जब किसी व्यक्ति की संपत्ति कुर्क की जाती है या सरकार द्वारा किसी संपत्ति की नीलामी होती है, तब बहुत से उपद्रवी लोग ऐसे होते हैं जो नीलामी या कुर्की करने वाले अधिकारी का विरोध करते हैं या उनके साथ अनाप-शनाप व्यवहार करते हैं एवं अपशब्द बोलते हैं। ऐसे व्यक्ति के खिलाफ क्या कार्यवाही हो सकती है, जानिए।
भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 219 की परिभाषा
जो कोई व्यक्ति किसी लोक सेवक को, जो किसी संपत्ति की नीलामी कर रहा है या किसी संपत्ति को कुर्क कर रहा है, अपशब्द कहेगा, धमकी देगा या कोई रुकावट उत्पन्न करेगा, जिससे कुर्की या नीलामी में बाधा उत्पन्न हो, तब ऐसा व्यक्ति BNS की धारा 219 के अंतर्गत दोषी होगा।
Bharatiya Nyaya Sanhita Section 219 Provision of Punishment
यह अपराध असंज्ञेय एवं जमानतीय होता है, अर्थात पुलिस थाने में इस अपराध के खिलाफ सीधे एफआईआर दर्ज नहीं होगी, लेकिन पुलिस थाने से एनसीआर लिखी जा सकती है एवं इस अपराध के लिए कोई भी न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष परिवाद (शिकायत) दर्ज करवाया जा सकता है। इस अपराध की सुनवाई किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जाती है एवं यह अपराध समझौता योग्य नहीं है। इस अपराध के लिए एक माह का कारावास या जुर्माना, जो पाँच हज़ार रुपये तक हो सकता है, या दोनों से दंडित किया जा सकता है। लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
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