भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग होने वाली है और इसके ठीक पहले कोटक महिंद्रा बैंक के मालिक और एशिया के सबसे अमीर बैंकर उदय कोटक में दावा किया है कि यदि यही स्थिति बनी रही तो SBI, BOI, BOM और UNION BANK सहित कई सारे बैंक बर्बाद हो जाएंगे। स्थिति को संभालना मुश्किल हो जाएगा।
डिपॉजिट की कमी बैंकिंग बिजनस मॉडल के लिए खतरा बन जाएगी
हाल ही में 10 अरब डॉलर के घाटे में बिके माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म X पर कोटक महिंद्रा बैंक के फाउंडर उदय कोटक ने लिखा, 'अगर डिपॉजिट की कमी जारी रहती है, तो यह बैंकिंग बिजनस मॉडल के लिए खतरा बन जाएगी।' इसका मतलब है कि अगर बैंकों के पास जमा करने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं होंगे, तो उनका काम करना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि बड़े बैंक अभी 8% ब्याज दर पर थोक जमा स्वीकार कर रहे हैं, जिससे मामूली जमा लागत 9% से अधिक हो जाती है। इसका मतलब है कि बैंकों को थोक जमा पर 8% ब्याज देना पड़ रहा है, जिससे उनकी लागत बढ़ रही है।
उदय कोटक कहना क्या चाहते हैं, सरल हिंदी में समझिए
Leading banks are taking 1 year wholesale deposits at ~8%. Translates to loaded marginal deposit cost of 9%+ after CRR (0 interest), SLR, deposit insurance, priority sector. Excluding opex. Low cost Retail Deposits (CASA non wholesale) show muted growth across the system.
— Uday Kotak (@udaykotak) March 28, 2025
Yet,…
उदय कोटक ने बताया कि, बैंकों के ऊपर बल्क डिपॉजिट पर 8% के अलावा और भी खर्चे हैं। जैसे कि CRR (कैश रिजर्व रेशियो)। CRR का मतलब है कि बैंकों को अपनी जमा राशि का कुछ हिस्सा रिजर्व बैंक के पास रखना होता है, जिस पर उन्हें कोई ब्याज नहीं मिलता। इसके अलावा, SLR (स्टैचुटरी लिक्विडिटी रेशियो), डिपॉजिट इंश्योरेंस और प्रायोरिटी सेक्टर के लक्ष्य भी हैं। SLR का मतलब है कि बैंकों को अपनी जमा राशि का कुछ हिस्सा सरकारी बॉन्ड में निवेश करना होता है। डिपॉजिट इंश्योरेंस का मतलब है कि अगर बैंक डूब जाता है, तो जमाकर्ताओं को उनकी जमा राशि का कुछ हिस्सा वापस मिल जाएगा। प्रायोरिटी सेक्टर के लक्ष्य का मतलब है कि बैंकों को अपनी लोन का कुछ हिस्सा कुछ खास सेक्टरों को देना होता है। इनमें कृषि और छोटे बिजनस शामिल हैं।
HOME LOAN पर हर बैंक को घाटा हो रहा है
उदय कोटक ने कहा कि इन खर्चों के बावजूद बैंक 8.5% की फ्लोटिंग रेट पर होम लोन दे रहे हैं, जबकि उनकी उधार लागत 9% है। इससे उन्हें 0.5% का नुकसान हो रहा है। इसका मतलब है कि बैंक होम लोन पर जितना ब्याज ले रहे हैं, उससे ज्यादा उन्हें उधार लेने (फिक्स डिपाजिट सहित अन्य सभी) पर देना पड़ रहा है।
उदय कोटक की चिंता क्या है
उदय कोटक का कहना है कि एक तो पहले से ही आधा प्रतिशत के घाटे में होम लोन दे रहे हैं ऊपर से खबर मिली है कि भारतीय रिजर्व बैंक रेपो रेट में कटौती करने जा रहा है। ऐसा हुआ तो होम लोन सहित अन्य सभी प्रकार के लोन पर ब्याज दर कम हो जाएगी। इस प्रकार बैंकों का घाटा और ज्यादा बढ़ जाएगा, और कोई भी बैंक खाते में कितने दिन तक चल पाएगा।
उदय कोटक के हिसाब से कितने बैंक खतरे में
- Union Bank of India - 8.10% p.a. onwards
- Bank of Baroda - 8.15% p.a. onwards
- Central Bank of India - 8.10% p.a. onwards
- Bank of India - 8.40% p.a. onwards
- State Bank of India - 8.25% p.a. onwards
- LIC Housing Finance - 8.50% p.a. onwards
- Canara Bank - 8.15% p.a. onwards
- Punjab and Sind Bank - 8.25% p.a. onwards
- Bank of Maharashtra - 8.10% p.a. onwards
- Punjab National Bank - 8.15% p.a. onwards
यहां हमने उन बैंकों के नाम नहीं दिए हैं जिनकी ब्याज दर 8.50 प्रतिशत से अधिक लेकिन 9% से कम है.
सिर्फ यह दो बैंक सुरक्षित
- Bandhan Bank - 9.16% p.a. onwards
- Yes Bank - 9.00% p.a. onwards
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