JP HOSPITAL BHOPAL के सिविल सर्जन से 30 थानों की पुलिस परेशान - NEWS TODAY

डॉ. राकेश श्रीवास्तव, सिविल सर्जन, जेपी अस्पताल से भोपाल जिले के हजारों मरीज और 30 थानों की पुलिस परेशान है। जेपी अस्पताल, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल का जिला चिकित्सालय है। यह पूरे मध्य प्रदेश का मॉडल हॉस्पिटल है। यहां पर सोनोग्राफी के लिए 3-3 मशीन है परंतु सिविल सर्जन उनको ऑपरेट करने के लिए एक भी रेडियोलॉजिस्ट को टिकने नहीं देते, ना ही अपनी मर्जी की नियुक्ति करते हैं। ऐसा लगता है जैसे डॉ राकेश श्रीवास्तव, जेपी अस्पताल में सोनोग्राफी की सुविधा को चलने ही नहीं देना चाहते। 

30 पुलिस थानों की MLC हमीदिया रेफर कर रहे हैं

कोटरा से आई गर्भवती महिला सोनाली 350 रुपए में सोनोग्राफी कराने और डॉक्टर की सलाह लेने के लिए गुरुवार को जेपी अस्पताल पहुंची, लेकिन यहां उसकी जांच नहीं हो सकी। इसी तरह एक पुलिसकर्मी एमएलसी कराने के लिए पहुंचा तो उसे यह कहते हुए हमीदिया  भेज दिया गया कि कोई रेडियोलॉजिस्ट नहीं है। महिला पुलिसकर्मी ने बताया कि पहले जेपी में आसानी से एमएलसी हो जाती थी, लेकिन अब हर केस हमीदिया भेजना पड़ रहा है, जहां घंटों इंतजार करना पड़ता है।

भोपाल जिले के हजारों मरीज परेशान, 3-3 मशीन लेकिन ऑपरेटर एक भी नहीं

दरअसल, बीते एक माह से जेपी अस्पताल में यही स्थिति बनी हुई है। प्रदेश के मॉडल कहे जाने वाले जिला अस्पताल जेपी में एक माह से कोई रेडियोलॉजिस्ट नहीं हैं। गर्भवती महिलाओं की सोनोग्राफी से लेकर दुष्कर्म पीड़िताओं की मेडिकल जांच तक अटकी हुई है। 30 थानों से आने वाले एमएलसी केस भी अब हमीदिया अस्पताल भेजे जा रहे हैं। वहां मरीजों और पुलिसकर्मियों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। अस्पताल में तीन सोनोग्राफी मशीनें उपलब्ध हैं, लेकिन इन्हें संचालित करने के लिए रेडियोलॉजिस्ट नहीं है।

मेडिकल बोर्ड की बैठक के काम भी रुके हुए हैं

मरीजों को घंटों लाइन में खड़े रहने के बाद भी सोनोग्राफी और एक्स-रे की रिपोर्ट नहीं मिल रही। जेपी अस्पताल में हर दिन मेडिकल बोर्ड की बैठक होती है, जहां एज वेरिफिकेशन और अन्य कानूनी मामलों की जांच होती है। लेकिन रेडियोलॉजिस्ट की गैरमौजूदगी के कारण ये केस भी रुके हुए हैं। जेपी में तीन रेडियोलॉजिस्ट के पद स्वीकृत हैं, लेकिन इस समय एक भी डॉक्टर मौजूद नहीं है। रोजाना 60 से ज्यादा सोनोग्राफी और 100 एक्स-रे सहित अन्य जांचें प्रभावित हो रही हैं।

जानबूझकर रेडियोलॉजिस्ट नियुक्त नहीं किया जा रहा है

बता दें कि करीब दो साल पहले यहां डॉ. आरके गुप्ता और डॉ. नितिन पटेल रेडियोलॉजिस्ट थे। डॉ. गुप्ता ने वीआरएस ले लिया और डॉ. पटेल का तबादला हो गया। इसके बाद संविदा पर डॉ. केपी यादव की नियुक्ति हुई, लेकिन 11 फरवरी को उनकी संविदा अवधि समाप्त कर दी गई। जबकि संविदा अवधि बढ़ा दी जानी चाहिए थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है जब तक नियमित नियुक्ति नहीं हो जाती तब तक संविदा निफ्टी को कंटिन्यू करें। कई अनुभवी रेडियोलॉजिस्ट रिटायरमेंट के बाद भी सेवा देने को तैयार हैं, लेकिन सरकार उनकी सेवाएं लेने में रुचि नहीं दिखा रही। नई नियुक्तियां भी नहीं हो रही हैं। मरीजों को सरकारी अस्पताल से लेकर निजी सेंटर तक भटकना पड़ रहा है। 

सिविल सर्जन का बयान 
डॉ. राकेश श्रीवास्तव, सिविल सर्जन, जेपी अस्पताल का कहना है कि, रेडियोलॉजिस्ट नहीं होने की सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को दे दी गई है। जल्द ही हम व्यवस्था कर लेंगे। वह ना तो यह बता दे की कितनी तारीख को सूचना दी गई है और ना ही यह बताते हैं की कितनी तारीख तक व्यवस्था कर ली जाएगी। सिविल सर्जन की जिम्मेदारी होती है कि वह अपने अस्पताल को दुरुस्त रखें और किसी भी प्रकार की शिकायत ना आने दे, परंतु यहां पर डॉक्टर राकेश श्रीवास्तव ही एक शिकायत बन गए हैं। 

विनम्र अनुरोध कृपया हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। सबसे तेज अपडेट प्राप्त करने के लिए टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें एवं हमारे व्हाट्सएप कम्युनिटी ज्वॉइन करें।
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
भोपाल से संबंधित महत्वपूर्ण समाचार पढ़ने के लिए कृपया स्क्रॉल करके सबसे नीचे POPULAR Category में Bhopal पर क्लिक करें। 

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!
$("#merobloggingtips-before-ad .widget").each(function () { var e = $(this); e.length && e.appendTo($("#before-ad")) }), $("#merobloggingtips-after-ad .widget").each(function () { var e = $(this); e.length && e.appendTo($("#after-ad")) });