भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी एवं भोपाल के कलेक्टर श्री कौशलेंद्र विक्रम सिंह को एक बिल्डर के प्रति नरम रुख अपनाना महंगा पड़ गया। हाई कोर्ट से उनके नाम वारंट जारी हो गया है।
RERA और हाई कोर्ट दोनों के आदेश का पालन नहीं किया
हाई कोर्ट में, प्रताप भानु सिंह ने याचिका दायर की थी। RERA (Madhya Pradesh Real Estate Regulatory Authority) ने अक्टूबर 2020 में बिल्डर के खिलाफ 23,26,363 रुपये का RRC (Revenue Recovery Certificate) जारी किया था। इस पर 10% ब्याज भी देना था। RRC भोपाल कलेक्टर को लागू करना था लेकिन कलेक्टर ने RRC लागू नहीं किया। इसके बाद प्रताप भानु सिंह हाईकोर्ट गए। जुलाई 2023 में हाईकोर्ट ने कलेक्टर को 3 महीने में RRC लागू करने का आदेश दिया लेकिन फिर भी आदेश का पालन नहीं हुआ। तब अवमानना याचिका दायर की गई।
अवमानना याचिका के बाद भी कलेक्टर ने कोई कदम नहीं उठाया
न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की पीठ ने याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने पाया कि अवमानना याचिका फरवरी 2024 में दायर हुई थी लेकिन भोपाल कलेक्टर ने अब तक RRC लागू करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। इसलिए कोर्ट ने कलेक्टर के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया। कोर्ट ने कहा कि कलेक्टर को कानून का पालन करना चाहिए था। कोर्ट के आदेश की अवहेलना करना गंभीर अपराध है। कलेक्टर को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में हाजिर होकर अपना पक्ष रखना होगा। याचिकाकर्ता की ओर से कपिल दुग्गल और ध्रुव वर्मा पेश हुए।
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