MP ONLINE की गड़बड़ी के कारण महिला बाल विकास सुपरवाइजर भर्ती परीक्षा की महिला उम्मीदवार का आवेदन पत्र निरस्त हो गया था। एडमिट कार्ड नहीं आया था, लेकिन मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर बेंच ने महिला उम्मीदवार को परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दे दी है।
MP ONLINE वाले ने फीस नहीं भरी थी
महिला अभ्यर्थी पिछले कई सालों से महिला सुपरवाइज़र की तैयारी कर रही थी। उसने एमपी ऑनलाइन केंद्र के माध्यम से महिला पर्यवेक्षक का फॉर्म भरा, किंतु एमपी ऑनलाइन सेंटर वाले ने उसकी फीस नहीं भरी। जब परीक्षा की तिथि आई, तो वह एडमिट कार्ड निकालने गई, तो पता चला कि उसका एप्लीकेशन फॉर्म सफल नहीं हुआ, क्योंकि उसने पेमेंट नहीं किया था। दो दिन बाद पेपर था।
अधिवक्ता दिनेश सिंह चौहान ने दिलाई मंजूरी
परेशान होकर महिला ने उच्च न्यायालय के अधिवक्ता दिनेश सिंह चौहान के माध्यम से इंदौर खंडपीठ में एक याचिका दायर की। याचिका में सारे तथ्यों को अधिवक्ता चौहान सर ने माननीय कोर्ट को बताया एवं कोर्ट को यह भी अवगत कराया कि इनका पेपर 7 मार्च और 8 मार्च को है। इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए, माननीय कोर्ट ने अंतरिम आदेश पारित करते हुए याचिकाकर्ता को तुरंत परीक्षा में बैठने का आदेश पारित किया।
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