मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने पर्यावरण विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान निर्देश दिए हैं कि भोपाल के तालाब और उसके कैचमेंट एरिया के आसपास जितने भी कंस्ट्रक्शन हो रहे हैं उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई करें। तालाब और उसके कैचमेंट एरिया की जमीन पर कोई अतिक्रमण नहीं होना चाहिए।
सभी संबंधित विभाग भोपाल की तालाब की सुरक्षा करें: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि भोपाल का बड़ा तालाब हमारी समृद्ध धरोहर का हिस्सा है, सर्वे कराकर इसके संरक्षण के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। बड़े तालाब के आस-पास हो रहे अवैध निर्माण और सीहोर से बड़े तालाब में आने वाले जल को अवरूद्ध करने वाली संरचनाओं के विरूद्ध कार्रवाई की जाए। सभी जिम्मेदार अधिकारी भोपाल ताल के आस-पास हो रही निर्माण गतिविधियों के प्रति सतर्क रहें और उनके विरूद्ध तत्काल कार्रवाई करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह निर्देश मुख्यमंत्री निवास में हुई पर्यावरण विभाग की समीक्षा बैठक में दिए। बैठक में मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय डॉ. राजेश राजौरा, सचिव पर्यावरण श्री नवनीत मोहन कोठारी तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश के 10 तालाबों क्रमश: भोज वेटलैण्ड भोपाल, इंदौर के सिरपुर वेटलैण्ड तथा यशवंत सागर, शिवपुरी के साख्य सागर, जाधव सागर और माधव सागर, दतिया के सीता सागर, अशोकनगर के सिंध सागर, रतलाम के अमृत सागर और सागर के सागर तालाब को वेटलैण्ड नियमों के प्रावधान अनुसार अधिसूचित करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। रामसर साइट की संख्या की दृष्टि से मध्यप्रदेश देश के पहले पांच राज्यों में है। वेटलैण्ड एटलस-2021 के अनुसार प्रदेश में 13 हजार 565 वेटलैण्ड्स के भौतिक सत्यापन और सीमांकन का कार्य प्रगति पर है।
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