MP NEWS - जन भागीदारी कर्मचारियों की सैलरी कम नहीं की जा सकती: हाई कोर्ट

शासकीय महाविद्यालय खिलचीपुर जिला राजगढ़ के प्राचार्य और महाविद्यालय की जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष द्वारा याचिकाकर्ता का मानदेय कम कर दिया गया जिससे असंतुष्ट होकर याचिकाकर्ता द्वारा हाईकोर्ट के समक्ष याचिका प्रस्तुत की गई जिसमें हाईकोर्ट द्वारा याचिकाकर्ता को अंतरिम राहत प्रदान करते हुए प्रमुख सचिव एवं आयुक्त उच्च शिक्षा, कलेक्टर राजगढ़, प्राचार्य एवं अध्यक्ष को याचिकाकर्ता को पूर्वानुसार दिए जा रहे मानदेय को जारी रखे जाने के आदेश दिए गए हैं। 

हाई कोर्ट ने परमानेंट करने के लिए कहा था

याचिकाकर्ता हितेश गुरगेला के एडवोकेट गौरव पांचाल ने बताया कि याचिकाकर्ता लगभग 10 वर्षो से शासकीय महाविद्यालय खिलचीपुर जिला राजगढ़ में कम्प्यूटर आपरेटर के रूप में कार्यरत हैं। याचिकाकर्ता द्वारा मध्य प्रदेश शासन की योजनाओं के अंर्तगत नियमानुसार स्थायीकर्मी की श्रेणी प्रदान नहीं करने याचिकाकर्ता द्वारा माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष रिट याचिका प्रस्तुत की थी। जिसमें माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 07.11.2024 को आदेश पारित कर कलेक्टर जिला राजगढ़ एवं प्राचार्य शासकीय महाविद्यालय खिलचीपुर को याचिकाकर्ता को दी जाने वाली स्थायीकर्मी की श्रेणी के संदर्भ में दो माह में निर्णय लेने का आदेश प्रदान किया गया था। 

प्रिंसिपल और जनभागीदारी अध्यक्ष ने वेतन कम कर दिया

जिसके बाद याचिकाकर्ता द्वारा माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की प्रतिलिपी प्राप्त कर कलेक्टर जिला राजगढ़ एवं प्राचार्य शासकीय महाविद्यालय खिलचीपुर अभ्यावेदन दिया गया। जिसके बाद अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा एवं संभागआयुक्त द्वारा भी प्राचार्य को माननीय उच्च न्यायालय के आदेश का समयसीमा में पालन करने के लिए लिखा गया। तत्पश्चात प्राचार्य एवं अध्यक्ष द्वारा याचिकाकर्ता के विरूद्ध दुर्भावना से कार्यवाही कर याचिकाकर्ता का मानदेय जो कि पूर्व में नियमानुसार कलेक्टर दर से रूपये 13710/- प्रतिमाह दिया जा रहा था उसे कम करके रूपये 12660/- कर दिया गया। 

याचिकाकर्ता के वकील की दलील

जिससे असंतुष्ट होकर याचिकाकर्ता हितेश गुरगेला द्वारा हाईकोर्ट एडवोकेट गौरव पांचाल के माध्यम से हाईकोर्ट के समक्ष रिट याचिका प्रस्तुत की गई जिसमें याचिकाकर्ता के एडवोकेट द्वारा हाईकोर्ट के समक्ष तर्क रखे कि याचिकाकर्ता के संबंध में हाईकोर्ट ने स्थायीकर्मी की श्रेणी के संबंध में प्राचार्य शासकीय महाविद्यालय खिलचीपुर एवं कलेक्टर राजगढ़ को दो माह में निर्णय लेने का आदेश पारित किया गया था इसलिए याचिकाकर्ता का प्रकरण वर्तमान में माननीय न्यायालय के आदेश के पालन में विचाराधीन है उसके पश्चात भी शासकीय महाविद्यालय खिलचीपुर के प्राचार्य एवं महाविद्यालय की जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष द्वारा याचिकाकर्ता से दुर्भावना रखते हुए याचिकाकर्ता सहित महाविद्यालय के अन्य कर्मचारियों का मानदेय नियमों के विपरित जाकर कम कर दिया गया जिसे पूर्वानुसार यथावत रखा जावे। 

हाई कोर्ट का फैसला

याचिकाकर्ता के एडवोकेट के तर्को से सहमत होकर हाईकोर्ट द्वारा याचिकाकर्ता को अंतरिम राहत प्रदान कर प्रत्यर्थीगण प्रमुख सचिव एवं आयुक्त उच्च शिक्षा, कलेक्टर राजगढ़, प्राचार्य शासकीय महाविद्यालय खिलचीपुर एवं अध्यक्ष जनभागीदारी समिति को सूचना पत्र जारी कर पूर्व में दिए जा रहे मानदेय रूपये 13710/- जारी रखे जाने का आदेश प्रदान किया गया। जिसके बाद प्राचार्य शासकीय महाविद्यालय खिलचीपुर एवं अध्यक्ष जनभागीदारी समिति को हाईकोर्ट के समक्ष जवाब प्रस्तुत करना पड़ेगा। 

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