मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच के न्यायमूर्ति श्री संजीव सचदेवा तथा न्यायमूर्ति श्री विनय सराफ की खंडपीठ ने दिनांक 23/10/2024 को विस्तृत आदेश पारित करके याचिकाकर्ता हरिओम यादव सहित पचास से अधिक शिक्षकों को मेरिट के आधार पर अनारक्षित वर्ग में ट्रायबल डिपार्टमेंट के स्कूल में की गई पदस्थापना को अवैधानिक मानते हुए उनकी पहली पसंद के अनुसार याचिकाकर्ताओं को उनके वर्ग में स्कूल शिक्षा विभाग के स्कूल में चार सप्ताह के भीतर पदस्थापना करने हेतु कमिश्नर DPI को निर्देशित किया था।
SHILPA GUPTA IAS द्वारा हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना
चार माह व्यतीत हो जाने के बावजूद DPI कमिश्नर शिल्पा गुप्ता ने हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया। अभ्यर्थियों के बार-बार अनुरोध पर भी शिल्पा गुप्ता ने अभ्यर्थियों को डांट-डपट कर लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल से भगा दिया। तब संबंधितों ने हाईकोर्ट में शिल्पा गुप्ता के विरुद्ध अनेक याचिकाएँ दायर कर कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट की कार्यवाही शुरू की। इनमें से एक याचिका, हरिओम यादव बनाम शिल्पा गुप्ता में, हाईकोर्ट ने दिनांक 10/02/25 को शिल्पा गुप्ता को नोटिस जारी कर दिनांक 03/03/25 से पूर्व जवाब तलब किया था, लेकिन शिल्पा गुप्ता ने नोटिस की तामील के बावजूद न तो कोई जवाब दाखिल किया और न ही महाधिवक्ता कार्यालय से संपर्क कर किसी सरकारी अधिवक्ता को अधिकृत किया।
SHILPA GUPTA IAS का अरेस्ट वारंट
आज, दिनांक 07/03/2025 को उक्त कंटेम्प्ट याचिका क्रमांक CONC/5375/2024 की द्वितीय सुनवाई जस्टिस संजीव सचदेवा तथा जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ द्वारा की गई। याचिकाकर्ता हरिओम यादव की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर एवं शिवांशु कोल ने पक्ष रखते हुए कोर्ट को बताया कि, भारतीय प्रशासनिक सेवा की महिला अधिकारी श्रीमती शिल्पा गुप्ता के विरुद्ध हाईकोर्ट में दो सौ से अधिक अवमानना याचिकाएँ लंबित हैं। किसी भी प्रकरण में जवाब नहीं दिया जाता है और न ही माननीय न्यायालयों के आदेशों की कोई कद्र की जाती है। तब कोर्ट ने शासकीय अधिवक्ताओं से पूछा कि क्या किसी शासकीय अधिवक्ता को निर्देश प्राप्त हुए हैं? जवाब नकारात्मक मिला। तब हाईकोर्ट ने शिल्पा गुप्ता के लिए 10,000/- (दस हजार रुपये) का जमानतीय गिरफ्तारी वारंट जारी कर 23/3/25 को कोर्ट में अनुपालन रिपोर्ट के साथ हाजिर होने का आदेश पारित किया।
ज्ञात हो कि डिवीजन बेंच ने अभी तक एक दर्जन से अधिक मामलों में दो सौ से अधिक आरक्षित वर्ग के प्राथमिक शिक्षकों को उनकी पसंद के आधार पर ट्रायबल से DPI में पदस्थापना का आदेश दिया है, लेकिन कमिश्नर शिल्पा गुप्ता ने अभी तक हाईकोर्ट के एक भी आदेश का पालन नहीं किया है और न ही हाईकोर्ट के आदेशों के विरुद्ध उच्चतम न्यायालय में अपील आदि की गई है।
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