GK Questions - बैंक से संबंधित सिर्फ 10 प्रश्नोत्तर, जो सबको पता होना चाहिए

भारत के हर नागरिक का बैंक में अकाउंट होता है। कुछ सामान्य से शब्दों की जानकारी नहीं होने के कारण, यही बैंक अकाउंट, परेशानी का कारण बन जाता है। लोग धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं। इसलिए हम आपके बैंक से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण शब्दों के बारे में बताएंगे। जो हर खाताधारक को पता होना चाहिए। यदि आप इन शब्दों को समझ गए तो, बैंक वाला, बीमा वाला या फिर कोई भी साइबर क्रिमिनल आपको नुकसान नहीं पहुंच पाएगा। 

Bank कितने प्रकार के होते हैं 

भारत में कई प्रकार के बैंक होते हैं। इसमें सबसे ज्यादा लोकप्रिय होते हैं सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (Public Sector Banks) जैसे भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ़ बड़ोदा इत्यादि। इसके बाद प्राइवेट बैंक- HDFC, ICICI इत्यादि। यह दोनों श्रेणी मूल रूप से बैंक होते हैं, जिन्हें जनता जानती है। इसके अलावा Citibank, HSBC इत्यादि विदेशी बैंक भी होते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, विकास बैंक, इन्वेस्टमेंट बैंक, पेमेंट बैंक, स्मॉल फाइनेंस बैंक, इत्यादि भी होते हैं। यहां आपको ध्यान रखना होगा कि, सिर्फ सार्वजनिक क्षेत्र के और प्राइवेट सेक्टर के बैंक के नाम के पीछे सिर्फ BANK लिखा होता है। बाकी सब के नाम में बैंक के साथ कोई ना कोई शब्द जुड़ा होता है। 

Savings Account क्या होता है 

सेविंग अकाउंट का अर्थ होता है बचत खाता। यहां आप अपनी बचत की राशि को जमा करते हैं। सेविंग अकाउंट में सिक्योरिटी महत्वपूर्ण होती है इसलिए सेविंग अकाउंट हमेशा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक में ओपन करना चाहिए। यदि यह संभव नहीं है तो प्राइवेट सेक्टर के बैंक में ओपन करना चाहिए। बाकी किसी भी बैंक में आपका मूल सेविंग अकाउंट नहीं होना चाहिए। सेकंड सेविंग अकाउंट हो सकता है। 

Current Account क्या होता है 

करंट अकाउंट में करंट नहीं होता। इसका बिजली कंपनी से भी कोई संबंध नहीं है। यह व्यापारियों के लिए ओपन किए जाने वाला विशेष प्रकार का अकाउंट है। भारत में यह कानूनी बाध्यता है। प्रत्येक छोटी सी दुकान से लेकर बड़ी कंपनी तक, सबका करंट अकाउंट होना चाहिए। इसके माध्यम से सरकार और आयकर विभाग को महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होती रहती है। 

Fixed Deposit क्या होता है 

फिक्स डिपाजिट को हिंदी में सावधि जमा कहते हैं। इसमें आप एक निर्धारित समय के लिए अपना पैसा जमा करते हैं और उसके बदले में आपको एक निश्चित ब्याज मिलता है। यहां आपको ध्यान रखना होगा कि, "Fixed Deposit" का कोई वैकल्पिक शब्द नहीं होता। सिर्फ फिक्स डिपाजिट ही फिक्स डिपाजिट होता है। सिर्फ फिक्स डिपॉजिट में ही गारंटी होती है। इसके डॉक्यूमेंट में अंग्रेजी भाषा में Fixed Deposit और हिंदी भाषा में "सावधि जमा" लिखा होता है। इसमें यह भी स्पष्ट लिखा होता है की अवधि पूर्ण होने पर आपको कितना पैसा मिलेगा। इसमें रिटर्न जैसे शब्द का उपयोग नहीं होता है। 

Interest Rate क्या होता है 

Interest Rate का हिंदी अर्थ है ब्याज दर। बैंक में सेविंग खाते में, फिक्स डिपॉजिट पर और किसी भी प्रकार के लोन की स्थिति में Interest Rate शब्द का उपयोग किया जाता है। यहां ध्यान रखिए कि Interest Rate का मतलब रिटर्न नहीं है। यदि किसी डिपॉजिट स्कीम में Interest Rate के स्थान पर कुछ और लिखा हुआ है तो, सावधान हो जाइए। वह ना तो फिक्स डिपाजिट है और ना ही उसकी कोई गारंटी है। 

Net Banking और Mobile Banking में क्या अंतर है

नेट बैंकिंग का मतलब होता है बैंक की ऑनलाइन सेवाओं का उपयोग करना। यह आप अपने कंप्यूटर, लैपटॉप, अथवा बैंक की ब्रांच में मौजूद कंप्यूटर के माध्यम से कर सकते हैं। मोबाइल बैंकिंग का मतलब होता है बैंक की मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से वित्तीय व्यवहार करना। बस इतना ध्यान रखिए कि नेट बैंकिंग के लिए मोबाइल एप्लीकेशन की जरूरत नहीं होती और मोबाइल बैंकिंग हमेशा अपने निजी मोबाइल से की जाती है। यदि किसी दूसरे व्यक्ति के मोबाइल से अपने अपने बैंक खाते को ऑपरेट करने की कोशिश की तो यह आपके लिए खतरनाक होगा। 

Debit Card और Credit Card में क्या अंतर है

वैसे तो नाम से ही स्पष्ट है लेकिन फिर भी डेबिट कार्ड का मतलब आपके बैंक खाते का कार्ड। जिसके माध्यम से आप किसी को भी भुगतान कर सकते हैं अथवा एटीएम मशीन से पैसा निकाल सकते हैं। इसकी अपनी एक लिमिट होती है। इसके माध्यम से आप उतना ही पैसा निकाल सकते हैं जितना आपके बैंक खाते में जमा है। क्रेडिट कार्ड का मतलब होता है आपके बैंक खाते के ऊपर उधार खाता का कार्ड। यदि आपके बैंक खाते में पैसे नहीं है तो आप क्रेडिट कार्ड के माध्यम से शॉपिंग कर सकते हैं। जैसे ही आप क्रेडिट कार्ड से कोई पेमेंट करते हैं। आपके बैंक अकाउंट में ऑटोमेटेकली लोन चढ़ जाता है। इसलिए क्रेडिट कार्ड का उपयोग केवल इमरजेंसी की स्थिति में करना चाहिए। गिफ्ट और डिस्काउंट ऑफर का लालच नहीं करना चाहिए क्योंकि क्रेडिट कार्ड के माध्यम से लिए गए लोन पर ब्याज बहुत अधिक देना पड़ता है। 

KYC क्या होता है 

अब तो गांव-गांव में लोग KYC बात के बारे में जानते हैं। इसका फुल फॉर्म होता है Know Your Customer और हिंदी अर्थ अपने ग्राहक को जानो। इसके माध्यम से बैंक आपकी व्यक्तिगत जानकारी संकलित कर लेता है। ताकि वह संतुष्ट हो सके कि आप विश्वास करने योग्य व्यक्ति हैं। कोई धोखेबाज नहीं है। यहां याद रखिए कि केवल बैंक और सरकारी योजना (जिसमें वित्तीय व्यवहार हो) में ही KVC होती है। जहां से पैसा मिलने की गारंटी नहीं है वहां KYC नहीं होती। 

NEFT, RTGS और IMPS में क्या अंतर है

NEFT, RTGS और IMPS तीनों ही ऑनलाइन फंड ट्रांसफर के लिए उपयोग किए जाने वाले शब्द है परंतु इन तीनों के बीच में कुछ महत्वपूर्ण अंतर है। NEFT का फुल फॉर्म होता है National Electronic Funds Transfer. इसके तहत एक बैंक से दूसरे बैंक में धनराशि ट्रांसफर की जाती है, परंतु इसकी अपनी एक लिमिट होती है। लिमिट से अधिक मनी ट्रांसफर नहीं कर सकते। यह सुविधा नेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग दोनों में उपलब्ध होती है। 
RTGS का फुल फॉर्म है Real-Time Gross Settlement. यह NEFT की लिमिट से अधिक फंड को ट्रांसफर करने का आर्डर है। सामान्य तौर पर यह व्यापारिक गतिविधियों के लिए उपयोग किया जाता है। जैसे ही आप बैंक से RTGS करते हैं। इसकी सूचना अपने आप आयकर विभाग के पास चली जाती है। RTGS के माध्यम से भेजी गई धनराशि तुरंत प्राप्तकर्ता के बैंक खाते में जमा हो जाती है। जबकि NEFT में थोड़ा समय लग सकता है, परंतु बैंक के बंद होने से पहले फंड ट्रांसफर हो जाता है। 
IMPS का फुल फॉर्म है Immediate Payment Service. जैसा कि नाम से स्पष्ट है, यदि आपको तुरंत फंड ट्रांसफर करना है और बैंक की ब्रांच बंद हो गई है तो आप ऑनलाइन बैंकिंग के माध्यम से अथवा मोबाइल बैंकिंग के माध्यम से IMPS कर सकते हैं। इसकी लिमिट NEFT के बराबर होती है। इसमें प्राप्तकर्ता की खाते में तुरंत पैसा जमा हो जाता है। इस सुविधा के लिए बैंक आपसे थोड़ी सी फीस भी लेता है। जबकि NEFT पूरी तरह से फ्री होती है। 

Overdraft क्या होता है 

शायद आपके पास भी कभी आपके बैंक की तरफ से कोई कॉल आया होगा। उसमें बताया जाता है कि आपके खाते में Overdraft की सुविधा उपलब्ध है। यहां ध्यान रखिए कि यह सुविधा नहीं है बल्कि क्रेडिट कार्ड की तरह सीमित अवधि का लोन है। Overdraft का हिंदी अर्थ होता है "अधिविकर्ष" या "अतिरिक्त निकासी"। अर्थात जब आपकी बैंक खाते में पैसा खत्म हो जाता है तब भी आप अपने बैंक खाते से पैसा निकाल सकते हैं। वह पैसा Overdraft कहलाता है। यह स्पष्ट रूप से एक लोन है, जिसके लिए आपको ब्याज अदा करना होता है। और आप तो जानते ही हैं कि शॉर्ट टर्म लोन में इंटरेस्ट रेट हाई होता है। 

Phishing का मतलब क्या होता है 

वैसे तो फिशिंग का मतलब मछली पकड़ना होता है लेकिन बैंकिंग में Phishing का अर्थ होता है धोखाधड़ी का शिकार हो जाना। जैसे लोग कांटा डालकर मछली के फंसने का इंतजार करते हैं वैसे ही साइबर अपराधी लालच अथवा डर का कांटा डालकर आपके फसने का इंतजार करते हैं। इसलिए इस प्रक्रिया को Phishing कहा जाता है। यदि किसी के भी साथ ऐसी कोई घटना होती है तो शिकायत करते समय यदि आप बताएंगे कि आप फिशिंग का शिकार हो गए हैं तो संबंधित अधिकारी तुरंत समझ जाएगा। आपको विस्तार पूर्वक पूरी कहानी नहीं बतानी पड़ेगी। आपके बैंक का अधिकारी सबसे पहले अपराधी के खाते को फ्रीज कर देगा। उसके बाद आप आराम से बैठकर अपनी कहानी सुनाइए। 

कुल मिलाकर यदि आप उपरोक्त शब्दों को, उनके अर्थ को और प्रक्रिया को याद रखेंगे तो आपके जीवन में कभी भी किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होगा। सिर्फ साइबर अपराधी ही नहीं बल्कि कई बार बैंक वाले या फिर बैंक वालों के साथ मौजूद बीमा वाले, म्यूचुअल फंड वाले उपरोक्त से मिलते जुलते शब्दों का उपयोग करते हैं। फिक्स डिपाजिट के नाम पर शेयर मार्केट से लिंक डिपॉजिट स्कीम में आपका पैसा जमा करवा देते हैं। यदि आप उपरोक्त शब्दों को याद रखेंगे तो कभी भी किसी भी प्रकार के धोखेबाज के जाल में फंसने से बच जाएंगे। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article. 

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