जबलपुर स्थित हाई कोर्ट ऑफ़ मध्य प्रदेश ने स्कूल शिक्षा विभाग एवं ट्राइबल डिपार्टमेंट द्वारा संचालित सरकारी स्कूलों में रिक्त पदों के विरुद्ध नियुक्ति के लिए लोक शिक्षण संचालनालय, भोपाल द्वारा निर्धारित किए गए शिक्षक भर्ती नियम 2018 के नियम 8 की अनुसूची 3 के कॉलम एक को असंवैधानिक घोषित कर दिया है। इसी के साथ आदेश दिया है कि जिन अभ्यर्थियों को नियुक्ति प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया था उन सभी को नियुक्ति प्रदान की जाए।
DPI BHOPAL गड़बड़ी की गई, अंतरिम आदेशों का पालन नहीं किया
मध्य प्रदेश लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल द्वारा समस्त तथ्यों को जानते हुए भी असंवैधानिक नियमों के आधार पर 2018 में हाईस्कूल शिक्षकों की हजारों नियुक्तियाँ कर दी गईं तथा हाईकोर्ट के अंतरिम आदेशों के बावजूद भी 2023 में भी हजारों पदों पर नियुक्तियाँ की गई हैं। 2018 की पात्रता परीक्षा के पश्चात् स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा अक्टूबर 2021 से भर्ती/नियुक्ति प्रक्रिया आरंभ की गई, जिसमें अनेक अभ्यर्थी, जिनके अंक 50% से कम तथा 45% से अधिक थे, लेकिन उनकी अंकसूची में थर्ड डिवीजन लिखा होने के कारण उनको नियुक्ति नहीं दी गई, तथा जिन अभ्यर्थियों के अंक 45.1% से 49.6% थे, लेकिन उनकी अंकसूची में सेकंड डिवीजन लिखा होने के कारण उनको नियुक्ति दे दी गई।
मौका मिलने के बाद भी नियमों में सुधार नहीं किया
जिन अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं दी गई, उनमें से एक अभ्यर्थी अवनीश त्रिपाठी द्वारा 2021 में याचिका दायर करके शिक्षक भर्ती नियम 2018 की संवैधानिकता को चुनौती दी गई, जिसमें राज्य शासन से जवाब तलब करके उक्त असंवैधानिक नियमों में सुधार करने हेतु हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कई बार समय दिया, लेकिन सरकार ने नियमों में कोई सुधार नहीं किया तथा 2023 की पात्रता परीक्षा आयोजित करके पुनः भर्ती प्रक्रिया आरंभ कर दी। सरकार के उक्त कृत्य के विरुद्ध हरदा निवासी अनुसूचित जनजाति की अभ्यर्थी शिवानी शाह द्वारा याचिका क्रमांक 29828/2024 दायर करके नियमों की संवैधानिकता सहित एससी/एसटी को योग्यता में छूट नहीं दिए जाने को चुनौती दी गई, जिसमें हाईकोर्ट ने दिनांक 16.10.2024 को सम्पूर्ण भर्ती प्रक्रिया को याचिका के निर्णयाधीन कर दिया तथा राज्य शासन को नियमों में सुधार करने का समय दिया, लेकिन सरकार ने हाईकोर्ट के स्पष्ट निर्देश के बावजूद भी नियमों में सुधार नहीं किया और न ही सरकार ने उक्त नियमों में संशोधन करने की कोर्ट को अंडरटेकिंग दी।
मध्य प्रदेश में शिक्षकों की, डिवीजन नहीं प्रतिशत के आधार पर नियुक्ति होगी
तब हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच के मुख्य न्यायमूर्ति श्री सुरेश कुमार कैत तथा जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ द्वारा सभी याचिकाओं की दिनांक 19/02/2025 को (WP/10018/2021, WP/22082/2021, WP/684/2023, WP/3198/2023, WP/8253/2023, WP/16874/2023, WP/1177/2024, WP/23704/2024, WP/29838/2024) एक साथ सुनवाई करके दिनांक 18/03/2025 को 28 पेज का आदेश पारित किया गया। उक्त आदेश में समस्त याचिकाओं को स्वीकार करके शिक्षक भर्ती नियम 2018 के नियम 8 की अनुसूची 3 के कॉलम एक को असंवैधानिक घोषित कर दिया गया तथा आदेशित किया गया कि एनसीटीई नियम के अनुरूप योग्यता 50% तथा 45% की जाए तथा ओबीसी/SC/ST एवं दिव्यांगों को योग्यता में 5% छूट प्रदान की जाए, तथा जिन अभ्यर्थियों को नियुक्तियों में भाग लेने से वंचित किया गया है या जिनको नियुक्तियाँ नहीं दी गई हैं, उन सभी को भविष्य में भरे जाने वाले पदों के विरुद्ध पद सृजित करके दो माह के भीतर नियुक्ति प्रदान की जाए।
याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर, शिवांशु कोल, रमेश प्रजापति, सत्येंद्र ज्योतिषी, राजमणि सिंगरौल, रूबी हल्दकार, बृंदावन तिवारी ने पैरवी की। विनम्र अनुरोध🙏कृपया हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। सबसे तेज अपडेट प्राप्त करने के लिए टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें।
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