मध्य प्रदेश के नीमच जिले में एक बड़ी घटना हुई है। एक तहसीलदार ने 5 पटवारियों के साथ मिलकर जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को बीच रास्ते से किडनैप कर लिया। उज्जैन और नीमच पुलिस ने ज्वाइंट ऑपरेशन करके नाकाबंदी की। बिल्कुल फिल्मी स्टाइल में, पुलिस वालों, ने नागदा में, जनपद के अधिकारी को किडनैप करके ले जा रही स्कॉर्पियो गाड़ी को पकड़ा। ऑपरेशन के समय पुलिस की टीम सिविल ड्रेस में थी ताकि किडनैपर को पुलिस के होने की भनक नहीं लग पाए।
तहसीलदार जगदीश सिंह, पटवारी प्रमोद दास, अजय सिंह, अजय उच्छावल
नीमच एसपी नवल सिंह सिसोदिया ने बताया कि, जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, आकाश धारवे के भाई ने सुबह फोन पर अपहरण की सूचना दी, तुरंत कार्रवाई करते हुए नागदा पुलिस के सहयोग से जनपद पंचायत के अधिकारी को मुक्त करवा लिया है। आरोपियों में तहसीलदार जगदीश सिंह, पटवारी प्रमोद दास, अजय सिंह, अजय उच्छावल, पिंकी सिंह के साथ 8 अज्ञात शामिल हैं। सीईओ आकाश धारवे के बयान लेने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस घटना के बाद इंदौर कलेक्टर ने बेटमा के तहसीलदार जगदीश सिंह को फील्ड से हटाकर भू-अभिलेख शाखा में पदस्थ कर दिया है।
पुलिस की नाकाबंदी का वीडियो
घटना का एक वीडियो सामने आया है। इसमें काले रंग की स्कार्पियो को रोकने के लिए पुलिस की घेराबंदी दिखाई दे रही है। सबसे पहले उन्होंने ट्रैफिक ब्लॉक किया ताकि स्कॉर्पियो का ड्राइवर किसी भी रास्ते से भागने में कामयाब नहीं हो सके और फिर सिविल ड्रेस में लाठी लेकर चारों तरफ से इस प्रकार घेर लिया जैसे उपद्रवी या प्रदर्शनकारियों की भीड़ है। इससे पहले की तहसीलदार कुछ समझ पाते। पास में खड़ी बोलेरो जीप में से पुलिस टीम ने हथियार निकाल लिए।
तहसीलदार और जनपद अधिकारी में लड़ाई क्यों हुई
नीमच एसपी ने बताया, 'प्रारंभिक जानकारी मिली है कि धार निवासी सीईओ धारवे की शादी की बात साल 2014 में धार की ही पिंकी सिंह से चली थी। पिंकी तहसीलदार जगदीश रंधावा की रिश्तेदार है। बुधवार रात पिंकी, अपने परिजनों के साथ सीईओ आकाश धारवे के नीमच में ऑफिसर कॉलोनी स्थित आवास पहुंची। यहां जमकर हंगामा किया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पिंकी और परिजन को समझाया। इसके बाद वे लोग चले गए। सुबह पिंकी और जगदीश अपने साथियों को लेकर आकाश धारवे के घर पहुंचे। उन्हें जबरन गाड़ी में बैठा लिया।
मुक्त हुए जनपद अधिकारी का बयान
जनपद सीईओ आकाश धारवे में बताया कि रात 12 बजे 12 लोग मेरे क्वार्टर पहुंचे और हंगामा करने लगे। आज सुबह 6 बजे मैं अपने भाई और परिवार के साथ क्वार्टर से घर निकला था, तभी ये लोग गोमा बाई रोड पर मेरी गाड़ी रोककर मारपीट करने लगे। इसके बाद जबरन मुझे अपनी गाड़ी में बैठा लिया। रास्ते में मारपीट और धमिकयां देते रहे। ये पूरा मामला ब्लैकमेलिंग का है। मुझसे फिरौती मांगी गई। ऐसा न करने पर धमकाया जाता था। पूरे मामले में 5 पटवारी 1 तहसीलदार शामिल हैं।
महिला से मेरा संपर्क था, वह मेरे गांव की है। मेरी बातचीत होती थी, लेकिन ये नहीं पता था, कि ब्लैकमेलिंग के लिए ये सब कुछ कर रहे हैं। मैं पुलिस-प्रशासन को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने समय पर सही सलामत मुझे वापस लाया। विनम्र अनुरोध कृपया हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। सबसे तेज अपडेट प्राप्त करने के लिए टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें एवं हमारे व्हाट्सएप कम्युनिटी ज्वॉइन करें। इन सबकी डायरेक्ट लिंक नीचे स्क्रॉल करने पर मिल जाएंगी। कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण समाचार पढ़ने के लिए कृपया स्क्रॉल करके सबसे नीचे POPULAR Category में employee पर क्लिक करें।