BHOPAL NEWS - जिला पंचायत CEO की डिक्टेटरशिप, बिजली यादव और पीएचई सक्सेना सुर्खियों में

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 5 महीने बाद जिला पंचायत की बैठक हुई। इसमें जबरदस्त हंगामा हुआ। जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालिका अधिकारी इला तिवारी की डिक्टेटरशिप, बिजली कंपनी के EE पंकज यादव और पीएचई इंजीनियर संजय सक्सेना सुर्खियों में रहे। इसके अलावा स्वास्थ्य और स्कूल शिक्षा की समस्याओं को भी उठाया गया। 

CEO इला तिवारी ने चिंगारी लगाई

भोपाल जिला पंचायत की बैठक अपने प्रारंभ से ही तनावग्रस्त हो गई थी। जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी इला तिवारी ने मीडिया को बाहर जाने के लिए कह दिया। इस बात को लेकर हंगामा शुरू हो गया। अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों ने आपत्ति जताई। कुछ पत्रकारों ने कलेक्टर श्री कौशलेंद्र विक्रम सिंह को बताया। इसके बाद परेशानियां और समस्याओं का सिलसिला शुरू हुआ।  जिला पंचायत की बैठक में काम नहीं होने पर आपत्ति लेते उपाध्यक्ष मोहन सिंह जाट, सदस्य विनय मेहर और जनपद अध्यक्ष प्रमोद सिंह राजपूत। 

आप यादव होने का फायदा उठा रहे हैं

बैठक में गुरुवार को उस समय विवाद की स्थिति बन गई, जब जनपद अध्यक्ष प्रमोद सिंह राजपूत ने बिजली कंपनी के ईई पंकज यादव पर तीखा हमला बोला। राजपूत ने आरोप लगाया कि बकाया राशि के नाम पर पूरे गांव की बिजली काटना अन्यायपूर्ण है। उन्होंने कहा, “आप यादव होने का फायदा उठा रहे हैं। आप ‘पंकज’ बाद में और ‘यादव’ पहले कहते हैं।”

अध्यक्ष ने भूख हड़ताल की चेतावनी दी

बैठक में उपाध्यक्ष मोहन सिंह जाट ने भी गांवों में पानी की गंभीर समस्या को उठाया। उन्होंने पीएचई विभाग के इंजीनियर संजय सक्सेना पर पानी समस्या की अनदेखी और लापरवाही के आरोप लगाए। सदस्य विनय मेहर सहित कई प्रतिनिधियों ने गांवों में सड़क, पानी और बिजली की दुर्दशा को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि बार-बार शिकायतों के बावजूद अधिकारी सुनवाई नहीं कर रहे। जनपद अध्यक्ष राजपूत ने चेतावनी दी कि यदि स्थिति नहीं सुधरी तो वह भूख हड़ताल पर बैठने को मजबूर होंगे।

जनपद सदस्य विक्रम भालेराव 

जनपद सदस्य विक्रम भालेराव ने कहा कि गांवों में हैंडपंप बंद हो रहे हैं और अधिकारी मरम्मत तक नहीं करा रहे। लोगों की नाराजगी का सामना हमें करना पड़ता है। “काम नहीं हो रहा और हमें कहा जाता है कि हम विरोध कर रहे हैं।”

बैरसिया के तीन लाख लोगों के लिए एक भी डॉक्टर नहीं

सदस्य विनय मेहर ने स्वास्थ्य विभाग की लचर स्थिति पर कहा कि बैरसिया की 3 लाख आबादी के बावजूद सिविल हॉस्पिटल में डॉक्टर नहीं हैं। उन्होंने एक महिला और एक पुरुष डॉक्टर की नियमित नियुक्ति की मांग की। इस पर सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी ने माना कि डॉक्टरों की कमी है।

शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति का मामला

जनपद अध्यक्ष प्रमोद सिंह राजपूत ने सरकारी स्कूलों की जर्जर इमारतों की बात उठाई, वहीं उपाध्यक्ष जाट ने शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति पर कार्यवाही ना होने पर असंतोष जताया।

बैठक में सदस्य चंद्रेश राजपूत ने अफसरों से कहा, “अब क्या हम आपकी निगरानी भी करें?” जबकि भालेराव ने आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत मरीजों को होने वाली परेशानियों की जानकारी दी।

जिला पंचायत के अधिकारी, ठेकेदारों के लिए काम कर रहे हैं

उपाध्यक्ष जाट ने कहा कि अफसर ठेकेदारों की बात सुनते हैं, लेकिन जनप्रतिनिधियों की नहीं। दोपहर 12 बजे हुई सामान्य प्रशासन समिति की बैठक में सिर्फ अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सभापति मौजूद रहे। 1:30 बजे साधारण सभा शुरू हुई, लेकिन प्रतिनिधियों की भागीदारी बेहद कम रही।

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