इस साल हर त्यौहार की तिथि अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से 2 तारीखों के बीच में आ रही है। इसके कारण कन्फ्यूजन की स्थिति बन जाती है। लोग जानना चाहते हैं कि होलिका दहन कब है और कितने बजे किया जाना है। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त क्या है और लोग भद्रा विचार के बारे में भी जानना चाहते हैं। पंडित गौरीशंकर शर्मा ने इस बारे में सभी प्रश्नों के उत्तर दिए हैं।
सुबह से आधी रात तक भद्रा का वास रहेगा
पंडित गोरी शंकर शर्मा ने बताया कि अबकी बार होली पर भद्रा का साया रहेगा, क्योंकि पूर्णिमा के साथ ही 13 मार्च की सुबह 10.36 भद्रा प्राारंभ हो जाएगी, जो रात्रि 11.31 बजे तक रहेगी। इस बीच भद्रा का वास पृथ्वी पर होने के कारण श्रद्धालुओं के लिए होली पूजन व दहन पर विचार करना आवश्यक है। शास्त्रों के अनुसार भद्रा की स्थिति में होलिका दहन नहीं किया जाता है। यह अशुभ और अमंगलकारी माना जाता है।
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
होलिका दहन दिनांक 13 मार्च की रात्रि 11:32 से होली पूजन-दहन का शुभ मुहूर्त शुरू हो जाएगा जो देर रात्रि 12:37 बजे तक रहेगा। इस बीच श्रद्धालु होली पूजन व दहन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि आवश्यक स्थिति में भद्रामुख त्याग कर भद्रापुच्छ काल में भी श्रद्धालु होलिका पूजन-दहन कर सकते हैं। भद्रापुच्छ काल रात्रि सात से 8:18 बजे तक रहेगा। यह केवल अति आवश्यक स्थिति में ही स्वीकार है।
होलिका की पूजा कैसे करें
- सबसे पहले, पूजा करने की जगह को गाय के गोबर से साफ़ करें।
- श्री गणेश जी का ध्यान करें।
- होलिका पर जल, हल्दी, कुमकुम, अक्षत, फूल, और मिठाई अर्पित करें।
- होलिका की सात बार परिक्रमा करें।
- कच्चा सूत हाथ में लेकर होलिका पर सात बार लपेटें।
- होलिका पर गाय के गोबर से बनाए गए उपलों की माला चढ़ाएं।
- मंत्रों के उच्चारण के साथ होलिका में अग्नि प्रज्वलित करें।
- होलिका दहन के समय 'ॐ होलिकायै नमः', 'ॐ प्रह्लादाय नमः', और 'ॐ नृसिंहाय नमः' मंत्रों का जाप करें।
- होलिका की अग्नि में नारियल, गोमती चक्र, और मिठाई चढ़ाएं।
- होलिका राख ठंडी होने पर घर ले आएं और माथे पर लगाएं।
- होलिका दहन के बाद अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए मनोकामना करें।
होलिका की पूजा कैसे करते हैं?
होलिका की पूजा का विधान इस समाचार के साथ, ऊपर उल्लेख कर दिया गया है कृपया ध्यान पूर्वक पढ़ें।
होलिका दहन में क्या-क्या डालना चाहिए?
श्रीफल अर्थात नारियल अर्पित करना अनिवार्य और शुभ माना जाता है इसके अतिरिक्त होलिका के चारों ओर जल की लक्ष्मण रेखा बनाएं। हल्दी, कुमकुम, अक्षत, फूल, और मिठाई अर्पित करें।
होलिका पूजन का सही तरीका क्या है?
होली का पूजन का सही तरीका, निश्चित मुहूर्त में, निर्धारित विधि के अनुसार पूजा करना चाहिए।
होलिका में क्या चढ़ाना चाहिए?
श्रीफल अर्थात नारियल अर्पित करना अनिवार्य और शुभ माना जाता है इसके अतिरिक्त होलिका के चारों ओर जल की लक्ष्मण रेखा बनाएं। हल्दी, कुमकुम, अक्षत, फूल, और मिठाई अर्पित करें।
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