प्रेमानंद महाराज को लेकर मध्य प्रदेश में भी दो पक्षों के बीच बहस चल रही है - MP NEWS

पिछले तीन दिनों में प्रेमानंद महाराज अचानक बड़ी ब्रेकिंग न्यूज़ बन गए हैं। वृंदावन धाम में रात 2:00 बजे आयोजित होने वाला उनका डेली रोड शो बंद कर दिया गया है। श्री हित राधा केली कुंज परिकर श्रीधाम वृंदावन द्वारा दिनांक 6 फरवरी को इसकी अधिकृत सूचना दी गई। इसके बाद से ही समाज में 2 पक्ष बन गए हैं। लोग मीडिया के सामने और सोशल मीडिया पर भी, खुलकर अपना पक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं। 

प्रेमानंद महाराज के दर्शन अनिश्चितकाल के लिए बंद क्यों हुए

श्री हित राधा केली कुंज परिकर श्रीधाम वृंदावन की ओर से बताया गया है कि, पूज्य महाराज जी के स्वास्थ्य व बढ़ती हुई भीड़ को देखते हुए, पूज्य महाराज जी जो पदयात्रा करते हुए रात्रि 2:00 बजे से श्री हित राधा केली कुंज जाते थे, जिसमें सब दर्शन पाए थे, वह अब अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है। इधर कुछ टीवी चैनलों पर वृंदावन के लोगों की वीडियो वायरल हुई। इसमें वह प्रेमानंद महाराज की रात 2:00 बजे निकलने वाली पदयात्रा का विरोध कर रहे थे। उनका कहना था कि इस पदयात्रा के लिए प्रेमानंद महाराज के शिष्य रात 11:00 से सड़कों पर बैरिकेटिंग कर देते हैं। बड़ी संख्या में भीड़ लगना शुरू हो जाती है। फिर तेज आवाज में जयकार लगाए जाते है। काफी शोर शराबा होता है। कई बार तो रात 2:00 बजे आतिशबाजी होती है। यह सब कुछ हर रोज होता है। इसलिए पूरे रास्ते में जितने भी घर पड़ते हैं उनका रात्रि विश्राम मुश्किल हो गया है। 

प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा के बारे में पब्लिक क्या बोलती है

ऐसे सभी लोग जो प्रेमानंद महाराज के दर्शन के लिए वृंदावन आते थे, उनको इस निर्णय से घोर आपत्ति है। प्रेमानंद महाराज के सभी अनुयाई, अपनी क्षमता और शक्ति के अनुसार, प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा का विरोध करने वाले के खिलाफ अपने बयान जारी कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर कुछ लोग रात में 2:00 बजे पदयात्रा को अनुचित बता रहे हैं। स्वाभाविक रूप से पक्ष और विपक्ष दोनों के बयानों में उपयोग होने वाले शब्द, मर्यादा तोड़ रहे हैं। 

तनाव को रोकने के लिए प्रेमानंद महाराज क्या कर सकते हैं

प्रेमानंद महाराज को चाहिए कि वह अपने अनुयायियों को दर्शन देने के लिए, कोई वैकल्पिक व्यवस्था करें। कोई ऐसा स्थान जहां पर रात में 2:00 बजे पदयात्रा करने पर अथवा गैदरिंग करने पर किसी आम नागरिक को कोई डिस्टरबेंस ना हो। फिर चाहे वह स्थान वृंदावन नगर कोटी के बाहर ही क्यों ना हो। अनुयायियों के लिए वह मार्ग महत्वपूर्ण नहीं है जो केली कुंज तक जाता है बल्कि लोगों के लिए प्रेमानंद महाराज महत्वपूर्ण है। यदि उनके दर्शन का कार्यक्रम वृंदावन की सीमा से बाहर भी होगा तो लोगों को समस्या नहीं है लेकिन इस प्रकार से अचानक पदयात्रा एवं दर्शन बंद कर दिया जाना अनुयायियों के लिए भावनात्मक कष्ट का कारण बन गया है। 

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