वैसे तो भारत में होली एक त्योहार है, परंतु इस त्योहार को मनाने की परंपराएँ हजार से ज्यादा हैं। इनमें से कुछ बहुत रोचक और अनोखी परंपराएँ हैं। होली के रंग भरे त्योहार के अवसर पर हम आपको ऐसी ही कुछ अनोखी परंपराओं के बारे में बताने जा रहे हैं। इससे आपको भारत के कई रंग देखने को मिलेंगे।
भारत में होली की अनोखी और रोचक परंपराएं
- ब्रज की लट्ठमार होली के बारे में तो आप जानते ही होंगे। यह होली मनाने की सबसे विश्व प्रसिद्ध अनोखी परंपरा है। उत्तर प्रदेश के बरसाना और नंदगाँव में मनाई जाती है। इस परंपरा का संदर्भ भगवान श्रीकृष्ण और राधा की लीला से है। इसमें महिलाएँ होली खेलने के लिए आए पुरुषों को लट्ठ, अर्थात् डंडे, से मारती हैं, और पुरुष ढालों की मदद से बचने की कोशिश करते हैं।
- राजस्थान के कुछ इलाकों में गोबर की होली खेली जाती है। यहाँ लोग एक-दूसरे पर गोबर फेंकते हैं। मान्यता है कि इससे समृद्धि प्राप्त होती है और सेहत भी अच्छी रहती है।
- जन्माष्टमी के अवसर पर मक्खन से भरी हुई मटकी पूरी दुनिया में फोड़ी जाती है, परंतु महाराष्ट्र में होली के अवसर पर भी मटकी फोड़ प्रतियोगिता होती है। इस मटकी में रंग भरे होते हैं। मान्यता है कि युवाओं की जो टोली मटकी फोड़ने में सफल हो जाती है, उसे भगवान श्रीकृष्ण की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
- पंजाब में होली नहीं, होला मोहल्ला मनाया जाता है। इसमें सिख संप्रदाय के योद्धा अपनी वीरता का प्रदर्शन करते हैं।
- आदिवासी समाज में होली मनाने का अपना बहुत ही रोचक तरीका होता है। झारखंड में विवाह योग्य लड़का यदि विवाह योग्य लड़की को रंग लगा देता है, और प्रतिक्रिया में लड़की भी लड़के को रंग लगा देती है, तो दोनों के विवाह को सामाजिक मान्यता मिल जाती है, लेकिन यदि लड़की लड़के को रंग नहीं लगाती, तो लड़के की सारी संपत्ति लड़की के नाम हो जाती है।
- मध्य प्रदेश के एक आदिवासी समुदाय में होली के अवसर पर मेले का आयोजन किया जाता है। यहाँ लड़की को आकर्षित करने के लिए लड़का मांदल (वाद्य यंत्र) बजाता है और नाचते-गाते हुए अपनी पसंद की लड़की के नजदीक तक जाता है। वह लड़की को गुलाल लगाने का प्रयास करता है। यदि लड़की स्वीकृति दे देती है, तो दोनों एक-दूसरे को गुलाल लगाते हैं और इस प्रकार दोनों के बीच विवाह संबंध तय हो जाता है।
- महाराष्ट्र के विडा गाँव में होली के दिन दामाद को गधे पर बिठाकर जुलूस निकाला जाता है।
- मध्य प्रदेश के मालवा में होली के अवसर पर एक विशेष प्रकार का आयोजन होता है। इसमें दो समूह एक-दूसरे पर जलते हुए अंगारे फेंकते हैं।
- मध्य प्रदेश में खंडवा के नागर ब्राह्मण समाज ने होली पर अनोखी परंपरा शुरू की है। हर साल होलिका दहन के दिन, दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। उल्लेखनीय की होलिका दहन के दिन, होलिका का निधन हो गया था।
- ब्रज में लठमार होली होती है परंतु मध्य प्रदेश के सागर में लड्डूमार होली होती है। श्री कृष्ण के भक्तों को इस दिन का बेसब्री से इंतजार रहता है।
- कर्नाटका के मैंगलोर में होली का उत्सव रंगों से नहीं बल्कि अनाज और फूलों से मनाया जाता है। यहां के लोग एक दूसरे पर चावल और फूलों की पंखुड़ियां फेंकते हैं। यह परंपरा यहां की संस्कृति और लोकाचार से जुड़ी हुई है।
- हरियाणा में पानीपत की डाट होली की परंपरा बिल्कुल अलग है। दो टोलियां आमने-सामने होती हैं और एक-दूसरे को पीछे धकेलने की कोशिश करती हैं। जो टोली जीतती है, उसे विजेता घोषित किया जाता है। इस दौरान महिलाएं छतों से कढ़ाई में गर्म किए गए घर के बने रंगों को युवाओं पर उड़ेलती हैं। यह अनोखा खेल देखने के लिए दूर-दूर से लोग पानीपत पहुंचते हैं। डाहर गांव में डाट होली की परंपरा 1288 ईस्वी से चली आ रही है।
- उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में होली के त्योहार को लेकर हर साल एक अनोखी परंपरा निभाई जाती है। इस दिन सभी 67 मस्जिदों को तिरपाल से ढक दिया जाता है। क्योंकि होली के दिन लगभग 10 किलोमीटर लंबा जुलूस निकलता है। इसमें रंगों के अलावा लोग एक दूसरे पर जूते भी फेंकते हैं। धार्मिक स्थलों का सम्मान बना रहे इसलिए सभी मस्जिदों को तिरपाल से ढक दिया जाता है।
- पूरी दुनिया में होली 5 दिन का त्यौहार है परंतु उत्तराखंड में 15 दिन तक मनाई जाती है। कई प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। दुनिया भर से लोग संस्कृति के रंग देखने के लिए उत्तराखंड आते हैं।
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