DJ के खिलाफ हाई कोर्ट में जनहित याचिका, भोपाल समाचार डॉट कॉम की खबर का उल्लेख - NEWS TODAY

BHOPAL SAMACHAR DOT COM की एक खबर ने जबलपुर के प्रतिष्ठित अधिवक्ता श्री अमिताभ गुप्ता को जनहित याचिका लगाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने अपनी जनहित याचिका में उस खबर का उल्लेख किया है, जो केवल भोपाल समाचार डॉट कॉम द्वारा प्रकाशित की गई थी। हाई कोर्ट ने सरकार के नाम नोटिस जारी करके जवाब तलब कर लिया है। 

DJ की आवाज सामाजिक समरसता के लिए भी घातक: अमिताभ गुप्ता एडवोकेट

जबलपुर के अधिवक्ता अमिताभ गुप्ता ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। जिस पर मंगलवार (4 मार्च) को चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की डिवीजन बेंच ने सुनवाई की है। अधिवक्ता अमिताभ गुप्ता ने याचिका में बताया कि इन दिनों हर कार्यक्रम में तेज आवाज में डीजे बजाने का चलन है। कानफोड़ू डीजे पर्यावरण को तो नुकसान पहुंचा ही रहे हैं। इसके साथ ही सामाजिक समरसता के लिए भी घातक है। डीजे के प्रयोग से ध्वनि प्रदूषण हो रहा है, जिसके चलते लोग बीमार हो रहे हैं। इतना ही नहीं समाज में डीजे के कारण ही तनाव फैल रहा है और इसकी आवाज से दंगे-फसाद हो रहे हैं।

जनहित याचिका में वकील की दलील

  1. तेज आवाज में बजने वाले कानफोड़ू साउंड अब लोगों की जान भी लेने लगे हैं। जिसका हाल ही के समय में कुछ उदाहरण भी सबके सामने है। 
  2. तेज आवाज से होने वाली बीमारी का इलाज भी नहीं है। 
  3. लंबे समय तक तेज आवाज में संगीत सुनने पर इसका असर सीधे कानों की आंतरिक कोशिकाओं पर पड़ता है, जिसके चलते सुनने की शक्ति कमजोर हो जाती है। 
  4. तेज आवाज में संगीत सुनने पर ब्लडप्रेशर बढ़ता है। समय के साथ-साथ हार्ट में इससे असर पड़ता है।
  5. अत्यधिक शोर शरीर में तनाव को बढ़ता है, जिससे कि कोर्टिसोल और एड्रेनालाइन जारी कर सकता है, जिससे कि चिंता और चिड़चिड़ापन बढ़ाता है।
  6. तेज संगीत के संपर्क में आने से नींद पर भी खलल पड़ता है, ऐसे में अगर समय पर सोया ना जाए तो बीमारी भी शरीर में घर करती है।
  7. बहुत तेज संगीत से शारीरिक दर्द, सिरदर्द या चक्कर आ सकता है, हार्मोन में भी डीजे से असर पड़ता है।
  8. तेज संगीत से मांसपेशियां भी तनावग्रस्त होती है। जिससे शरीर में थकान बढ़ती है।

अधिवक्ता अमिताभ गुप्ता ने कोर्ट रूम में प्रैक्टिकल दिखाया

याचिकाकर्ता अमिताभ गुप्ता ने सुनवाई के दौरान कोर्ट रूम में भी बाकायदा मोबाइल एप से साउंड पाॅल्यूशन रिकार्ड कर प्रैक्टिकल करते हुए कोर्ट को बताते हुए कहा कि यहां पर शांतिपूर्ण ढंग से सुनवाई हो रही है, बहस चल रही है, वहां पर भी ध्वनि का पैरामीटर 60 डेसिबल दिखा रहा है। ऐसे में समझा जा सकता है कि जब सड़क पर तेज आवाज में डीजे बजता है, तो यहीं डेसिबल कितना होगा।

जनहित याचिका में भोपाल समाचार डॉट कॉम की खबर का उल्लेख

एडवोकेट अमिताभ गुप्ता ने कोर्ट को बताया कि भोपाल में 17 अक्टूबर को डीजे की तेज आवाज से 13 वर्षीय समर बिल्लौरे की मौत हो गई थी। दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए जा रहे चल समारोह में तेज आवाज में डीजे बज रहा था। वह दोस्तों के साथ भीड़ में शामिल हो गया और नाचने लगा। तभी अचानक डीजे का साउंड तेज होने पर समर गिरकर बेहोश हो गया। तुरंत उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। उल्लेखनीय है कि इस मामले का खुलासा मध्य प्रदेश के सबसे प्रतिष्ठित और विश्वसनीय न्यूज़ पोर्टल BHOPALSAMACHAR.COM द्वारा 17 अक्टूबर 2024 को किया गया था। नीचे दी गई डायरेक्ट लिंक पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं।

छत्तीसगढ़ के बलरामपुर की घटना का उल्लेख

इसी तरह 9 सितंबर को छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में 40 वर्षीय युवक डीजे की तेज आवाज से सिर की नस फट गई। आनन-फानन में युवक को अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

डाक्टरों को मुहिम छेड़ना चाहिए

अधिवक्ता अमिताभ गुप्ता ने कहा कि जिस तरह से हर गली मोहल्ले में, किसी भी कार्यक्रम में तेज आवाज में डीजे बज रहा है, यह लोगों के लिए बीमारी का घर बन गया है, ऐसे में डाक्टरों को इसके विरोध में मुहिम छेड़ना चाहिए। क्योंकि जब तक डीजे की तेज आवाज पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा, तब तक लोगों की जान जाती रहेगी, जिसका उदाहरण भोपाल और छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में देखा जा चुका है।

डीजे की आवाज 120 डेसिबल से अधिक होती है

नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल काॅलेज में पदस्थ ईएनटी विभागाध्यक्ष डाॅक्टर कविता सचदेवा बताती है कि 90 डेसिबल से अधिक आवाज कानों के लिए बहुत ज्यादा नुकसान होती है, रोज-रोज अगर इतनी तेज आवाज के संपर्क में आते है तो सुनने की क्षमता काफी हद तक कम हो जाती है। वही डीजे की जो आवाज होती है वह लगभग 120 डेसिबल से अधिक होती है। 

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने जनहित याचिका कुछ स्वीकार करते हुए राज्य सरकार को जवाब देने के लिए 2 सप्ताह का समय दिया गया है। अगली सुनवाई 21 मार्च को होगी। 

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