समझ में ईमानदारी की रक्षा के लिए घोटालेबाजों के खिलाफ अभियान के लिए प्रसिद्ध रहे नवभारत प्रेस के डायरेक्टर सुमित महेश्वरी, प्रवर्तन निदेशालय की जांच में बैंक लोन घोटाले के दोषी पाए गए हैं।
प्रेस के आधुनिकीकरण और मशीनरी की खरीद के नाम पर लोन लिया
ईडी की जांच में पता चला कि मेसर्स नव भारत प्रेस (भोपाल) प्राइवेट लिमिटेड ने अपने निदेशक सुमित माहेश्वरी और अन्य के माध्यम से वर्ष 2004 के दौरान प्रेस के आधुनिकीकरण और मशीनरी की खरीद के लिए बैंक ऑफ महाराष्ट्र, गौतम नगर शाखा, भोपाल से अलग-अलग ऋण सुविधाओं का लाभ उठाया था। हालांकि इस ऋण राशि को विभिन्न कंपनियों के बैंक खातों के माध्यम से डायवर्ट किया गया था, जो एनबी ग्रुप ऑफ कंपनीज के कर्मचारियों के नाम पर थे।
बैंक ऑफ महाराष्ट्र, भोपाल को 15.67 करोड़ का चूना लगा
जांच के दौरान पाया गया कि माहेश्वरी परिवार ने कॉर्पोरेट संस्थाओं का उपयोग करके विभिन्न कॉर्पोरेट और व्यक्तिगत लोन निपटान के लिए लोन की रकम को डायवर्ट किया और इस प्रकार बैंक की ओर से दिए गए ऋण का दुरुपयोग किया। जिससे बैंक ऑफ महाराष्ट्र गौतम नगर, भोपाल को 15.67 करोड़ रुपए का चूना लगा था।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भोपाल ने नवभारत समाचार पत्र भोपाल के डायरेक्टर और अन्य के विरुद्ध विशेष न्यायालय में प्रॉसीक्यूशन कंप्लेंट (पीसी) दायर की है। पीसी धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के प्रावधानों के अंतर्गत दायर की गई है।
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