मध्य प्रदेश के दमोह जिले में, एडीशनल सुपरिटेंडेंट का पुलिस के स्टेनोग्राफर को लोकायुक्त पुलिस ने ₹25000 रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया है। मध्य प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था में स्टेनोग्राफर को अधिकारी का राइट हैंड कहा जाता है।
विधिवत अनुमति के बाद भी पुलिस ने रिश्वत मांगी
लोकायुक्त पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, यह मामला मुरम खनन से जुड़ा है। शिकायतकर्ता मयंक सोनी ने अपने दोस्त की निजी जमीन पर मुरम खनन के लिए खनिज विभाग से वैध अनुमति ली थी। एएसपी संदीप मिश्रा के स्टेनो एएसआई त्रिलोक सिंह ने उससे 40 हजार की रिश्वत मांगी। बाद में राशि 30 हजार तय हुई।शिकायतकर्ता ने सागर लोकायुक्त में शिकायत दर्ज कराई। लोकायुक्त की टीम की निगरानी में 24 फरवरी को पहले 5 हजार रुपए दिए गए। इस प्रकार शिकायत का सत्यापन हो गया। बाकी 25 हजार रुपए की राशि 27 फरवरी को देने का तय हुआ।
सागर लोकायुक्त डीएसपी डीएम द्विवेदी के नेतृत्व में कार्रवाई
कल (गुरुवार) को आरोपी ने फोन बंद कर लिया। आज उसने खुद फोन मिलाया। लोकायुक्त टीम ने केमिकल लगे नोटों के साथ जाल बिछाया। होमगार्ड ग्राउंड में जैसे ही आरोपी ने रिश्वत की राशि ली, टीम ने उसे दबोच लिया। यह कार्रवाई लोकायुक्त डीएसपी डीएम द्विवेदी के नेतृत्व में की गई। पकड़े गए असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर त्रिलोक सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जा रहा है।
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