MPHC ORDER - माध्यमिक शिक्षक चयन परीक्षा में 25 ओवरऐज उम्मीदवारों को बैठने की अनुमति

मध्य प्रदेश शासन के अंतर्गत लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल द्वारा एक गलती कर दिए जाने के कारण माध्यमिक शिक्षक चयन परीक्षा 2024, तमाशा बन गई है। चयन परीक्षा में आयु सीमा का निर्धारण कर दिए जाने के फैसले को उम्मीदवारों द्वारा हाईकोर्ट में चैलेंज किया जा रहा है और सबको परीक्षा में बैठने की अनुमति मिलती जा रही है। इस लिस्ट में 25 नए नाम जुड़ गए।

इन उम्मीदवारों को परीक्षा में बैठने की अनुमति

श्री अवधेश बाजपेई, ग्वालियर, गौरव मिश्रा, पन्ना, रेणु पटेल, नर्मदापुरम, अलका दुबे, भोपाल, प्रतीत शुक्ला, सिवनी, पुनीत कुमार शर्मा, बालाघाट, निहारिका श्रीवास्तव, सागर, राहुल शर्मा, नरसिंहपुर, शैलेंद्र खैरनार, बुरहानपुर, निशांत ठाकुर, होशंगाबाद, परमेश कुमार बघेले, बालाघाट, प्रमोद कुमार बैरागी, छिंदवाड़ा, पूजा मिश्रा, जबलपुर, श्रीमती सीमा खरे, ग्वालियर, अरुण सिंह, नरसिंहपुर, श्रीमती जयमाला राय, सिवनी, नत्थू सिंह लोधी, सागर, सुरेन्द्र अहिरवार, भोपाल, कौशर जहां, भोपाल, श्री सुनील पांडे, रीवा, जूली जैन, शिवपुरी, अशोक भीमटे, बालाघाट, श्री उमाशंकर तिवारी, होशंगाबाद, कंवलजीत सिंह, शहडोल द्वारा माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 18 एवं 23 पास की गई थी। 

लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल ने क्या गलती की थी?

विदित है कि कर्मचारी चयन मंडल द्वारा माध्यमिक शिक्षक चयन परीक्षा 2024 में अधिकतम आयु 40 एवं 45 किए जाने के कारण कई अभ्यर्थी चयन परीक्षा में बैठने से वंचित हो रहे हैं, जिन्होंने पात्रता परीक्षा तो उत्तीर्ण की है, लेकिन चयन परीक्षा में अधिकतम आयु से ऊपर हैं। लगभग 25 अभ्यर्थियों द्वारा उच्च न्यायालय, जबलपुर में याचिका दायर कर सामान्य प्रशासन विभाग के उस आदेश का लाभ माँगा गया था, जो कोविड महामारी के कारण भर्ती विज्ञापन में विलंब होने के कारण प्रथम विज्ञापन में अधिकतम आयु में तीन वर्ष की छूट देता है। 

हाई कोर्ट ने क्या आदेश दिया है

अभ्यर्थियों की ओर से पैरोकार, उच्च न्यायालय जबलपुर के वकील अमित चतुर्वेदी द्वारा उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया गया कि चयन परीक्षा 2024 में शामिल होने हेतु पात्रता का निर्धारण चयन परीक्षा पास होने की तिथि से होना चाहिए। कोर्ट द्वारा इस बिंदु को संज्ञान में लेते हुए सभी याचिकाकर्ताओं को चयन परीक्षा में बैठने की अनुमति प्रदान की गई है।
कर्मचारी चयन मंडल द्वारा उन ओवरएज अभ्यर्थियों को परीक्षा में बैठने की अनुमति दी गई है, जिनके पक्ष में कोर्ट ने अंतरिम आदेश दिए हैं। उच्च न्यायालय, जबलपुर में अभ्यर्थियों की ओर से अधिवक्ता अमित चतुर्वेदी द्वारा पैरवी की गई।

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