2024 की रिपोर्ट में दुनिया भर के वैज्ञानिक कुछ चिंता में हैं और समुद्र के किनारे रहने वाले लोगों को खतरे में डाल दिया है। साल 2024 में समुद्र का जलस्तर सामान्य से 37% अधिक बढ़ गया है। सरल हिंदी में, समुद्र का वाटर लेवल बढ़ रहा है यानी जमीन डूब रही है। इस समाचार में हम आपको यह भी बताएंगे कि समुद्र का वाटर लेवल बढ़ने के कारण हम इंसानों को और हमारे घर पृथ्वी को कितना नुकसान होगा।
NASA ने बताया समुद्र में क्या गड़बड़ चल रही है
अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने गुरुवार, दिनांक 13 मार्च 2025 को यह जानकारी सार्वजनिक की है। नासा ने बताया कि 2024 में वैश्विक समुद्र स्तर उम्मीद से बहुत ज्यादा बढ़ गया है। नासा के विश्लेषण के अनुसार, 2024 में समुद्र स्तर की वार्षिक वृद्धि दर 5.9 रही, जबकि अपेक्षित वृद्धि 4.3 थी। पिछले 30 सालों में समुद्र का लेवल बढ़ने की दर में 100% की वृद्धि हुई है, तो वार्षिक वृद्धि दर कितनी हुई? 1995 तक समुद्र का वाटर लेवल हर साल पिछले साल की तुलना में 1.7 होती थी। इसके बाद धीरे-धीरे बढ़ते हुए 3.94 हो गई थी। इस बार उम्मीद थी कि वार्षिक वृद्धि 4.3 होगी, लेकिन वैज्ञानिकों के सभी पूर्वानुमान और कैलकुलेशन गलत हो गए। समुद्र का वाटर लेवल 5.9 बढ़ गया।
नासा ने बताया कि क्लाइमेट चेंज के कारण समुद्र का वाटर लेवल पहले की तुलना में अधिक तेजी से बढ़ने लगा है। पृथ्वी के वातावरण में गर्मी बढ़ रही है। इसके कारण ग्लेशियर पिघल रहे हैं और समुद्र का जल स्तर बढ़ रहा है।
समुद्र का लेवल बढ़ने से हमें क्या नुकसान
दुनिया भर में लगभग 215 करोड़ लोग समुद्र के तट से 100 किलोमीटर के दायरे में रहते हैं। इस दायरे को "नियर-कोस्टल ज़ोन" कहा जाता है। इसके अलावा 100 करोड़ लोग समुद्र तट से 10 किलोमीटर के दायरे में रहते हैं। समुद्र का वाटर लेवल बढ़ने के कारण 215 करोड़ लोगों की जान को खतरा है और 100 करोड़ लोगों की संपत्ति खतरे में है। उन्हें सब कुछ छोड़कर सरकारी रिलीफ कैंप में जाना पड़ सकता है। हम आपको बता देंगे कि समुद्र का लेवल बढ़ने के कारण हम इंसानों को और हमारे घर पृथ्वी को क्या नुकसान हो सकता है:-
- समुद्र के किनारे की जमीन पानी में डूब जाएगी।
- कम ऊंचाई वाले हजारों आइलैंड पानी में डूब जाएंगे।
- आइलैंड में रहने वाले लाखों लोग शहरी इलाकों में आ जाएंगे।
- समुद्र के पानी में डूब जाने के कारण कृषि भूमि अनुपयोगी हो जाएगी।
- समुद्र के चक्रवात (हैरिकेन, साइक्लोन) और समुद्र में उठने वाले तूफानों की पावर बढ़ जाएगी।
- समुद्र का खारा पानी नदियों में और हमारी जल संरचनाओं में शामिल हो जाएगा।
- समुद्र के किनारे का इकोसिस्टम डिस्टर्ब हो जाएगा। इसके कारण क्या नुकसान होगा, यह तो नुकसान होने के बाद ही पता चलेगा।
- समुद्र के किनारे वाले शहरों में बाढ़ और बारिश की गतिविधियां बढ़ जाएंगी।
- दुनिया भर में Climate Refugees की संख्या चिंता का कारण बन जाएगी।
- कई ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर समुद्र में डूब जाएंगी।
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