नवीन योजना अविरल निर्मल नर्मदा के लिए 124 करोड़ 46 लाख की सैद्धांतिक स्वीकृति
मध्य प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मंगलवार को मंत्रालय में हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा नवीन योजना "अविरल निर्मल नर्मदा" कैम्पा फण्ड के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2025-26 से 2031-32 के लिए योजना का कुल आकार राशि 124 करोड़ 46 लाख रूपये की सैद्धांतिक स्वीकृति दी गयी। योजना के अंतर्गत आगामी 7 वर्षों में नर्मदा नदी के दोनों तटों से 10 कि.मी. की दूरी तक स्थित रोपण के लिए उपलब्ध समस्त वन भूमि पर सघन पौधरोपण कार्य 12 वन मंडलों के 95 वन कक्षों में 5600 हेक्टेयर वन क्षेत्र में किया जाएगा।
अविरल निर्मल नर्मदा योजना का उद्देश्य
योजना का उद्देश्य अविरलता एवं निर्मलता, मृदा संरक्षण, जैव विविधता, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों पर नियंत्रण और स्थानीय समुदाय की सहभागिता है। नर्मदा नदी का अविरलता के साथ नदी के तटों का भूमि का कटाव रूकेगा, स्थानीय पारिस्थितिकीय तंत्र में सुधार होगा, जैव विविधता में सुधार होगा, रोपण कार्यों में स्थानीय समुदाय की भागीदारी से नदियों के संरक्षण के प्रति जनभागीदारी की भावना का विकास होगा। योजना का क्रियान्वयन वन विभाग के द्वारा किया जाएगा। योजना के क्रियान्वयन में आवश्यकतानुसार जनसहयोग और वन समितियों का सहयोग भी प्राप्त किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त क्षेत्र में सघन पौधरोपण से जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक प्रभावों पर नियंत्रण, भू-जल स्तर में वृद्धि, कार्बन अवशोषण बढ़ाने, तटीय क्षेत्र का सौंदर्यीकरण के साथ भू-क्षरण में कमी से नदी पर निर्मित बांधों की उपयोगी जीवन में वृद्धि, रोजगार मूलक गतिविधियों का क्रियान्वयन कर ग्रामीणों के जीवन स्तर में सुधार जैसे दूरगामी प्रभाव भी होंगे।
अविरल निर्मल नर्मदा योजना की पृष्ठभूमि
उल्लेखनीय है कि नर्मदा नदी की अविरलता एवं निर्मलता सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा दिये गये निर्देशानुसार नर्मदा नदी के दोनों तटों से 10 कि.मी. की दूरी तक स्थित वन क्षेत्रों में पौधरोपण कार्य कराने के लिए नवीन योजना "अविरल निर्मल नर्मदा" योजना तैयार की गई है। इस योजना का क्रियान्वयन वित्तीय वर्ष 2025-26 से प्रारंभ किया जाना प्रस्तावित है। नर्मदा नदी भारत की पश्चिम दिशा में बहने वाली सबसे बड़ी नदी होने के साथ ही राज्य की सबसे बड़ी नदी भी है। अनंत काल से नर्मदा नदी का जल प्रवाह एवं अविरलता इसके जलग्रहण क्षेत्र में स्थित प्रदेश के वनों पर निर्भर करती है। नर्मदा नदी की अविरलता एवं निर्मलता अक्षुण्ण रखने के के लिये नवीन पौधरोपण योजना को प्रारंभ किये जाने की आवश्यकता है।
तुअर का उपार्जन न्यूनतम समर्थन मूल्य पर
प्रदेश में खरीफ वर्ष-2024 में केन्द्र सरकार की प्राईस सपोर्ट स्कीम अंतर्गत तुअर फसल के न्यूनतम सर्मथन मूल्य पर उपार्जन लक्ष्य का अनुमोदन एवं पंजीकृत कृषकों से निर्धारित लक्ष्य के अतिरिक्त उपार्जन पीएसएस गाईड लाईन के अनुसार किए जाने का निर्णय लिया गया हैं। खरीफ वर्ष 2024 (विपणन वर्ष 2024-25) में तुअर का प्रदेश के तुअर उत्पादक 43 जिलों के पंजीकृत कृषकों से न्यूनतम समर्थन मूल्य रूपये 7550 पर म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित (राज्य उपार्जन एजेंसी) द्वारा उपार्जन किया जायेगा। तुअर उपार्जन कार्य के लिए राज्य सहकारी विपणन संघ भोपाल को उपार्जन एजेंसी के रूप में अधिकृत किया गया है। एक लाख 27 हजार मीट्रिक टन का लक्ष्य रखा गया है।
इंदौर-पीथमपुर फाइनेंशियल इकॉनोमिक कॉरिडोर
मंत्रि-परिषद् द्वारा म.प्र. निवेश क्षेत्र विकास और प्रबंधन योजना के अन्तर्गत इंदौर-पीथमपुर फाइनेंशियल (इकॉनोमिक) कॉरिडोर योजना क्षेत्र में आपसी सहमति के आधार पर भू-अर्जन की कार्यवाही में संशोधन किये जाने का निर्णय लिया गया हैं।
निर्णय अनुसार भू-धारक निजी भूमि क्रय किए जाने के दिनांक को कलेक्टर द्वारा जारी की गई गाइड लाइन की तत्समय प्रभावशील दर के अनुसार संगणित भूमि के मूल्य और भूमि पर स्थित स्थावर परिसम्पत्तियों के मूल्य के बराबर राशि प्रतिफल (Consideration) के रूप में देकर क्रय की जाएगी। उपरोक्त के अतिरिक्त प्रतिफल के समतुल्य राशि विक्रेता को एकमुश्त पुनर्वास अनुदान के रूप में दी जाएगी इस प्रकार विक्रेता को निजी भूमि और उस पर स्थित स्थावर परिसम्पत्तियों के लिए दोगुनी राशि प्राप्त होगी। भूमि के मुआवजा स्वरूप योजना अन्तर्गत आवंटन योग्य क्षेत्रफल का 60 प्रतिशत तक भू-धारकों को उनसे ली गई भूमि के समानुपातिक रूप से प्रदान किया जायेगा।
लैण्ड पूलिंग योजना अन्तर्गत भू-अर्जन के लिए राशि विभागीय बजट 9842-औद्योगिक क्षेत्रों का लैण्डपूलिंग योजना अन्तर्गत प्राप्त की जायेगी। इसमें इन्दौर के 9 तथा पीथमपुर के 8 गाँवों की भूमियां समाविष्ट है जिनका कुल रकबा 1290.74 हेक्टेयर है। पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र एवं आगरा- मुम्बई राष्ट्रीय राजमार्ग को एयरपोर्ट से सीधे कनेक्टीविटी प्रदान किये जाने के उद्देश्य से 75 मीटर चौड़े लगभग 19.60 किलोमीटर मार्ग का निर्माण किया जायेगा। योजना क्षेत्र के 1290.74 हेक्टेयर में से लगभग 1000 हेक्टेयर से अधिक भूमि निजी स्वामित्व की है तथा शेष शासकीय भूमि है।
विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्ध-घुमन्तु समुदाय के परिवारों के पंजीकरण के लिए सैद्धान्तिक सहमति
मंत्रि-परिषद द्वारा समेकित विकास के लिए सर्वेक्षण के अंतर्गत विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्ध-घुमन्तु समुदाय के परिवारों का विभागीय समर्थ पोर्टल पर चिन्हाकन उपरांत पंजीकरण के लिए सैद्धान्तिक स्वीकृति दी गयी। स्वीकृति अनुसार विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्ध-घुमन्तु कल्याण विभाग की योजना क्रमांक 9094 सामेकित विकास के लिए सर्वेक्षण के अंतर्गत विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्ध-घुमन्तु समुदाय के परिवारों का विभागीय समर्थ पोर्टल पर चिन्हाकन के बाद पंजीकरण किया जायेगा।
विभागीय समर्थ पोर्टल पर पंजीयन करने के लिए, मोबाइल ऐप तैयार किया जाकर डाटा टेस्टिंग का कार्य पूर्ण हो चुका है। दिनांक 31 अगस्त 2024 को मोबाईल ऐप का उदघाटन किया गया। राज्य/केन्द्र द्वारा संचालित योजनाओं से लाभान्वित करना, मूलभूत आवश्यकता के लिए प्रयास जैसे आवास, जल, बिजली, सड़क से पात्रतानुसार लाभान्वित करना। डाटाबेस के आधार पर वर्तमान अजीविका के साथ उनके पास उपलब्ध संसाधनों का युक्तियुक्त उपयोग से रोजगार सृजन की दिशा में व्यक्तिमूलक एवं स्व-सहायता समूह बनाकर रोजगार स्थापित कर आत्मनिर्भर भारत बनाना है।
मुख्यमंत्री पशुपालन विकास योजना के लिए 191 करोड़ रूपये की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा पशुपालन एवं डेयरी से संबंधित गतिविधियों में रोजगार के नवीन अवसर बढाने, उत्पादकता बढाने, किसानों की आय बढ़ने से जीएसडीपी में वृद्धि तथा राष्ट्र की जीडीपी में योगदान बढाने के लिए मुख्यमंत्री पशुपालन विकास योजना (सम्मिलित कार्यक्रम) सहकारिता के माध्यम से पशुपालन गतिविधियों के लिए शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराने पर ब्याज अनुदान, भ्रूण प्रत्यारोपण कार्यक्रम, बांझ निवारण शिविरों का आयोजन, मुख्यमंत्री डेयरी प्लस कार्यक्रम, चारा उत्पादन कार्यक्रम प्रदेश की मूल गौ-वंशीय नस्ल एवं भास्तीय उन्नत नस्ल की दूधारू गायों के लिए पुरस्कार कार्यक्रम, मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय कार्यक्रम तथा पशुपालकों को योजनाओं की जानकारी प्रदाय करने एवं उन्मुखीकरण के लिए वर्ष 2024-25 विभागीय प्रस्ताव पर 191 करोड़ रूपये की स्वीकृति दी।
मध्य प्रदेश सरकार की मंत्री परिषद के अन्य निर्णय
मंत्रि-परिषद् द्वारा ग्राम झागरिया खुर्द, तहसील हुजूर, जिला भोपाल स्थित भूमि खसरा क्रमांक 11 रकबा 4.940 हेक्टेयर में से 4 हेक्टेयर भूमि शासकीय आयुषमान भारत योजना की स्थापना के लिए नियंत्रण केन्द्र (एन.सी.डी.सी.) स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली के पक्ष में भूमि का आवंटन भूमि उपयोग परिवर्तन करने की शर्त पर किया जायेगा। प्रश्नाधीन भूमि के भूमि उपयोग के उपांतरण पश्चात् ही आवंटन शासन की शर्तों के अधीन निःशुल्क प्रब्याजि एवं एक रूपये वार्षिक भू-भाटक पर स्थाई पट्टे पर आवंटित की गई।
नियंत्रण केन्द्र एन.सी.डी.सी. का उद्देश्य पूरे देश में निगरानी और त्वरित प्रतिक्रिया तंत्र को मजबूत करना है। इसका उद्देश्य पड़ोसी राज्यों और भारत सरकार के साथ मिलकर राज्यों में आपदा और महामारी की तैयारियों को मजबूत करना है।
क्षेत्रीय एन.सी.डी.सी. के प्रमुख कार्य एन.सी.डी.सी. शाखा उभरते रोगों सहित सार्वजनिक स्वास्थ्य महत्व के रोगों के लिए अत्याधुनिक उपकरणों के साथ निगरानी, निरीक्षण, त्वरित प्रतिक्रिया और प्रकोप/जांच, क्षमता निर्माण, रेफरल और निदान सेवाओं में सहायता करेगी। शाखाओं को एक-दूसरे से और एन.सी.डी.सी. मुख्यालय के साथ जोडा जाएगा। डायग्नोस्टिक सुविधाओं को उन्नत किया जाएगा और उन्हें उन्नत सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा। नियंत्रण केन्द्र प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं के विकास में अहम भूमिका निभाएगा।
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