एक तरफ अमेरिका के डॉलर से लड़ने के लिए भारत से दुनिया भर के केंद्रीय बैंक गोल्ड खरीद रहे हैं। इन्वेस्टर्स ETF खरीद रहे हैं और दूसरी तरफ दुनिया में सबसे ज्यादा गोल्ड के मालिक अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बहुत सारा सोना बेचकर, सोने का कचरा करने वाले हैं। यदि ट्रंप की चाल सफल हो गई तो जिस सोने के दाम ₹100000 पहुंचने वाले हैं, वह सोना 50000 में बिकेगा।
GOLD - पिछले 3 साल में दुनिया भर में क्या हुआ
2022 में जब "वसुधैव" में तनाव की स्थिति बनी, तो दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों ने अपना गोल्ड रिजर्व बढ़ाना शुरू कर दिया था। 2024 में जब तनाव की स्थिति और ज्यादा बढ़ गई और ऐसा लगने लगा कि दुनिया के देश का नक्शा बदल जाएगा तब भारत सहित दुनिया की सभी केंद्रीय बैंकों में बड़े पैमाने पर गोल्ड खरीदना शुरू कर दिया। सबका उद्देश्य सिर्फ एक ही था, विषम परिस्थिति में कागज की मुद्रा पर विश्वास नहीं कर सकते। इसके कारण दुनिया भर में गोल्ड के दाम बढ़ने लग गए। 2022 में सोना ₹50000 प्रति 10 ग्राम मिल रहा था। हर साल 12% से 15% तक वार्षिक वृद्धि कर रहा था लेकिन पिछले 3 साल में ₹50000 का सोना ₹90000 पर पहुंच गया है।
डोनाल्ड ट्रंप क्या करने जा रहे हैं
सब जानते हैं कि दुनिया में सबसे बड़ा गोल्ड रिजर्व (8000 टन से अधिक) अमेरिका के पास है। बाजार में सोने के दाम इसलिए बढ़ रहे हैं क्योंकि सोने की उपलब्धता कम है और डिमांड ज्यादा है। इसके कारण अमेरिका के डॉलर का रुतबा कम होने वाला है। अमेरिका की मुद्रा को मजबूत बनाने के लिए डोनाल्ड ट्रंप एक बड़ा खेल खेलने जा रहे हैं। वह अमेरिका के गोल्ड रिजर्व में से काफी अधिक मात्रा में सोना बेचने के मूड में है। इसके बदले में क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन खरीदेंगे।
अमेरिका के सोना बेचने से क्या होगा
जहां दुनिया भर में लोग सोना खरीद रहे हैं वहां अमेरिका 90000 की कीमत पर बहुत सारा सोना बेच देगा। इसके कारण बाजार में गोल्ड की उपलब्धता बढ़ जाएगी। अमेरिका की कई एजेंसी इस काम में लग गई है। वह मार्केटिंग कर रही है ताकि जब अमेरिका सोना बेचे तो सोने के दाम सबसे हाई होने चाहिए। इससे अमेरिका को फायदा होगा। लोग रेटिंग एजेंसी के भरोसे में 95 हजार रुपए में सोना खरीद लेंगे क्योंकि उन्हें बताया जाएगा कि यह सोना अगले 3 महीने में 110 लाख होने वाला है।
अमेरिका के बिटकॉइन खरीदने से क्या होगा
अमेरिका जब बड़े पैमाने पर बिटकॉइन खरीदेगा तो बिटकॉइन, डॉलर के बाद दूसरी सबसे बड़ी इंटरनेशनल ट्रेडिंग करेंसी बन जाएगी। अमेरिका दुनिया भर के व्यापारियों और देशों को बिटकॉइन में पेमेंट करेगा और बिटकॉइन में ही डिमांड करेगा। ऐसी स्थिति में गोल्ड और डॉलर के दाम गिरने लगेंगे। अमेरिका को तो फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि उसे मालूम है, डॉलर के दाम गिरने वाले हैं। सारी दुनिया डॉलर का विकल्प तलाश रही है। और फिर उसके बिटकॉइन के दाम बढ़ते रहेंगे तो इस तरफ का घाटा उधर से पूरा हो जाएगा लेकिन लगातार गोल्ड के दाम गिरने के बाद एक वक्त ऐसा आएगा, आपने जो गोल्ड 95000 में खरीदा है वह ₹50000 का रह जाएगा। GOLD IS BEST से GOLD IS WAST हो जाएगा।
शायद कुछ लोगों को याद होगा विश्व युद्ध के बाद अमेरिका ने बिल्कुल इसी प्रकार गोल्ड को डाउन करके डॉलर को इंटरनेशनल करंसी बना दिया था। दुनिया भर में डॉलर के दाम तेजी से बढ़ते चले गए और वैश्विक शांति के बाद भी डॉलर का मूल्य कभी कम नहीं हुआ।
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