मध्य प्रदेश शासन के कृषि विभाग में उपसंचालक एवं किसान कल्याण विभाग के परियोजना संचालक जिला अनूपपुर एनडी गुप्ता की अग्रिम जमानत याचिका, विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम श्री पंकज जैसवाल द्वारा निरस्त कर दी गई है। श्री एनडी गुप्ता के विरुद्ध EOW द्वारा 229 करोड़ के गबन का मामला दर्ज किया गया है।
ANUPPUR NEWS - निष्पक्ष जांच के लिए एनडी गुप्ता की गिरफ्तारी जरूरी
मध्य प्रदेश शासन के आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ द्वारा दिनांक 11 फरवरी को मामला दर्ज किया गया था। संभावित गिरफ्तारी से बचने के लिए श्री एनडी गुप्ता, किसी अज्ञात स्थान पर जाकर छुप गए हैं। उन्होंने अपने वकील के माध्यम से विशेष न्यायाधीश, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के समक्ष अग्रिम जमानत याचिका प्रस्तुत करते हुए दावा किया था कि उनके खिलाफ दर्ज किया गया मामला झूठा है। जिला अभियोजन अधिकारी हेमंत अग्रवाल ने कोर्ट में जमानत का विरोध किया। उन्होंने बताया कि अभियुक्त के खिलाफ की गई शिकायत जांच में सही पाई गई है। मामले की जांच अभी प्रारंभिक स्तर पर है। उनको रिमांड पर लेने के बाद ही जांच पूरी हो पाएगी। न्यायालय ने अभियोजन पक्ष के तर्कों और अभिलेखों में मौजूद तथ्यों के आधार पर एनडी गुप्ता की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी।
गरीब किसानों के कृषि उपकरण की राशि खा गए
जानकारी के अनुसार साल 2019 में अनूपपुर जिले में 'आत्मा' परियोजना के तहत जिले के जैतहरी, अनूपपुर और पुष्पराजगढ़ विकासखंडों में निवासरत किसानों को वर्मी कम्पोस्ट खाद, मल्टी टूल फ्रेम, सिकल (उन्नत हंसिया), वर्मी बेड, बायो इनोक्यूलेंट वितरित किया जाना था, लेकिन इन सामान का वितरण न कर सरकारी राशि का गबन कर लिया।
ND GUPTA जांच में भ्रष्टाचार के दोषी पाए गए हैं
ईओडब्ल्यू की जांच में सामने आया है कि कृषि परियोजना संचालक उप संचालक (आत्मा) एनडी गुप्ता और उनके साथियों ने कुल 2.29 करोड़ रुपए का गबन किया है। रीवा ईओडब्ल्यू एसपी अरविंद कुमार ठाकुर ने बताया कि मामले की शिकायत मिलने के बाद एक टीम का गठन किया गया था, टीम द्वारा जब मामले में छानबीन की गई तो जांच सही पाई गई। जांच में उपसंचालक कृषि परियोजना संचालक आत्मा परियोजना के एनडी गुप्ता एवं उनके अन्य सहयोगियों ने 2 करोड़ 29 लाख से ज्यादा की शासकीय राशि का गबन एवं भ्रष्टाचार करना पाया गया। भ्रष्टाचार में शामिल 6 अधिकारियों सहित अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत 420, 467, 468, 471 सहित अन्य धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
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