेत्रों में पर्यटन परियोजनाओं की स्थापना पर 5% का अतिरिक्त अनुदान प्रदान किया जायेगा। मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड में निवेश प्रोत्साहन सेल की स्थापना की गई है। पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से निजी निवेशकों को लैंड पार्सल मार्ग सुविधा केन्द्रों और हेरिटेज संपतियों का आवंटन किया जायेगा। वाइल्ड लाइफ रिसॉर्टस के लिए विशेष अनुदान दिया जायेगा। पर्यटन सम्भावित अविकसित नवीन क्षेत्रों में निवेश कर पर्यटन परियोजनाएं स्थापित की जाएगी। नवीन पर्यटन सम्भावना वाले क्षेत्रों का विकास कर निजी निवेश का मार्ग प्रशस्त किया जायेगा।
निवेशक, पर्यटन परियोजनाओं की स्थापना के लिये विभिन्न विभागों से अनुमतियाँ/अनापत्ति समयसीमा में प्राप्त करने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम से प्राप्त कर सकेंगे। पर्यटन परियोजनाओं की स्थापना के लिए आवश्यक अनुमतिया/अनापत्ति को समयसीमा के साथ नीति में अधिसूचित किया गया है। ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस की अवधारणा अंतर्गत अनुमतियां/अनापत्तियों को लोक सेवा गारंटी अधिनियम अंतर्गत लाया जायेगा। गोल्फ टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल अंतर्गत निजी निवेश को अनुबंध पर दिया जायेगा। निजी निवेशकों को गोल्फ टूरिज्म की स्थापना के लिए विभागीय भूमि में से अधिकतम 10 प्रतिशत भूमि का सब-लीज पर व्यवसायिक उपयोग करने की अनुमति दी जा सकेगी। आवंटित मार्ग सुविधा केन्द्र को कम हुई भूमि के बदले समतुल्य मूल्य की भूमि उपलब्ध करायी जा सकेगा। नर्मदाघाटी विकास प्राधिकरण, जल संसाधन विभाग, लोक निर्माण विभाग के रेस्ट हाऊस, गेस्ट हाऊस, डॉक बंगला, सर्किट हाऊस आदि को पर्यटन परियोजना की स्थापना के लिए निजी निवेशकों को लीज पर दिया जायेगा। स्टार्टअप उद्यमियों को निविदाओं में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा ।
292 acres of land approved for aviation operations in Shivpuri
मंत्रि-परिषद द्वारा शिवपुरी स्थित शासकीय हवाई पट्टी में ATR-72 विमानों के संचालन के लिए भाविप्रा को 292 एकड़ भूमि की स्वीकृति दी गयी है। इसके लिए भूमि अधिग्रहित करने एवं मुआवजा राशि का भुगतान किये जाने का निर्णय लिया गया हैं।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश राज्य का शिवपुरी शहर एक ऐतिहासिक एवं पर्यटन की दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण है, जहाँ माधव एवं कूनो राष्ट्रीय उद्यान स्थित है। कूनों की पहचान देश ही नहीं बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी है। शिवपुरी में काफी अधिक संख्या में देश-विदेश के पर्यटकों का आवागमन होता रहता है। शिवपुरी में विमान संचालन से पर्यटकों को आवागमन में सहुलियत होगीं।
Scheme approved for implementation of pumped hydro storage projects
मंत्रि-परिषद द्वारा "मध्यप्रदेश में पम्प हाईड्रो स्टोरेज परियोजनाओं के क्रियांवयन के लिए योजना 2025" को स्वीकृति दी है। उल्लेखनीय है कि सौर तथा पवन ऊर्जा स्त्रोतों से मिलने वाली ऊर्जा, स्थाई प्रकृति की नहीं होने के कारण पम्प हाइड्रो स्टोरेज परियोजनाओं का विकास महत्वपूर्ण है। देश में 96 हजार मेगावाट की क्षमता उपलब्ध है जिसके विरूद्ध वर्तमान में मात्र 8 पंप हाइड्रो स्टोरेज परियोजनाएं तैयार है। इस परियोजना मुख्यतः तीन प्रकार की होती है ऑन स्ट्रीम पीएसपी, सेमी ऑफ स्ट्रीम और ऑफ स्ट्रीम पीएसपी। पम्प हाइड्रो स्टोरेज परियोजना के साईट आवंटन के लिए चार श्रेणियां निर्धारित है। क्रमांक : 0946H ✒ सचिन यादव/राजेश दाहिमा/अनुराग उइके