कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री दीपक सक्सेना ने विभागीय गतिविधियों में उदासीनता बरतने पर 25 नायब तहसीलदार/तहसीलदारों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उन्होंने राजस्व वसूली, फार्मर रजिस्ट्री, सीमांकन, बटवारा में लक्ष्य की पूर्ति न किये जाने पर यह नोटिस जारी किया है। साथ ही 02 वेतनवृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी जाने के लिए प्रस्ताव वरिष्ठ अधिकारी को भेजने को कहा।
लापरवाही की हद हो गई, कलेक्टर नाराज
उन्होंने कहा कि लगातार समीक्षा के दौरान निर्देश दिए जाने के बावजूद भी लक्ष्य के मुताबिक कार्य न किया जाना उदासीनता का घोतक है एवं वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों का उल्लंघन किया जाना परिलक्षित होता है।इस संबंध में दो दिन के भीतर समक्ष में स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के दिये निर्देश भी दिए है।उन्होंने कहा कि जवाब समयावधि में प्राप्त न होने की दशा में संबंधित के विरुद्ध एक पक्षीय कार्यवाही की जाकर प्रस्ताव वरिष्ठ अधिकारी को प्रेषित किया जावेगा।
क्षेत्रीय कार्यालय स्थानीय निधि संपरीक्षा, जबलपुर में हुये अधिक भुगतान और गबन के मामले में संभागायुक्त श्री अभय वर्मा एवं कलेक्टर श्री दीपक सक्सेना ने कार्यवाही कर इस कार्यालय में पदस्थ दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। वहीं इस मामले के मुख्य आरोपी कार्यालय के सहायक ग्रेड तीन को संचालनालय स्थानीय निधि संपरीक्षा भोपाल द्वारा निलंबित किया गया है।
गबन के आरोप में प्रिया विश्नोई और सीमा तिवारी सस्पेंड
संभागायुक्त श्री अभय वर्मा ने इस मामले में स्थानीय निधि संपरीक्षा के क्षेत्रीय कार्यालय में पदस्थ सहायक संचालक श्रीमती प्रिया विश्नोई को तथा कलेक्टर श्री दीपक सक्सेना ने इस कार्यालय की ज्येष्ठ संपरीक्षक श्रीमती सीमा अमित तिवारी को निलंबित किया है। दोनों अधिकारियों के निलंबन की यह कार्यवाही सौपें गये कर्त्तव्यों को गंभीरता से न लेने तथा कार्य संपादन में लापरवाहीपूर्ण रवैया अपनाने पर की गई है। शासकीय कोष को हानि पहुँचाने, गबन और अधिक भुगतान के इस प्रकरण के मुख्य आरोपी स्थानीय निधि संपरीक्षा के क्षेत्रीय कार्यालय में पदस्थ सहायक ग्रेड-तीन संदीप शर्मा का निलंबन संचालनालय स्थानीय निधि संपरीक्षा, भोपाल द्वारा किया गया है।
1. समिति का गठन और प्रारंभिक जाँच
ज्ञात हो कि स्थानीय निधि संपरीक्षा के क्षेत्रीय कार्यालय में अधिक भुगतान और गबन के प्रकरण प्रकाश में आते ही इसकी जाँच के लिए समिति गठित की गई थी। समिति की प्रारंभिक जाँच में स्पष्ट हुआ कि कार्यालय के आहरण संवितरण अधिकारी के अंतर्गत तैयार किए गए पे-रोल मॉड्यूल की हायरार्की में क्रियेटर के रूप में सहायक ग्रेड-तीन संदीप शर्मा, वेरिफायर के रूप में ज्येष्ठ संपरीक्षक श्रीमती सीमा तिवारी, एवं अप्रूवर के रूप में सहायक संचालक श्रीमती प्रिया विश्नोई अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे थे।
2. अधिक भुगतान और अनियमितताओं का खुलासा
प्रारंभिक जाँच में पाया गया कि त्रुटिपूर्ण पे-रोल बनाने एवं बिना सुसंगत रूप से जाँच किए भुगतान हेतु उसे अग्रेषित किए जाने के कारण सहायक ग्रेड-तीन संदीप शर्मा को वेतन के तौर पर फरवरी 2024 से जनवरी 2025 तक 53 लाख 55 हजार रुपये का अधिक भुगतान हुआ है, जबकि उसका मासिक वेतन लगभग 44 हजार रुपये ही है। जाँच में आहरण संवितरण अधिकारी के माध्यम से अवकाश नगदीकरण, समूह बीमा योजना, जीपीएफ और डीपीएफ के अंतिम भुगतान जैसे सेवानिवृत्ति पर मिलने वाले स्वत्वों के देयकों को कूट रचित दस्तावेज संलग्न कर कोषालय में भुगतान हेतु अग्रेषित किया जाना तथा अनाधिकृत व्यक्तियों को इनका भुगतान किया जाना भी पाया गया। ये अनाधिकृत व्यक्ति संभवत: प्रकरण में संदिग्ध श्री संदीप शर्मा के मित्र अथवा रिश्तेदार हैं।
3. पे-रोल में गड़बड़ी और लापरवाही
प्रारंभिक जाँच में यह तथ्य भी सामने आया कि पे-रोल तैयार किए जाने में क्रियेटर ने गड़बड़ी कर अपने वेतन में अधिक राशि अंकित की। जिसे वेरिफायर एवं अप्रूवर स्तर पर बिना जाँच अथवा परीक्षण किए त्रुटिपूर्ण पे-रोल को इलेक्ट्रॉनिक देयक बनाने हेतु अग्रेषित किया जाता रहा, अथवा वेरिफायर एवं अप्रूवर स्तर पर अपने गोपनीय लॉग-इन आईडी एवं पासवर्ड को संदिग्ध संदीप शर्मा के साथ साझा किया गया है।
4. फर्जी दस्तावेजों के जरिए गबन
गबन और अधिक भुगतान के इस प्रकरण के मुख्य आरोपी क्षेत्रीय कार्यालय स्थानीय निधि संपरीक्षा में पदस्थ सहायक ग्रेड-तीन संदीप शर्मा द्वारा एक सेवानिवृत्त कर्मचारी की मृत्यु का फर्जी प्रमाण पत्र, फर्जी स्वीकृति आदेश लगाकर, तथा अन्य फर्जी दस्तावेज जिसमें संयुक्त संचालक के फर्जी हस्ताक्षर कर, सेवानिवृत्त कर्मचारी की पत्नी के नाम के स्थान पर अपनी स्वयं की मौसी पुनीता का नाम तथा बैंक खाता अंकित कर लगभग 8 लाख 50 हजार रुपये का अर्जित अवकाश नगदीकरण तैयार किया गया था।
5. वेतन में हेरफेर और दीर्घकालिक गबन
इसी प्रकार संदीप शर्मा द्वारा स्वयं का वेतन जो 44 हजार रुपये होता है, बिल में पीपी कॉलम में 4 लाख रुपये बढ़ाकर लगभग एक वर्ष से 44 हजार रुपये के स्थान पर 4 लाख 44 हजार रुपये प्रतिमाह की दर से आहरण किया जा रहा है। इस प्रकार प्रारंभिक रूप से दर्शित लगभग 55 लाख रुपये का गबन किया गया। सहायक ग्रेड-तीन द्वारा पे-रोल मॉड्यूल एवं आरएनडी मॉड्यूल में स्वयं के आईडी से फर्जी आदेश, कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर फर्जी देयक, फर्जी एरियर देयक, तथा स्वयं के वेतन में पीपी कॉलम में राशि अंकित कर स्वयं एवं रिश्तेदारों के खातों में राशि ट्रांस्फर कर गबन का कार्य वर्ष 2022-23 से किया जा रहा था।
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