MP स्कूल शिक्षा मंत्री और लोक शिक्षण संचालनालय के बीच सीधा संघर्ष - Bhopal Samachar

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मध्य प्रदेश में स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह और लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल के बीच में सीधा संघर्ष शुरू हो गया है। यहां संचालनालय से तात्पर्य संचालनालय के सभी अधिकारी है। लोक शिक्षण संचालनालय के अधिकारियों को कहना है कि, स्कूल शिक्षा मंत्री, विभाग की आंतरिक और दैनिक गतिविधियों में बहुत ज्यादा हस्तक्षेप कर रहे हैं। जबकि स्कूल शिक्षा मंत्री का कहना है कि मेरी मर्जी के बिना डिपार्टमेंट में पत्ता भी नहीं हिलना चाहिए। 

मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा में प्रतिनियुक्ति का सिस्टम

मामला मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों से राजधानी भोपाल में स्थित स्कूल शिक्षा के 12 ऑफिसों में कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति का है। सैद्धांतिक दृष्टि से प्रतिनियुक्ति, किसी विशेष काम के लिए की गई विभाग की आंतरिक व्यवस्था है, यह ट्रांसफर नहीं है। इसलिए लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा आवश्यकता के अनुसार जिलों से अधिकारियों और कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति की जाती है और अवधि समाप्त हो जाने के बाद उनका पूरा उनके मूल विभाग में पदस्थ कर दिया जाता है। यदि स्कूल शिक्षा मंत्री को किसी शिक्षक को प्रति नियुक्ति पर भेजना होता है तो वह अनुशंसा कर देते हैं। उनकी अनुशंसा का पालन कर दिया जाता है। यह सब कुछ पिछले कई सालों से अथवा प्रारंभ से ही होता चला आ रहा है। 

स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह को क्या आपत्ती है

स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह का कहना है कि, किसी भी कर्मचारी की प्रतिनियुक्ति समाप्त होने के बाद उसकी पदस्थापना मंत्री से प्रशासकीय अनुमोदन के पश्चात होनी चाहिए। विभाग की कार्यप्रणाली में मंत्री से प्रशासकीय अनुमोदन लेकर ही पदस्थापना करने की व्यवस्था है। उच्च शिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह परमार पिछली बार जब स्कूल शिक्षा मंत्री थे तब उन्होंने भी इसी प्रकार की आपत्ति उठाई थी। 

स्कूल शिक्षा मंत्री एक अधिकारी को सस्पेंड नहीं कर पाए

स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने लोक शिक्षण संचालनालय के संचालक केके द्विवेदी को निलंबित करने की नोटशीट लिख दी है। मंत्री ने नोटशीट में कहा है कि संचालक ने सीधे ही पदस्थापना कर दी जो शासन के नियमों के विपरीत है, इसलिए उन्हें निलंबित किया जाए और उनके खिलाफ विभागीय जांच बैठाई जाए। मंत्री ने 3 फरवरी को यह नोटशीट लिखी थी और 7 दिन में कार्यवाही करने कहा था। आज 1 महीने से ज्यादा हो गया। सस्पेंड करना तो दूर की बात, कारण बताओं नोटिस भी नहीं दिया। विभाग के वरिष्ठ अधिकारी इस नोटशीट को ही दबा गए। 

अब तक केवल एक अधिकारी ने नियमों का उल्लंघन किया था। अब पूरे का पूरा डिपार्टमेंट में स्कूल शिक्षा मंत्री का अपमान किया है। देखते हैं स्कूल शिक्षा मंत्री अपना सम्मान बढ़ाने के लिए कितना संघर्ष कर पाते हैं।

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