NASA द्वारा गुप्त नवरात्रि में, अंतरिक्ष में बने श्री यंत्र का रिसर्च पेपर प्रकाशित

NASA के वैज्ञानिक इस पूरे घटनाक्रम में एक माध्यम मात्र है। Hubble Space Telescope ने ब्रह्मांड में बने श्री यंत्र को कैप्चर किया। वरिष्ठ वैज्ञानिक इसे समझ नहीं पाए लेकिन Yale University के पीएचडी छात्र के माध्यम से इसका उद्घाटन हुआ। वैज्ञानिक इसके आठ चक्रों की गणना कर पाए परंतु बाद में नौवीं चक्र भी प्रकट हो गया। हवाई स्थित डब्ल्यू. एम. केक ऑब्जर्वेटरी (W. M. Keck Observatory) के डेटा का उपयोग करके वैज्ञानिकों ने नौवीं रिंग की पुष्टि की। यह दृश्य अद्भुत है। क्योंकि ब्रह्मांड में मौजूद करोड़ों गैलेक्सी में अधिकतम तीन चक्र होते हैं। ब्रह्मांड में इससे पहले, इस प्रकार की गैलेक्सी को कभी नहीं देखा गया। 

जिसे वैज्ञानिक नहीं देख पाए, एक विद्यार्थी के सामने प्रकट हो गया

NASA के वैज्ञानिकों ने इस विशाल गैलेक्सी को LEDA 1313424 कोड नाम दिया है। ब्रह्मांड में बनी यह आकृति हबल टेलीस्कोप द्वारा कैप्चर कर ली गई थी परंतु वैज्ञानिकों के सामने प्रकट नहीं हुई थी। Yale University) के पीएचडी छात्र Imad Pasha जब एक ग्राउंड बेस्ड इमेजिंग सर्वे देख रही थी तब उनके सामने प्रकट हो गई, और शोधकर्ताओं को अपनी ओर आकर्षित कर लिया। भारत में इस तरह की प्रक्रिया को स्वयंभू होना कहते हैं। जब कोई पहले से विद्यमान प्राकृतिक शक्ति, अचानक मनुष्यों के समक्ष प्रकट हो जाती है। पीएचडी स्टूडेंट्स के समूह ने इसे Bullseye नाम दिया है। भारत की प्राचीन पुस्तकों में इस प्रकार की आकृति को श्री यंत्र कहा गया है। एक और संयोग देखिए, NASA में हुए इस अध्ययन का रिसर्च पेपर दिनांक 4 फरवरी 2025 को The Astrophysical Journal Letters) में प्रकाशित किया गया। भारतीय कैलेंडर "पंचांग" के अनुसार यह गुप्त नवरात्रि का सातवां दिन अर्थात सप्तमी तिथि है। 

Bullseye गैलेक्सी के बारे में एक और आश्चर्यजनक तथ्य

ब्रह्मांड के बारे में हम धरती के मनुष्य को नई जानकारी प्रदान करने वाली इस घटना में कई सारे आश्चर्यजनक तथ्य हैं। सामान्य तौर पर जब दो गैलेक्सी आपस में टकराती है तो, बड़ी गैलेक्सी, छोटी गैलेक्सी को खा जाती है और एक नई गैलेक्सी का निर्माण हो जाता है, Bullseye के मामले में ऐसा नहीं हुआ। एक छोटी गैलेक्सी ने इसके केंद्र में प्रवेश किया और आर पार हो गई। दोनों गैलेक्सी अंतरिक्ष में अभी भी दिखाई देती हैं। अब दोनों के बीच में 1,30,000 प्रकाश वर्ष की दूरी है, लेकिन अभी भी दोनों के बीच में संपर्क स्थापित है। अंतरिक्ष के शोधकर्ताओं को दोनों आकाशगंगाओं के बीच में एक पतली गैस की धारा (thin trail of gas) दिखाई दी है। 

येल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और इस अध्ययन के सह-लेखक (अर्थात इस रिसर्च में अपने स्टूडेंट के असिस्टेंट) पीटर जी. वैन डोक्कम (Pieter G. van Dokkum) ने कहा कि, खगोलीय समय-सीमा (cosmic timescales) में आकाशगंगाओं का आपस में टकरा जाना अथवा एक दूसरे के पास से गुजर जाना, बेहद आम घटना है परंतु एक आकाशगंगा का दूसरी आकाशगंगा के केंद्र से सुरक्षित गुजर जाना, यह बेहद दुर्लभ घटना है। Pieter G. van Dokkum का कहना है कि इस घटना के कारण नए तारों के निर्माण के क्षेत्र (star formation regions) सक्रिय हो गए।

Bullseye का आकार कितना बड़ा है

हमारी पृथ्वी, मिल्की वे (Milky Way) आकाशगंगा का हिस्सा है। हमारी आकाशगंगा का व्यास (diameter) लगभग 1,00,000 प्रकाश-वर्ष है, जबकि बुल्सआई इससे ढाई गुना बड़ी, यानी 2,50,000 प्रकाश-वर्ष चौड़ी है। Pieter G. van Dokkum का कहना है कि, हबल टेलीस्कोप द्वारा यदि गैलेक्सी के ऊपर से चित्र कैप्चर किया जाता तो यह पूरी तरह से गोल और स्पष्ट दिखाई देता, लेकिन हम प्राप्त जानकारी के आधार पर अनुमान लगा सकते हैं कि यह कितना दिव्य और सुंदर है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article. विनम्र अनुरोध - कृपया हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। सबसे तेज अपडेट प्राप्त करने के लिए टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें एवं हमारे व्हाट्सएप कम्युनिटी ज्वॉइन करें। इन सबकी डायरेक्ट लिंक नीचे स्क्रॉल करने पर मिल जाएंगी। इसी प्रकार की रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारी प्राप्त करने के लिए कृपया स्क्रॉल करके सबसे नीचे POPULAR Category में knowledge पर क्लिक करें।

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