BABA RAMDEV vs DIGVIJAY SINGH शरबत पॉलिटिक्स में कौन सही कौन गलत, एक बार में समझिए

पतंजलि कंपनी के प्रोडक्ट्स की सेल बढ़ाने हेतु नेगेटिव मार्केटिंग करने वाले बाबा रामदेव के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करवाने के लिए कांग्रेस पार्टी के नेता एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह आज पुलिस थाने पहुंचे। बाद में उन्होंने पत्रकारों से कहा कि यदि पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया तो मैं बाबा रामदेव के खिलाफ कोर्ट में पिटीशन फाइल करूंगा। हम आपको बताएंगे कि बाबा रामदेव ने क्या कहा। श्री दिग्विजय सिंह ने क्या कहा। बाबा रामदेव ने जो कहा वह क्यों कहा और क्या बाबा रामदेव को यही कहना चाहिए था।

VIRAL VIDEO में बाबा रामदेव ने क्या कहा है

बाबा रामदेव का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह पतंजलि के शरबत का प्रचार करते हुए कहते हैं कि “एक कंपनी है जो शरबत तो देती है लेकिन उससे मिलने वाला पैसा मस्जिद और मदरसे बनाने में लगाया जाता है। रामदेव ने कहा, ‘‘अगर आप वो शरबत पिएंगे तो मस्जिद और मदरसे बनेंगे और पतंजलि का शरबत पिएंगे तो गुरुकुल बनेंगे, आचार्य कुलम बनेगा, पतंजलि विश्वविद्यालय और भारतीय शिक्षा बोर्ड आगे बढ़ेगा। 

दिग्विजय सिंह ने क्या किया

राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने रामदेव के इस बयान को धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने वाला, भड़काऊ और असंवैधानिक बताया। उन्होंने कहा कि यह बयान भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 196(1)(क), 299 और आईटी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दंडनीय अपराध है। दिग्विजय ने कहा, “रामदेव ने गुलाब शरबत को बेचने के लिए ‘रूह अफज़ा’ को हिंदू-मुस्लिम विवाद में घसीटा है। मोहब्बत के प्रतीक शरबत को ‘शरबत जेहाद’ कह देना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।”

नफरत फैलाने वाली चलती-फिरती दुकान

दिग्विजय सिंह ने बाबा रामदेव को “नफरत फैलाने वाली चलती-फिरती दुकान” बताया और कहा कि “रामदेव की नजर देश की बेशकीमती जमीनों पर है। वे धर्म के नाम पर व्यापार कर रहे हैं।” उन्होंने यह भी दावा किया कि मध्यप्रदेश सरकार ने रामदेव को कई एकड़ जमीन दी है, जिनका कोई उपयोग नहीं हो रहा। उन्होंने मांग की कि जैसे इंफोसिस से जमीन वापस ली गई, वैसे ही रामदेव से भी जमीनें वापस ली जाएं।

कार्रवाई नहीं हुई तो जाऊंगा कोर्ट

बाद में पत्रकारों से चर्चा में दिग्विजय सिंह ने साफ कहा कि यदि एक सप्ताह में पुलिस इस मामले में FIR दर्ज नहीं करती, तो वे न्यायालय का रुख करेंगे। मैं एक हफ्ते तक इंतजार करूंगा। उन्होंने कहा कि रामदेव द्वारा दिया गया बयान सांप्रदायिक जहर घोलने का प्रयास है, जो देश के सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचा सकता है। 

बाबा रामदेव ने जो कहा वह क्यों कहा 

रामदेव का यह बयान ब्रांड ‘रूह अफ़ज़ा’ की ओर इशारा करता माना जा रहा है, जिसे देश की जानी-मानी यूनानी और आयुर्वेदिक कंपनी हमदर्द बनाती है। यहां बताना जरूरी है कि, 1906 में स्थापित हुई हमदर्द कंपनी की कई उत्पादों को 1948 में WAKF कर दिया गया था। इन उत्पादों में रूह अफजा शरबत भी है। WAKF का अर्थ होता है कि, इन प्रोडक्ट की बिक्री से जो भी कमाई होगी, उस पैसे से मुस्लिम संप्रदाय के लिए चैरिटी की जाएगी। शायद यही कारण है कि बाबा रामदेव ने कहा कि, अगर आप वो शरबत पिएंगे तो मस्जिद और मदरसे बनेंगे। 

क्या बाबा रामदेव को यही कहना चाहिए था

बाबा रामदेव का पूरा बयान इस प्रकार है "अगर आप वो शरबत पिएंगे तो मस्जिद और मदरसे बनेंगे और पतंजलि का शरबत पिएंगे तो गुरुकुल बनेंगे, आचार्य कुलम बनेगा, पतंजलि विश्वविद्यालय और भारतीय शिक्षा बोर्ड आगे बढ़ेगा।"। बाबा रामदेव ने रूह अफजा शरबत के बारे में जो भी कहा वह सही था परंतु उसके साथ अपनी कंपनी के शरबत को बेचने की कोशिश करना। यह गलत बात है। भारत में विज्ञापन के लिए, प्रचार प्रसार के लिए निर्धारित निर्देशों में नेगेटिव मार्केटिंग को अपराध बताया गया है। 

वैसे भी दोनों के बीच में कोई तुलनात्मक अध्ययन नहीं किया जा सकता है क्योंकि रूह अफजा शरबत की कमाई से उनके अपने संप्रदाय में चैरिटी होती है लेकिन पतंजलि की कमाई से हिंदू संप्रदाय में चैरिटी नहीं होती। पतंजलि एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी है। बाबा रामदेव ने अपनी कंपनी को अब तक पब्लिक भी नहीं किया है।

बाबा रामदेव और दिग्विजय सिंह, दोनों में से कौन सही है

इस प्रकार इस खेल में बाबा रामदेव और दिग्विजय सिंह दोनों ही गलत है। बाबा रामदेव अपने शरबत की बिक्री बढ़ाने के लिए लोगों की भावनाओं का उपयोग कर रहे हैं और दिग्विजय सिंह अपनी पॉलिटिक्स चमकाने के लिए बाबा रामदेव के बयान का विरोध कर रहे हैं। उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करके बाबा रामदेव के वायरल हो रहे सभी वीडियो डाउन करवाए जा सकते हैं परंतु दिग्विजय सिंह ऐसा नहीं कर रहे। शायद दिग्विजय सिंह जी बाबा रामदेव के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं बल्कि सिर्फ पॉलिटिक्स करना चाहते हैं।

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