भारतीय जीवन बीमा निगम में चतुर्थ श्रेणी पदों पर आउटसोर्स कर्मचारी की नियुक्ति के मामले में हाईकोर्ट ने LIC को भर्ती प्रक्रिया आगे बढ़ाने के लिए मंजूरी देवी है। औद्योगिक अधिकरण ने इस भर्ती पर रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट ने Industrial Tribunal के स्टे आर्डर को स्टे दिया है।
हाई कोर्ट में हारने के बाद कर्मचारी इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल में चले गए थे
लिखनी है कि भारतीय जीवन बीमा निगम ने चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की सेवाओं को आउटसोर्स करने का फैसला लिया था। इस फैसले के विरोध में पहले से नियुक्त चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों द्वारा हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई। हाईकोर्ट ने कर्मचारियों की याचिका को खारिज कर दिया था। इसके बाद आउटसोर्स कर्मचारी की भर्ती की जानी थी परंतु कर्मचारियों ने इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल के सामने आवेदन प्रस्तुत कर दिया। बताया गया कि मामले में सुलह की कार्रवाई सक्षम प्राधिकारी के समक्ष लंबे थे, इसलिए उनकी सेवा शर्तों को बदला नहीं जा सकता है। कर्मचारियों की दलीलों से सहमत होते हुए इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल ने भारतीय जीवन बीमा निगम में चतुर्थ श्रेणी पदों पर आउटसोर्स कर्मचारी की भर्ती पर रोक लगा दी थी।
ट्रिब्यूनल के इसी आदेश के खिलाफ, भारतीय जीवन बीमा निगम ने हाईकोर्ट के समक्ष याचिका प्रस्तुत की थी। इसमें भारतीय जीवन बीमा निगम का कहना है कि औद्योगिक अधिकरण, औद्योगिक विवादों की निपटारे के लिए गठित किया गया है। उसे भारतीय जीवन बीमा निगम की पॉलिसी पर विचार करने का अधिकार ही नहीं है। इस दलील के बाद हाई कोर्ट ने इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल के स्टे आर्डर को स्टे कर दिया है।
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