मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में दिनांक 25 मार्च को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के मध्य भारत प्रांत संघचालक अशोक पाण्डेय के उस दावे को गलत बताया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि, पुराने भोपाल से सनातन संप्रदाय के लोग पलायन कर रहे हैं। अन्य संप्रदाय के लोग उनकी प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं। श्री अशोक पांडे ने कहा था कि विदिशा विभाग के द्वारा किए गए एक सामाजिक अध्ययन में या खुलासा हुआ है।
दैनिक भास्कर की जांच रिपोर्ट संक्षिप्त में
दैनिक भास्कर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के इस दावे की जांच पड़ताल के लिए पत्रकार श्री आशीष उरमलिया एवं श्री रोहित शिवहरे पुराने भोपाल के उन इलाकों में भेजा, जहां संतुलन के बिगड़ने का दावा किया गया था। यहां उन्होंने कई लोगों से बातचीत की। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने 3000 परिवारों के पलायन का दावा किया था। भास्कर को तीन परिवार भी ऐसे नहीं मिले जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दावे का समर्थन करते हों। टीला जमालपुरा इलाके में कई लोगों के मकान 1 साल से खाली पड़े हैं। बिक नहीं रहे हैं। लोहा बाजार में भास्कर को पलायन का एक नया कारण मिला। उन्हें पता चला कि यहां पर मोबाइल का नेटवर्क नहीं आता इसलिए लोग पलायन कर रहे हैं। भास्कर ने अपनी जांच रिपोर्ट में यह भी बताया कि जैन, सिंधी और मुस्लिम समाज के परिवार भी पुराना भोपाल छोड़कर जा रहे हैं, क्योंकि यहां पर ट्रैफिक सहित बहुत सारी समस्याएं हैं।
सिर्फ जनता नहीं सांसद और विधायक भी पलायन कर चुके हैं
जांच रिपोर्ट में इस बात का खुलासा भी किया गया कि, पूर्व विधायक रमेश शर्मा यहां से विधायक रहे हैं। अब उनका परिवार अरेरा कॉलोनी में शिफ्ट हो गया है। विधायक रामेश्वर शर्मा का पुराना मकान इब्राहिमगंज में है। वह पुराने भोपाल से पार्षद भी रह चुके हैं, मगर नए भोपाल में रहते हैं। मंत्री विश्वास सारंग टीला जमालपुरा से पार्षद रहे, शीशमहल में उनका मकान है। अब नए भोपाल में मकान बना लिया है। सांसद आलोक शर्मा का मकान गुज्जरपुरा में था। दो साल पहले उन्होंने ईदगाह हिल्स में अपना नया मकान बना लिया है। पूर्व सीएम बाबूलाल गौर का परिवार बरखेड़ी में रहता था, अब वे नए भोपाल में रहते हैं।
भास्कर की जांच रिपोर्ट के निष्कर्ष
- लोगों ने बड़े पैमाने पर पुराने भोपाल से पलायन किया है परंतु पलायन का कारण सामाजिक तनाव नहीं बल्कि कार पार्किंग और दूसरी सुविधाएं हैं।
- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का सामाजिक अध्ययन, घर बैठे बनाई गई रिपोर्ट लगता है क्योंकि, इस सामाजिक अध्ययन में इतनी महत्वपूर्ण बात नहीं है कि भारतीय जनता पार्टी के नेता भी पलायन कर गए हैं।
- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रांत संघचालक श्री अशोक पांडे को सतर्क हो जाने की जरूरत है। उनकी टीम उन्हें गलत फीडबैक दे रही है।
- भास्कर की जांच पड़ताल में खुलासा हुआ है कि, पुराने भोपाल में रहने वाले ज्यादातर हिंदू, जैन और सिंधी अपने बच्चों के लिए अच्छी जिंदगी चाहते हैं परंतु ज्यादातर मुस्लिम समाज के लोग ऐसा नहीं चाहते। यही कारण है कि वह लोग अपने मकान बेच रहे हैं और यह लोग उनके मकान खरीद रहे हैं। पलायन करने वालों में उनकी संख्या ज्यादा है जबकि इनकी संख्या बहुत कम है।
- हालांकि भास्कर वाले भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सामाजिक अध्ययन का पूरा अध्ययन नहीं कर पाए। भास्कर की जांच रिपोर्ट में नहीं बताया कि, शाहजहानाबाद, मंगलवारा, बुधवारा में आबादी के अनुपात में 80:20 से 30:70 का अंतर आया है या नहीं।
- भास्कर की जांच रिपोर्ट में, यह भी नहीं बताया गया कि मुस्लिम समाज के लोग अपने बच्चों के लिए बेहतर जिंदगी क्यों नहीं चाहते।
- भास्कर की जांच रिपोर्ट में यह भी नहीं बताया कि, मुस्लिम समाज के कितने प्रतिष्ठित लोगों ने पलायन किया है। किसी प्रमुख नाम का उल्लेख नहीं किया है।
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