मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2023 में " लाडली बहना योजना" लागू करके पूरा का पूरा माहौल बदल देने वाले मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इनडायरेक्ट तौर पर स्वीकार किया है कि, लाडली बहना योजना, वोट दिलाऊ योजना थी और विधानसभा चुनाव में हार जाने के डर से घोषित की गई थी। हालांकि उन्होंने अपने पूरे भाषण के दौरान "लाडली बहना योजना" का नाम तक नहीं लिया परंतु वह जो कहना चाहते थे, सब समझ गए।
चुनावों के कारण कई फैसले प्रभावित होते हैं
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के एक प्राइवेट कॉलेज में आयोजित 'एक देश-एक चुनाव' कार्यक्रम में स्टूडेंट्स के साथ संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया था। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि बार-बार चुनावों के कारण कई फैसले प्रभावित होते हैं। गवर्नेंस प्रभावित होती है, विकास रुक जाता है पैसे की बर्बादी होती है। कई बार तो वोट दिलाऊ फैसले भी करने पड़ते हैं।
संगठन शक्तिशाली ना हो तो सरकार को चुनाव लड़ना पड़ता है
शिवराज ने कहा, चुनाव में पीएम, सीएम सब लगे रहे। केन्द्रीय मंत्री मुझे बनाया गया और कहा गया झारखंड के चुनाव में जाओ। तीन महीने वहीं पड़ा रहा। कृषि की तरफ ध्यान ही नहीं रहा। फोकस चुनाव पर हो गया। मेरे जैसे कितने लोग लगे रहे। ये केवल एक पार्टी में नहीं सभी पार्टियों के मंत्री, मुख्यमंत्री, विधायक सांसद लगे रहते हैं।
चुनाव में पीछे से भी बहुत खर्चा होता है
शिवराज ने कहा- अलग-अलग चुनाव क्यों होने चाहिए? हर चार-छह महीने में चुनाव हो रहे हैं। गवर्नेंस प्रभावित होता है। धन का अपव्यय होता है। असल में तो औपचारिक खर्चा दिखता है, पीछे से और कितना खर्चा होता है। चुनाव आयोग ने इस चुनाव में गाड़ियों से पैसे पकड़े थे। एक तरफ धन का अपव्यय होता है, दूसरी तरफ सरकारें लॉन्ग टर्म प्लानिंग नहीं कर पातीं।
चुनाव के कारण पीएम मोदी के भी कई फैसले प्रभावित हुए: शिवराज सिंह चौहान
शिवराज सिंह चौहान ने कहा- प्रधानमंत्री मोदी ने कई बडे़ और कड़े फैसले लिए हैं। लेकिन, कई बार चुनाव के डर में कई ऐसे फैसले नहीं हो पाते कि वोट बिगड़ गया और नुकसान हो गया, तो वोट बचाओ। ऐसे कई फैसले प्रभावित होते हैं, जो बच्चों का भविष्य बेहतर बना सकते हैं। प्रदेश का विकास कर सकते हैं। देश को आगे बढ़ा सकते हैं। वोट के डर में फैसले प्रभावित होते हैं।
विशेष नोट:- अपने बेटे के विवाह कार्यक्रम के दौरान पारिवारिक रीति रिवाज तक के फोटो वीडियो फेसबुक पर अपलोड करने वाले श्री शिवराज सिंह चौहान ने इस कार्यक्रम के फोटो वीडियो अपलोड नहीं किए। जिस प्राइवेट कॉलेज में कार्यक्रम हुआ। उसने भी कार्यक्रम का पूरा वीडियो नहीं दिया। इसलिए माना जा सकता है कि, "एक देश एक चुनाव" की उपयोगिता को साबित करने के लिए, शिवराज सिंह जी ने अपना दर्द साझा करना शुरू किया और फिर स्वयं पर नियंत्रण खो बैठे। बाद में जब ध्यान आया कि, शब्दों का कुछ अर्थ भी निकल सकता है तो, जो रोका जा सकता था उसे रोक दिया गया है।
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