अधिवक्ता श्री रामेश्वर सिंह ठाकुर ने बताया कि, सुप्रीम कोर्ट में दायर 75 ट्रांसफर याचिकाओं में से 69 याचिकाओं की आज दिनांक 12/02/2025 को अहम् सुनवाई की गई। सुनवाई के दौरान ओबीसी पक्ष की ओर से की गई आपत्ति पर सरकार की 17 याचिकाए सारहीन पाकर निरस्त कर दी गई। अगली सुनवाई शेष याचिकाओं के साथ दिनांक 01/03/2025 नियत की गई है।
27% ओबीसी आरक्षण - सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में सुनवाई पर रोक लगाई
ज्ञातव्य हो की कोर्ट क्रमांक 4 में कुल 69 ट्रांसफर याचिकाओं की सुनवाई सूचिबद्ध थी। वरिष्ठ अधिवक्ताओ में संतोष पौल, रामेश्वर सिंह ठाकुर एवं विनायक प्रसाद शाह की आपत्ति पर 69 याचिकाओं में से 17 ट्रांसफर याचिकाए आज ख़ारिज कर दी गई तथा शेष याचिकाओं में हाईकोर्ट द्वारा की जाने वाली सुनवाई पर रोक लगा दी गई, तथा अनावेदको को नोटिस जारी किए गए। सुप्रीम कोर्ट में आज हुई सुनवाई के दौरान मध्य प्रदेश सरकार की ओर से सालीसीटर जनरल तुषार मेहता ने पक्ष रखा तथा ओबीसी अभ्यर्थियों एवं संगठनों की ओर से पूर्व में दायर केवियटो में वरिष्ठ अधिवक्ता संतोष पौल, वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर, विनायक प्रसाद शाह, अजय सिंह यादव, हनुमत लोधी ने ओबीसी का पक्ष रखा।
सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी आरक्षण विवाद के निपटारे की शुरुआत
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति अभय एस.ओका एवं उज्जवल भूयन को बताया की सरकार ने समस्त मामलो में ट्रांसफर याचिकाए दाखिल कर दी है, जबकी दो दर्जन से अधिक मामले हाई कोर्ट से Withdraw हो चुकी है। तब अधिवक्ता तुषार मेहता जी ने कोर्ट को लिस्ट दी, जिनमे से 17 याचिकाए आज सारहीन पाते हुए ख़ारिज कर दी गईं। खंडपीठ द्वारा मध्य प्रदेश सरकार के सॉलिसिटर जनरल श्री तुषार मेहता को निर्देशित किया गया की कोई एक केस बताए जिसमे यह कोर्ट विद्यामान विवाद को डिसाइड किया जा सके।
तब ओबीसी वर्ग की ओर से पक्ष रख रहे अधिवक्ताओ ने खंडपीठ को बताया की छत्तीगढ़ राज्य की भांति मध्य प्रदेश में याचिकाओं के अंतिम निर्णयधीन समस्त भर्तियां 100% पदों पर किए जाने का निर्देश दिया जाए, तब कोर्ट ने पूछा की मैंने हाईकोर्ट को प्रकरणों को सुनने पर स्टे किया है न की आरक्षण क़ानून पर। अधिवक्ता श्री रामेश्वर सिंह ने बताया कि, कोर्ट ने अधिवक्ता तुषार मेहता से वस्तु स्थिति जानना चाही, लेकिन उन्होंने बात को यूटर्न करते हुए उक्त मामलो को अंतिम सुनवाई किए जाने की बात कही गई। समस्त प्रकरणों की सुनवाई 01/3/25 नियत की गई है तथा सुप्रीम कोर्ट ने तुषार मेहता को निर्देशित किया है कि समस्त याचिकाओं की कॉपी ओबीसी का पक्ष रख रहे अधिवक्ताओ को प्रदान की जाए।
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