212 BNS - झूठी सूचना देना या झूठी FIR दर्ज करवाना किस धारा के अंतर्गत अपराध होता है, जानिए

भारतीय नागरिक संहिता, 2023 की धारा 211 उन व्यक्ति को दण्डित करती है जो जानबूझकर किसी अपराध होने की घटना को छुपा लेते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है की व्यक्ति किसी भी अपराध की झूठी सूचना मजिस्ट्रेट या पुलिस अधिकारी को दे। अगर कोई व्यक्ति किसी लोक सेवक को झूठी सूचना या इत्तिला देता है, तब ऐसे व्यक्ति पर क्या कानूनी कार्यवाही हो सकती है:-

भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 212 की परिभाषा

जो कोई व्यक्ति किसी अपराध की झूठी, मिथ्या सूचना देगा, या जानकारी को छुपाएगा या किसी सूचना का लोप करेगा। वह व्यक्ति BNS की धारा 212 के अन्तर्गत दोषी होगा। 

झूठी एफआईआर दर्ज करवाना भी अपराध होता है

रामधन बनाम उत्तर प्रदेश राज्य एवं अन्य राज्य मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा कहा गया है कि झूठी एफआईआर दर्ज करवाना भी IPC की धारा 177 (अब BNS की धारा 212) के अंतर्गत अपराध होता है। मामला कुछ ऐसा था रामधन ने पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करवाई की उसके पुत्र का अपहरण आरोपी बलराम द्वारा किया गया है। अतः पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 364 (अब BNS में 140(1)) के अंतर्गत मामला दर्ज कर लिया और आरोपी के अपराध का विचारण कर उसे अपहरण के अपराध से दोषसिद्ध कर दिया।

कुछ समय बाद फरियादी का पुत्र दिनेश घर वापस आ गया और उसने न्यायालय को बताया की वह कुछ काम करने पंजाब चला गया था। अतः, सुप्रीम ने झूठी एफआईआर दर्ज करने वाले व्यक्ति को धारा 177 (अब BNS की धारा 212) के अंतर्गत दोषी माना।

Bharatiya Nyaya Sanhita Section 212 Provision of punishment

"यह अपराध, असंज्ञेय एवं जमानतीय होते हैं, अर्थात पुलिस थाने में इस अपराध के खिलाफ डायरेक्ट एफआईआर दर्ज नहीं होगी, इस अपराध के लिए कोई भी न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष परिवाद (शिकायत) दर्ज करवा सकते हैं। इस अपराध की सुनवाई कोई भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जाती है। इस अपराध के दण्ड के दो प्रकार होते हैं:-
1. कोई भी व्यक्ति द्वारा झूठी सूचना या इत्तिला लोक सेवक को देने वाले व्यक्ति को छह माह के सादा कारावास या अधिकतम पाँच हजार जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है।
2. अपेक्षित व्यक्ति द्वारा किसी अपराध की झूठी सूचना या इत्तिला देने वाले व्यक्ति को दो वर्ष की कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है।

लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) 

डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें। 

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