मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में होम्योपैथी डॉक्टर हरिकिशन शर्मा और उनकी 36 वर्षीय बेटी डॉक्टर चित्रा शर्मा की मृत्यु के मामले ने भोपाल में शोक और चिंता की स्थिति पैदा करती है। अब तक की पुलिस इन्वेस्टिगेशन में यह सामने आया है कि दोनों ने सुसाइड नहीं किया था बल्कि डॉक्टर शर्मा ने पहले अपनी बेटी को कोई जहरीली दवा देकर, हत्या की और उसके बाद खुद सुसाइड कर लिया। यह किसी शत्रुता के कारण नहीं बल्कि स्वाभिमान के कारण किया गया।
होम्योपैथी डॉक्टर हरिकिशन शर्मा की लाइफ स्टोरी
डॉक्टर हरिकिशन शर्मा की उम्र 82 वर्ष थी। वह शक्ति नगर में रहते थे। परिवार में उनकी पत्नी के अलावा एक बेटा और दो बेटियां थी। बड़ी बेटी की शादी हो चुकी है। वह अपने पति के साथ भोपाल में ही रहती है। छोटी बेटी चित्रा शर्मा भी होम्योपैथी डॉक्टर थी। खुशहाल परिवार था। घर में ही क्लिनिक था। पिता पुत्री दोनों प्रैक्टिस करते थे। डॉक्टर शर्मा सामाजिक कामों में हमेशा आगे रहते थे। समाज में उनकी अपनी प्रतिष्ठा है। कुछ समय पहले उनकी पत्नी और पुत्र की मृत्यु हो गई। इसके कारण वह गुमसुम रहने लगे। इधर उनकी बेटी डॉक्टर चित्रा शर्मा, उनका ख्याल रखती थी परंतु घर में लगातार शोक का माहौल होने के कारण मेंटल डिसऑर्डर का शिकार हुई। डॉक्टर शर्मा चाहते थे की चित्रा शादी करके अपने घर चली जाए, लेकिन वह शादी करने के लिए तैयार नहीं थी। उसकी उम्र 36 वर्ष हो गई थी। अपने अंतिम समय की मानसिक स्थिति को उन्होंने चार पेज के सुसाइड नोट में विस्तार से लिखा है।
मैं स्वाभिमानी व्यक्ति हूं, जो करने जा रहा हूं, पूरे होशोहवास में करने जा रहा हूं
सुसाइड नोट में उन्होंने एक सामाजिक संस्था को को 2 लाख रुपए दान करने की बात लिखी है। साथ ही गांव वाली संपत्ति का भी जिक्र किया है। उन्होंने हड्डियों की बीमारी, असहनीय दर्द और अन्य बीमारियों का जिक्र किया है। उन्होंने बेटी के फ्यूचर को लेकर चिंतित होने की बात लिखी है। नोट में साफ लिखा कि, मैं स्वाभिमानी व्यक्ति हूं...जिंदगीभर किसी पर बोझ नहीं रहा, न ही आगे रहने चाहता हूं।
उम्र के इस पड़ाव पर बेटी को मेंटल डिसऑर्डर की बीमारी से जूझता देख रहा हूं। उसकी केयर करने में सक्षम नहीं हूं। खुद कई बीमारियों से जूझ रहा हूं। चाहता था बेटी शादी कर सैटल हो जाए, लेकिन वह शादी के नाम से ही चिड़चिड़ाने लगती है। आपे से बाहर हो जाती है, मैं कतई नहीं चाहता कि मेरी मौत के बाद बेटी किसी पर भी बोझ रहे। मुझे किसी से कोई शिकवा और शिकायत नहीं है। मैं जो कुछ करने जा रहा हूं, अपनी मर्जी से और पूरे होशोहवास में करने जा रहा हूं।
आत्महत्या से पहले बुजुर्ग ने अपने सुसाइड नोट में मुख्य तौर पर इन बातों का जिक्र किया। पुलिस का अनुमान है कि सुसाइड शनिवार-रविवार की रात किया गया। जबकि रविवार की सुबह पुलिस ने बेटी चित्रा शर्मा और उनकी बॉडी को घर से अलग-अलग कमरों से बरामद किया।
टीआई अवधेश सिंह तोमर ने बताया-
82 साल के हरिकिशन शर्मा शक्ति नगर में रहते थे। उनकी पत्नी का निधन हो चुका है। 36 साल की बेटी चित्रा शर्मा उन्हीं के साथ रहती थी। बेटी होम्योपैथिक डॉक्टर है। वह स्वयं भी घर में होम्योपैथिक क्लिनिक का संचालन करते थे। 22 साल पहले भेल से रिटायर्ड हुए थे। मां की मौत के बाद से चित्रा की दिमागी हालत ठीक नहीं थी। रविवार सुबह करीब 11 बजे सूचना मिली कि बेटी और पिता ने आत्महत्या कर ली है। मौके पर पहुंचे तो पिता का शव रस्सी से बने फंदे पर उनके कमरे में लटका मिला। बेटी का शव बेडरूम में बिस्तर पर था। बेटी के मुंह से झाग निकलता दिखा है। अंदाजा लगाया जा रहा है कि उसे कोई जहरीली टैबलेट देकर मारा गया है।
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